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News Impact : पानी मिलते ही खिल उठे लोगों के चेहरे, बोले- 'शुक्रिया ETV भारत' - latest news

नल जल योजना के कारण प्रशासन ने पेयजल समस्या को दूर करने के लिए एक टोल फ्री नंबर जनता को मुहैया कराया है. लेकिन इस नंबर की जानकारी ज्यादा लोगों के पास नहीं है. ईटीवी भारत ने जब इसकी जानकारी लोगों को दी जिसका फायदा लोगों ने उठाना शुरू कर दिया.

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Published : May 17, 2019, 8:51 PM IST

नवादा: गर्मियों में पेयजल की समस्या जिले के कई गांवों में हैं. ईटीवी भारत लगातार ऐसे गांवों की खबरें चलाता रहा है. वहीं, प्रशासन ने समस्या को दूर करने के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. लेकिन ईटीवी की पड़ताल में कई गांवों में इस नंबर की जानकारी ग्रामीणों को नहीं थी. नवादा के एक रहीम बिगहा गांव में ईटीवी भारत ने जब लोगों को नंबर की जानकारी दी. जब लोगों ने उस नंबर पर पानी के लिए फोन किया तो एक घंटे के अंदर पानी उनके पास पहुंच गया.

जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा गांव में पानी की भारी किल्लत थी. इस बाबत ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने जब लोगों से टोल फ्री नंबर के बारे में जानकारी ली, तो लोगों ने जानकारी नहीं होने की बात बताई. जिसके बाद रिपोर्टर ने लोगों को टोल फ्री नंबर 06324-210036 से अवगत कराया.

गांव वालों को मिल गया पेयजल

एक घंटे में मिला पानी...
लोगों ने जैसे ही इस नंबर पर फोन लगाया. लगभग एक घंटे के अंदर पानी से भरा टैंकर गांव में पहुंच गया. पानी देखते ही लोगों के चेहरे खिल उठे. इनके बीच पहली बार पानी से भरा सरकारी टैंकर पहुंचा तो खुशी के मारे ग्रामीण महिलाएं हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी झूम उठे. हमारी ओर से पहल होने के बाद प्रशासन ने भी इस टोल फ्री नंबर के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया.

रहती थी पानी की घोर समस्या
बता दें कि इस गांव में अभी तक नल-जल योजना नहीं पहुंच पाई है. यहां की महिलाएं गांव से दुर्गम पहाड़ के रास्ते लगभग 5 किमी का सफर तय कर खखनुआ पहाड़ से पानी लाती थीं. उसी पानी से घर का सारा काम होता था, तड़पते मवेशियों को भी पानी पिलाकर प्यास बुझायी जाती थी. लेकिन आज पानी के भरे टैंकर के पहुंचते ही इनकी जान में जान आ गई.

क्या है 'हर घर नल जल' योजना?

  • इस योजना के तहत घर-घर पेयजल की व्यवस्था कराना है.
  • इसके लिए जिन गांवों में वाटर सप्लाई की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है, उन गांवों के लिए वाटर टैंकर से पानी आपूर्ति की जा रही है.
  • इसके लिए प्रशासन ने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं.
  • इन नंबरों पर कॉल करते ही लोगों को वाटर टैंकर उपलब्ध हो जाता है.
  • अभियंताओं को इन नंबरों की जानकारी आम लोगों तक देने की जिम्मेदारी है.
  • बहुत कम लोगों को इस नंबर की जानकारी है.

क्या कहते हैं ग्रामीण?
हम लोग पानी के बिना मर रहे थे. सुबह हमने नौ बजे कॉल किया और एक घंटे के अंदर हमारे पास टैंकर पहुंच गया. इससे पहले पानी लाने के लिए यहां से 5 किमी दूर जाना पड़ता था. पानी आ जाने से सभी खुश हैं. खासकर महिलाएं पानी आ जाने से ज्यादा खुश दिखीं और डीएम साहब को धन्यवाद दिया.

लोगों ने कहा- 'थैंक यू ईटीवी भारत'

गांव के लोगों ने ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमें टोल फ्री / नियंत्रण कक्ष नंबर की जानकारी नहीं थी. हमें यह भी पता नहीं था कि इस नंबर पर कॉल करने से पानी मिल जाएगा. हम ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस नंबर की जानकारी दी.

