नवादा: बिहार के नवादा जिले में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक अपने बकायेदारों से ऋण वसूली के लिए गांधीगिरी का तरीका अपना रहे (gandhigiri in nawada for loan recovery from defaulters) हैं. बता दें कि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक अपने बकायेदारों से ऋण वसूली के लिए तरह-तरह के हथकंडे (Loan Defaulters In Nawada) अपनाने में लगे हैं. जिससे ग्राहकों को तकलीफ भी नहीं हो और राशि की भी आसानी से वसूली हो जाय.
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"अब 5 लाख रुपये के सीसी का 1.13 लाख हो सूद हो गया था. कुल बकाया राशि 6.13 लाख हो गया था. घंटों अनशन पर बैठे रहने के बाद कारोबारी ने सीसी का सूद सहित कुल 1.15 लाख रुपया जमा किया."-नरेंद्र कुमार वर्मा, सीनियर प्रबंधक, ग्रामीण बैंक सिरदला शाखा
6.13 लाख था बैंक का बकायाः इसी कड़ी में ग्रामीण बैंक के अधिकारियों ने जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सिरदला बाजार स्थित आरके इंटरप्राइजेज प्रतिष्ठान में गांधीगिरी चलाकर ऋण वसूली करने पहुंचे. ग्रामीण बैंक सिरदला शाखा के सीनियर प्रबंधक नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उक्त प्रतिष्ठान के कारोबारी द्वारा बैंक से 5 लाख रुपया का सीसी कराया गया था. उस राशि में जमा-निकासी का प्रावधान है, लेकिन उक्त प्रतिष्ठान के संचालक ने सीसी का सभी राशि निकाल तो लिया, परंतु एक बार भी उस खाते में रुपया जमा नहीं किया. अब 5 लाख रुपये का सूद 1.13 लाख हो गया. इस हिसाब से कुल बकाया राशि 6.13 लाख हो गया.
अनशन पर बैठे तो मिली सूद की राशिः बैंक अधिकारी ने बताया कि बैंक द्वारा कई बार नोटिस भी दिया गया, बावजूद कोई प्रभाव नहीं पड़ने पर जिला मुख्यालय से लेकर स्थानीय शाखा तक के बैंक अधिकारियों की टीम सिरदला पहुंचकर उक्त कारोबारी के प्रतिष्ठान के आगे तख्ती लेकर सभी बैंक अधिकारी अनशन पर बैठ गये. उन्होंने बताया कि घंटों अनशन पर बैठे रहने के बाद उक्त कारोबारी ने सीसी का सूद सहित कुल 1.15 लाख रूपये जमा किया. इसके बाद उसका नाम एनपीए डिफोल्डर से बाहर हुआ. साथ ही हर महीने 45 हजार रुपया जमा करने पर भी सहमती बनी. उन्होंने कहा कि अब उक्त कारोबारी द्वारा सीसी के रकम को निकासी करने की अनुमति मिल गई है.
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