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गर्मी आते ही बढ़ने लगी हैं अगलगी की घटनाएं, विभाग में संसाधन का घोर अभाव

आकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी में 8, फरवरी में 13, मार्च में 15 और अप्रैल के 16 दिन में 35 घटनाएं हो चुकी हैं.

विभाग में खड़ा अग्निशमन वाहन
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Published : Apr 19, 2019, 12:21 PM IST

नवादाः गर्मी शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हर साल करोड़ों की संपत्ति राख हो जाती है. कई लोग बेघर हो जाते हैं. इस साल भी कुछ ऐसा ही आलम है. अभी तो गर्मी की शुरुआत हुई है और अगलगी की घटनाओं में इजाफा हो गया है. चिंता इस बात की है कि बिहार अग्निशमन सेवा के तहत कार्य कर रहे जिला स्थित विभाग में संसाधनों का घोर अभाव है.

आकड़ों के मुताबिक अगलगी के कारण जनवरी माह से अब तक करीब 20 लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. करीब 45-50 लाख की संपत्तियों को अग्निशमन विभाग की सक्रियता से बचाया जा चुका है. लेकिन चिंता कि बात ये है कि जिला मुख्यालय में महज तीन अग्निशमन वाहन हैं. जिसमें एक खराब पड़ा है. एक बड़ा वाहन है, जिसमें 28 सौ लीटर पानी की क्षमता है. लेकिन वो भी काफी पुरानी हो चुका है. एक मझले साइज का वाहन है, जिसके भरोसे ही जिला मुख्यालय और उसके आस-पास के इलाके की सुरक्षा की जा रही है.

बयान देते अग्निशमन विभाग के अधिकारी

विभाग में संसाधन का अभाव
इस वक्त जिला मुख्यालय को कम से कम दो अतिरिक्त अग्निशमन वाहन की और आवश्यकता है. इतना ही नहीं करीब 23 लाख आबादी वाले इस जिले में अगर थानावार अग्निशमन की संख्या देखी जाय तो इसका घोर अभाव है. अभी भी 20 थाना में से सिर्फ 10 थाना पर अग्निशमन वाहन मौजूद है. बाकी थाना क्षेत्र के लोग और उनकी संपत्ति भगवान भरोसे है. हालांकि पिछले दो सालों में पहले की अपेक्षा स्थिति में कुछ सुधार हुवा है. जिन थानों को अग्निशमन वाहन नहीं मिला है उनमें काशीचक, पकरीबरावां, मुफस्सिल, रूपो, सीतामढ़ी और बुंदेलखंड शामिल है.

महज 16 दिन में 35 घटनाएं
दमकलकर्मियों की ओर से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया जाता है. उनकी सूझ-बूझ से इस माह में लाखों की संपत्ति को बचाया जा चुका है. अगर एक नजर आंकड़ों की ओर देंखे तो पिछले साल 2018 में जनवरी से मार्च तक कुल 55 घटनाएं हुई थी. जिसमें करीब 61 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. जिसमें एक करोड़ से 5 लाख तक की संपत्ति को बचाया गया था. जबकि 2019 में इन तीन महीने के दौरान16 दिन में कुल 72 घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें, जनवरी में 8, फरवरी में 13, मार्च में 15 और अप्रैल के 16 दिन में 35 घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें रजौली अनुमंडल के आंकड़े अभी शामिल नहीं हैं.

मुख्यालय में है एक ही अग्निशमन
जिला मुख्यालय में तीन दमकल में से एक खराब है तो दूसरा को ईवीएम के सुरक्षा में लगा दिया गया है. जो 23 मई तक वहीं रहेगा. बाकी बचे एक वाहन पर ही अब आम लोगों को सुरक्षा दी जायेगी. काशीचक और पकरीबरावां को भी यहीं से सेवा दी जा रही है. जो शहर से 20-30 किमी दूरी पर है.