नवादा: गर्मियों में पेयजल की समस्या जिले के कई गांवों में हैं. ईटीवी भारत लगातार ऐसे गांवों की खबरें चलाता रहा है. वहीं, प्रशासन ने समस्या को दूर करने के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. लेकिन ईटीवी की पड़ताल में कई गांवों में इस नंबर की जानकारी ग्रामीणों को नहीं थी. नवादा के एक रहीम बिगहा गांव में ईटीवी भारत ने जब लोगों को नंबर की जानकारी दी. जब लोगों ने उस नंबर पर पानी के लिए फोन किया तो एक घंटे के अंदर पानी उनके पास पहुंच गया.

जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा गांव में पानी की भारी किल्लत थी. इस बाबत ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने जब लोगों से टोल फ्री नंबर के बारे में जानकारी ली, तो लोगों ने जानकारी नहीं होने की बात बताई. जिसके बाद रिपोर्टर ने लोगों को टोल फ्री नंबर 06324-210036 से अवगत कराया.

गांव वालों को मिल गया पेयजल

एक घंटे में मिला पानी...
लोगों ने जैसे ही इस नंबर पर फोन लगाया. लगभग एक घंटे के अंदर पानी से भरा टैंकर गांव में पहुंच गया. पानी देखते ही लोगों के चेहरे खिल उठे. इनके बीच पहली बार पानी से भरा सरकारी टैंकर पहुंचा तो खुशी के मारे ग्रामीण महिलाएं हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी झूम उठे. हमारी ओर से पहल होने के बाद प्रशासन ने भी इस टोल फ्री नंबर के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया.

रहती थी पानी की घोर समस्या
बता दें कि इस गांव में अभी तक नल-जल योजना नहीं पहुंच पाई है. यहां की महिलाएं गांव से दुर्गम पहाड़ के रास्ते लगभग 5 किमी का सफर तय कर खखनुआ पहाड़ से पानी लाती थीं. उसी पानी से घर का सारा काम होता था, तड़पते मवेशियों को भी पानी पिलाकर प्यास बुझायी जाती थी. लेकिन आज पानी के भरे टैंकर के पहुंचते ही इनकी जान में जान आ गई.

क्या है 'हर घर नल जल' योजना?

  • इस योजना के तहत घर-घर पेयजल की व्यवस्था कराना है.
  • इसके लिए जिन गांवों में वाटर सप्लाई की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है, उन गांवों के लिए वाटर टैंकर से पानी आपूर्ति की जा रही है.
  • इसके लिए प्रशासन ने टोल फ्री नंबर जारी किए हैं.
  • इन नंबरों पर कॉल करते ही लोगों को वाटर टैंकर उपलब्ध हो जाता है.
  • अभियंताओं को इन नंबरों की जानकारी आम लोगों तक देने की जिम्मेदारी है.
  • बहुत कम लोगों को इस नंबर की जानकारी है.

क्या कहते हैं ग्रामीण?
हम लोग पानी के बिना मर रहे थे. सुबह हमने नौ बजे कॉल किया और एक घंटे के अंदर हमारे पास टैंकर पहुंच गया. इससे पहले पानी लाने के लिए यहां से 5 किमी दूर जाना पड़ता था. पानी आ जाने से सभी खुश हैं. खासकर महिलाएं पानी आ जाने से ज्यादा खुश दिखीं और डीएम साहब को धन्यवाद दिया.

लोगों ने कहा- 'थैंक यू ईटीवी भारत'

गांव के लोगों ने ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमें टोल फ्री / नियंत्रण कक्ष नंबर की जानकारी नहीं थी. हमें यह भी पता नहीं था कि इस नंबर पर कॉल करने से पानी मिल जाएगा. हम ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस नंबर की जानकारी दी.

