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नवादा: लॉकडाउन के कारण बाजारों में नहीं दिख रही ईद की रौनक, घर में अदा करेंगे नमाज - नवादा में लॉकडाउन

नवादा में लॉकडाउन के कारण बाजारों में ईद की रौनक नहीं दिख रही है. लोग इस बार अपने-अपने घर में ही नमाज अदा करेंगे.

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Published : May 13, 2021, 5:38 PM IST

नवादा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण इस वर्ष अकबरपुर क्षेत्र में ईद का बाजार बेरौनक दिखा. लोगों ने ना नये कपड़ों की खरीदारी की, ना सेवई की.

इसे भी पढ़ेंः गंगा में मिल रही लाशों का कबीर पंथ कनेक्शन, सुनिए व्यवस्थापक की जुबानी

घर में कैद हैं लोग
ईद को लेकर प्रत्येक वर्ष मुसलमान भाई रमजान के आखिरी अशरे में नये कपड़े, जूते-चप्पल, टोपी, सूरमा, इत्र, सेवई, मेवे सहित अन्य सामग्री की खरीदारी करने के लिए बाजारों में उमड़ पड़ते थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से लोग अपने-अपने घर में कैद हैं. हर साल पटना और कोलकाता से लच्छा सेवई लाकर दुकानदार लोगों को उपलब्ध कराते थे.

घर में अदा करेंगे नमाज
लॉकडाउन के कारण इस वर्ष बाहर से सेवई नहीं आ सकी. वहीं पटना की कुछ सेवई गांव की दुकानों में मंहगे दामों पर बिक रही है. मो. मोनम रजा ने बताया कि इस दौर में कोरोना संक्रमण से बचाव एकमात्र उद्देश्य है. इस वर्ष जब ईद मुबारक की सामूहिक इबादत की खुशी नसीब नहीं हुई तो, ईद कैसे मनायी जाए. अल्लाह ने चाहा तो अगले वर्ष ईद की खुशियां लौटेंगी.

इस वर्ष परिवार के सभी सदस्य पुराने वस्त्रों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे. सिर्फ बच्चों की खुशी को देखते हुए घर में पहले से उपलब्ध नये कपड़े उन्हें पहनाया जाएगा.

नवादा: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण इस वर्ष अकबरपुर क्षेत्र में ईद का बाजार बेरौनक दिखा. लोगों ने ना नये कपड़ों की खरीदारी की, ना सेवई की.

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घर में कैद हैं लोग
ईद को लेकर प्रत्येक वर्ष मुसलमान भाई रमजान के आखिरी अशरे में नये कपड़े, जूते-चप्पल, टोपी, सूरमा, इत्र, सेवई, मेवे सहित अन्य सामग्री की खरीदारी करने के लिए बाजारों में उमड़ पड़ते थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से लोग अपने-अपने घर में कैद हैं. हर साल पटना और कोलकाता से लच्छा सेवई लाकर दुकानदार लोगों को उपलब्ध कराते थे.

घर में अदा करेंगे नमाज
लॉकडाउन के कारण इस वर्ष बाहर से सेवई नहीं आ सकी. वहीं पटना की कुछ सेवई गांव की दुकानों में मंहगे दामों पर बिक रही है. मो. मोनम रजा ने बताया कि इस दौर में कोरोना संक्रमण से बचाव एकमात्र उद्देश्य है. इस वर्ष जब ईद मुबारक की सामूहिक इबादत की खुशी नसीब नहीं हुई तो, ईद कैसे मनायी जाए. अल्लाह ने चाहा तो अगले वर्ष ईद की खुशियां लौटेंगी.

इस वर्ष परिवार के सभी सदस्य पुराने वस्त्रों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे. सिर्फ बच्चों की खुशी को देखते हुए घर में पहले से उपलब्ध नये कपड़े उन्हें पहनाया जाएगा.

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