नवादा: जिले के हिसुआ थाना के कहरिया गांव में छोटे भाई सुनील चौधरी ने अपराधियों को बुलाकर अपने बड़े भाई राजेंद्र चौधरी पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसमें बड़ा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया. परिजनों ने जख्मी को पावापुरी मेडिकल कालेज (Pawapuri Medical College) में दाखिल कराया था. जहां रविवार को चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना से आहत परिजनों एवं समर्थकों ने शव को सड़क पर रखकर हिसुआ राजगीर पथ एनएच 82 (Hisua Rajgir Path NH 82) को कहरीया गांव के पास जाम कर दिया.
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परिजनों ने की कार्रवाई की मांग: परिजनों का कहना है कि मामले में पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की थी, जिसके तनाव के कारण घायल राजेंद्र की मौत हुई है. वहीं परिजन लगातार मुआवजे और हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बता दें कि नाराज ग्रामिणों ने सोमवार को लाश के साथ हसुआ का मुख्य चौराहा जाम कर दिया. एसपी से थाना प्रभारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. ग्रामीणों का आरोप है हिसुआ का थानेदार दलालों के गिरफ्त में रहकर प्रतिदिन लाखों की कमाई करता है. वह सही तरीके से प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करता है. रुपये लेकर यथोचित धाराएं भी नहीं लगाई जाती. अगर सही प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होती, तो शायद आज एक निर्दोष की जान नहीं जाती.
"मेरे छोटे चाचा सुनील चौधरी ने 19 दिसंबर को बाहर से बुलाकर पांच अपराधियों के सहयोग से मेरे पिता पर लाठी डंडे से जानलेवा हमला किया था. जिसमें उनका सर फट गया था, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा नहीं लगाई थी. जिस कारण हमलावर खुलेआम घूम रहा है."-मृतक का पुत्र
मामूली विवाद में हुई मारपीट: घटना के संबंध में बताया जाता है कि 19 दिसंबर को घर में इंची टेप टूट जाने को लेकर विवाद हुआ जिसमें भाई ने ही अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बड़े भाई के साथ जमकर मारपीट की. जिसके बाद जख्मी को चिंताजनक हालत में पावापुरी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां आज इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं जाम की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे नवादा डीएसपी उपेंद्र प्रसाद, हिसुआ पुलिस इंस्पेक्टर राम वचन कुमार और थाना प्रभारी मोहन कुमार, एएसआई जीतेंद्र कुमार, बीडीओ रितेश कुमार, अंचलाधिकारी लवकेश कुमार, व्यापार मंडल अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सिंह उर्फ विगन, पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष मनोज यादव ने परिजनों को समझा-बुझाकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.