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नवादा: किसानों के समर्थन में शांतिपूर्ण रहा राष्ट्रव्यापी बंद

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Published : Dec 8, 2020, 3:50 PM IST

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग सभी विपक्षी दलों ने शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद किया. इसके साथ ही कई ट्रेड यूनियनों और मजदूर संघों ने भी बंद का समर्थन किया.

शांतिपूर्ण रहा राष्ट्रव्यापी बंद
शांतिपूर्ण रहा राष्ट्रव्यापी बंद

नवादा: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के राष्ट्रव्यापी बंद को कांग्रेस, राजद, माले सहित विभिन्न विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों के अलावा कुछ मजदूर संघों ने भी समर्थन करते हुए हिसुआ विश्वशांति चौक पर बंद कराया. कई संगठनों ने भी किसानों के समर्थन में चक्का जाम प्रदर्शन किया.

आम आदमी को नहीं हुई परेशानी
किसान नेता सह सीपीआई रामजतन सिंह ने कहा कि हमारा बंद राजनीतिक दलों के बंद से अलग है. ये विचारधारा के कारण किया गया चार घंटे का सांकेतिक बंद है. उन्होंने कहा कि हमने दुकानदारों से भी इस दौरान अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध किया है. बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया.

किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी बंद

काले कानून को लेना होगा वापस
हिसुआ विधायक नीतू देवी ने कहा कि मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा. हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी चीज से नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता हैं इसलिए किसानों की हर मांग को सरकार को मानना होगा और इस काले कानून को वापस लेना होगा.

स्वेच्छा से बंद रखा गया हिसुआ बाजार
हिसुआ के व्यवसायियों ने बंद का समर्थन करते हुए स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखा. हालांकि बंद समर्थकों ने सुबह से ही हिसुआ चौक पर चक्का जाम कर दिया था और व्यवसायियों को किसानों के समर्थन में दुकान को बंद रखने का अपील की थी.

नवादा: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के राष्ट्रव्यापी बंद को कांग्रेस, राजद, माले सहित विभिन्न विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों के अलावा कुछ मजदूर संघों ने भी समर्थन करते हुए हिसुआ विश्वशांति चौक पर बंद कराया. कई संगठनों ने भी किसानों के समर्थन में चक्का जाम प्रदर्शन किया.

आम आदमी को नहीं हुई परेशानी
किसान नेता सह सीपीआई रामजतन सिंह ने कहा कि हमारा बंद राजनीतिक दलों के बंद से अलग है. ये विचारधारा के कारण किया गया चार घंटे का सांकेतिक बंद है. उन्होंने कहा कि हमने दुकानदारों से भी इस दौरान अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध किया है. बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया.

किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी बंद

काले कानून को लेना होगा वापस
हिसुआ विधायक नीतू देवी ने कहा कि मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा. हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी चीज से नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता हैं इसलिए किसानों की हर मांग को सरकार को मानना होगा और इस काले कानून को वापस लेना होगा.

स्वेच्छा से बंद रखा गया हिसुआ बाजार
हिसुआ के व्यवसायियों ने बंद का समर्थन करते हुए स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखा. हालांकि बंद समर्थकों ने सुबह से ही हिसुआ चौक पर चक्का जाम कर दिया था और व्यवसायियों को किसानों के समर्थन में दुकान को बंद रखने का अपील की थी.

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