क्या कहते हैं अधिकारी
इस सिलसिले में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगलगी की घटना से निपटने के लिए हमारी टीम तैयार है. हमलोग इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं. ये बात सच है कि पिछले कुछ दिनों में अगलगी की घटना में इजाफा हुआ है. लेकिन जितना संसाधन हमारे पास है उससे सेवा देने के लिए तत्पर हैं. समय पर पहुंच जाते हैं लेकिन अगर प्रखंड स्तर पर भी अग्निशमन वाहन की व्यवस्था हो जाता तो और बेहतर होगा.

नवादाः गर्मी शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हर साल करोड़ों की संपत्ति राख हो जाती है. कई लोग बेघर हो जाते हैं. इस साल भी कुछ ऐसा ही आलम है. अभी तो गर्मी की शुरुआत हुई है और अगलगी की घटनाओं में इजाफा हो गया है. चिंता इस बात की है कि बिहार अग्निशमन सेवा के तहत कार्य कर रहे जिला स्थित विभाग में संसाधनों का घोर अभाव है.

आकड़ों के मुताबिक अगलगी के कारण जनवरी माह से अब तक करीब 20 लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. करीब 45-50 लाख की संपत्तियों को अग्निशमन विभाग की सक्रियता से बचाया जा चुका है. लेकिन चिंता कि बात ये है कि जिला मुख्यालय में महज तीन अग्निशमन वाहन हैं. जिसमें एक खराब पड़ा है. एक बड़ा वाहन है, जिसमें 28 सौ लीटर पानी की क्षमता है. लेकिन वो भी काफी पुरानी हो चुका है. एक मझले साइज का वाहन है, जिसके भरोसे ही जिला मुख्यालय और उसके आस-पास के इलाके की सुरक्षा की जा रही है.

बयान देते अग्निशमन विभाग के अधिकारी

विभाग में संसाधन का अभाव
इस वक्त जिला मुख्यालय को कम से कम दो अतिरिक्त अग्निशमन वाहन की और आवश्यकता है. इतना ही नहीं करीब 23 लाख आबादी वाले इस जिले में अगर थानावार अग्निशमन की संख्या देखी जाय तो इसका घोर अभाव है. अभी भी 20 थाना में से सिर्फ 10 थाना पर अग्निशमन वाहन मौजूद है. बाकी थाना क्षेत्र के लोग और उनकी संपत्ति भगवान भरोसे है. हालांकि पिछले दो सालों में पहले की अपेक्षा स्थिति में कुछ सुधार हुवा है. जिन थानों को अग्निशमन वाहन नहीं मिला है उनमें काशीचक, पकरीबरावां, मुफस्सिल, रूपो, सीतामढ़ी और बुंदेलखंड शामिल है.

महज 16 दिन में 35 घटनाएं
दमकलकर्मियों की ओर से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया जाता है. उनकी सूझ-बूझ से इस माह में लाखों की संपत्ति को बचाया जा चुका है. अगर एक नजर आंकड़ों की ओर देंखे तो पिछले साल 2018 में जनवरी से मार्च तक कुल 55 घटनाएं हुई थी. जिसमें करीब 61 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. जिसमें एक करोड़ से 5 लाख तक की संपत्ति को बचाया गया था. जबकि 2019 में इन तीन महीने के दौरान16 दिन में कुल 72 घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें, जनवरी में 8, फरवरी में 13, मार्च में 15 और अप्रैल के 16 दिन में 35 घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें रजौली अनुमंडल के आंकड़े अभी शामिल नहीं हैं.

मुख्यालय में है एक ही अग्निशमन
जिला मुख्यालय में तीन दमकल में से एक खराब है तो दूसरा को ईवीएम के सुरक्षा में लगा दिया गया है. जो 23 मई तक वहीं रहेगा. बाकी बचे एक वाहन पर ही अब आम लोगों को सुरक्षा दी जायेगी. काशीचक और पकरीबरावां को भी यहीं से सेवा दी जा रही है. जो शहर से 20-30 किमी दूरी पर है.