Intro:नवादा। जिले में पेयजल समस्या से जुड़ी ख़बरें लागातर आने के बाद पहलीबार समाधान होने की खबरें भी आई है। जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गोविंदपुर प्रखंड के रहीम बिगहा में पानी की घोर समस्या रहती थी। यहां नल-जल योजन अभी तक नहीं पहुंच पाई है। यहां के महिलाओं को अपने गांव से दुर्गम पहाड़ के रास्ते लगभग 5 किमी का सफ़र तय कर खखनुआ पहाड़ से पानी लाना पड़ता था। महिलाएं सुबह 4 बजे से ही बर्तन लेकर पानी के लिए अपने घर से प्रस्थान कर जाती थी और उसी पानी से घर की सारी कामों को निपटाने का प्रयास करती थी। उसी पानी से तड़पते मवेशियों को भी पानी पिलाकर प्यास बुझाया करती थी। लेकिन, जब इनके बीच पहलीबार पानी से भरा सरकारी टैंकर पहुँचा तो खुशी के मारे ग्रामीण महिलाएं हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी झूम उठे।





Body:पहलीबार सरकारी टैंकर से पहुंचा पानी

तपती गर्मी में दो बूंद पानी के लिए तरसते लोगों के बीच जब पानी से भरा हुआ सरकारी टैंकर पहुंचा तो वहां की महिला-पुरुष और बच्चे में खुशी का लहर दौड़ पड़ा। टैंकर के तरफ़ ऐसे दौड़ लगाया जैसे वर्षों से पानी के लिए तड़प रहा हो।

पानी के लिए 5 किमी जाना पड़ता था दूर

रहीम बिगहा का यह दलित टोला है जिसमें करीब 40 घर है। यहाँ के सभी चापाकल सूख चुके हैं। एक है भी तो पानी ही ठीक से नहीं देता। इसलिए महिलाएं अपनी टोली बनाकर सुबह 4 बजे से ही गांव से 5 किमी दूर खखुनआ पहाड़ से चलकर पानी लाती है और फिर खाना पकाकर काम पर निकल जाती है। अब जब टैंकर आ गया है तो इनकी परेशानी भी कम होने के आसार बढ़
गये हैं।

अभी तक नहीं पहुँच पाया है नल-जल योजना

सूबे की सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है सात निश्चय जिसके तहत हर घर नल और जल पहुंचाने की बातें कही जा रही है लेकिन अभी जिले के कई सारे ऐसे गांव हैं यह योजना अभी तक नहीं पहुंच पाई है जिनमें एक रहीम बिगहा भी है।


कैसे पहुंची पानी भरा टैंकर

आजकल जिला प्रशासन की ओर से टॉल फ्री नंबर 06324-210036 जारी किया गया है जिसपे आम लोग जल संबंधित समस्याओं सूचना दे सकते हैं। चाहे चापाकल मरम्मत की समस्या हो, चाहे पानी की गंभीर समस्या हो। कर्मी सूचना मिलते ही 24 घंटे के भीतर उस समस्या को निदान करेगी। ऐसा सख़्त निर्देश जिलाधिकारी की ओर से दिए गए हैं। साथ ही पीएचईडी के सहायक अभियंता, कनिक अभियंता का नंबर भी आमजनों तक प्रसारित करने का निर्देश दिया है। जब ख़बर के सिलसिले में रहीम बिगहा पहुंची ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से टॉल फ्री नंबर के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं थी। उन्हें इसकी जानकारी दी गई जिसके बाद ग्रामीणों ने उस नंबर पर जल संबंधी समस्या बताया जिसके बाद घंटे भर के भीतर वहां सरकारी टैंकर आ खड़ा हो गया।


क्या कहते हैं ग्रामीण

हमलोग पानी के बग़ैर मर रहे थे सुबह हमने नौ बजे कॉल किया और एक घंटे के अंदर हमलोगों के पास टैंकर पहुंच गया है। इससे पहले पानी लाने के लिए यहां से 5 किमी दूर जाना पड़ता था। पानी आ जाने से सभी खुश हैं। अभी अभी कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम जी का फोन आया था। इसके लिए हम उनको धन्यवाद देते हैं। वहीं महिलाएं भी पानी आ जाने से काफी खुश दिखी और डीएम साहब को धन्यवाद ज्ञापित किया।







Conclusion:ईटीवी भारत की ओर से लगातार पेयजल की समस्या से संबंधित खबरें प्रसारित करने का असर अब दिखने लगा है। जिला प्रशासन की ओर से अब कॉल पर पानी की समस्या से संबंधित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या आमलोगों को आगे भी ऐसी सुविधा बरकरार रहेगी? क्योंकि अक़्सर देखा जाता है कि सरकारी काम शुरू तो बड़ी चुस्ती के साथ करती है और बाद में जाते-जाते सुस्ती में तब्दील हो जाती है।
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