नवादा: जिले में पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश की वजह से सभी नदियों और डैम का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ था. इस दौरान गोविंदपुर प्रखंड स्थित कोल महादेव डैम टूट गया. बांध टूटने से लोगों के घरों में पानी ने अचानक दस्तक दे दिया. जिस वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
ग्रामीणों ने बताया कि बांध में पहले से ही रिसाव हो रहा था. बाद में यह नदी का दबाव नहीं झेल पाया और डैम टूट गया. स्थानीय मुखिया ने बताया कि इसकी सूचना जिला प्रशासन और सांसद को दी गई थी, लेकिन प्रशासन आश्वासन देकर चली गई. लोग अपने घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं.
सरकारी सहायता से वंचित हैं लोग
मुखिया का कहना है कि अचानक पानी आने से लोगों के घरों में रखा हुआ अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ नष्ट हो गया. सैकड़ों ग्रामीण भूखे सो रहे हैं. प्रखंड के बीडीओ और सीओ को सूचना दी गई, लेकिन वो भी सिर्फ निरीक्षण करके चले गए. लोगों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. ग्रामीणों को सरकारी सहायता की दरकार है. लोग अभी तक सरकारी सहायता से वंचित है.
जीवन और मौत से जूझ रहे ग्रमीण- भाजपा नेता
वहीं, इस मामले पर भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रामाश्रय सिंह ने कहा कि ग्रामीण अनेकों समस्याओं से जूझ रहे हैं. लोगों के घरों में पानी आने से सांप और बिच्छू का भय बना हुआ है. किसानों के फसल नष्ट हो गए हैं. लोग भुखमरी की कगार पर हैं. बाढ़ से त्रस्त लोग किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से महरूम हैं. ग्रामीण अपने हाल पर जीवन-मौत से जूझ रहे हैं.
कई दिनों से डूबा हुआ है गांव
मुखिया का कहना है कि नवादा सांसद चंदन कुमार और डीएम कौशल कुमार से भी बात की गई. उन्होंने आश्वासन दिया कि 2 घंटों के अंदर राहत सामग्री और अन्य सहायता ग्रामवासियों को दिया जाएगा. लेकिन माननीयों का आश्वासन धरातल पर नहीं उतरा, कई दिनों से गांव डूबा हुआ है. पहले ग्रामीणों ने लगातार हो रही बारिश का दंश झेला और अब डैम टूटने से आई बाढ़ का दंश भी लोग झेल रहे हैं. लोगों को किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली. उन्होंने दुखी होकर कहा कि अब तो ऐसा महसूस हो रहा है जैसे यह गांव भारत के नक्शे में है ही नही. लोग कुव्यवस्था के कारण बीमार हो रहे हैं.
लगातार बारिश से उफनाई थी नदियां
गौरतलब है कि जिले में विगत दिनों लगातार बारिश हो रही थी, जिस वजह से जिले की सभी नदियां उफान पर हैं. धनार्जय नदी में तेज बहाव के कारण नरहट प्रखंड के बभनौर से सेराजनगर की ओर जाने वाली सड़क पर बना पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. वहीं, बुद्ध की धरती को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग नवादा-गया और राजगीर-गया पथ पर बना तिलैया नदी डायवर्सन भी बह गया था. डायवर्सन बह जाने से नवादा, जमुई के अलावा राजगीर-बोधगया का संपर्क टूट गया है. इन सड़कों पर यातायात भंग हो गया है.