क्या कहते हैं अधिकारी
इस सिलसिले में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगलगी की घटना से निपटने के लिए हमारी टीम तैयार है. हमलोग इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं. ये बात सच है कि पिछले कुछ दिनों में अगलगी की घटना में इजाफा हुआ है. लेकिन जितना संसाधन हमारे पास है उससे सेवा देने के लिए तत्पर हैं. समय पर पहुंच जाते हैं लेकिन अगर प्रखंड स्तर पर भी अग्निशमन वाहन की व्यवस्था हो जाता तो और बेहतर होगा.

Intro:नवादा। गर्मी की आहट होते ही अगलगी की घटनाएं बढ़ जाती है। हर साल करोड़ों की संपत्ति राख हो जाती है। कई लोग बेघर हो जाते हैं। इस साल भी कुछ ऐसा ही आलम है। अभी तो गर्मी की शुरुआत भर हुई हैं कि, अगलगी की घटना में इज़ाफ़ा दिखनी शुरू हो गई है। अगलगी के कारण जनवरी माह से अभी तक करीब 20 लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। और करीब 45-50 लाख की संपत्तियों को अग्निशमन विभाग की सक्रियता से बचाया जा चुका है।

इन सब के बावजूद भी सूबे की सरकार के अग्निशमन विभाग इसे अनदेखी कर देते हैं। बिहार अग्निशमन सेवा के तहत कार्य कर रहे जिला स्थित विभाग में संसाधनों की घोर अभाव है।

जिला मुख्यालय में महज तीन अग्निशमन वाहन है जिसमें एक खराब पड़ा हुआ है। एक बड़ा वाहन है जिसमें 28 सौ लीटर की क्षमता है लेकिन वो भी काफी पुरानी हो चुकी है। और एक मझले साइज का वाहन है जिसके भरोसे से ही जिला मुख्यालय और उसके आसपास के इलाके की सुरक्षा की जा रही है। जबकि, इस वक्त जिला मुख्यालय को कम से कम दो अतिरिक्त अग्निशमन वाहन की और आवश्यकता है। इतना ही नहीं करीब 23 लाख आबादी वाले इस जिले में अगर थाना वाइज अग्निशमन की संख्या देखी जाय तब पर भी घोर अभाव देखा जा सकता है। अभी भी 20 थाना में से सिर्फ 10 थाना पर अग्निशमन वाहन मौजूद है बांकी के थाना क्षेत्र के लोग और उनकी संपत्ति भगवान भरोसे है। अगर भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो इस जिले में अग्निशमन वाहन की काफी कमी है। हालांकि पिछले दो वर्षों में पहले की अपेक्षा कुछ स्थिति में सुधार हुई है।

जिन थानों में दमकल की व्यवस्था की गई है उसकी क्षमता महज तीन सौ लीटर की है। यह दमकल इतना छोटा है कि, यदि व्यापक स्तर पर कहीं आग लग जाए तो इससे आग पर काबू पाना संभव नहीं है। हालांकि, छोटे स्तर पर आग लगने की स्थिति में यह काफी कारगर साबित होती है।

सीमित संसाधनों में अच्छी सेवा देने का प्रयास अग्निशमन टीम के द्वारा किया जा रहा है लेकिन संशाधनों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें काफ़ी शिकायतें और लोगों के गुस्से झेलने पड़ते हैं।

निम्न थाना को नहीं मिला है अग्निशमन वाहन


काशीचक, पकरीबरावां, मुफस्सिल, रूपो, सीतामढ़ी, बुंदेलखंड


14 से 20 अप्रैल को मनाया जाता है अग्निशमन सेवा सप्ताह

विभाग के ओर से प्रत्येक वर्ष 14 से 29 अप्रैल को अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जाता है जिसमें अग्निशमन विभाग के द्वारा लोगों को आगलगी की घटना से बचने के लिए जागरूक किया जाता है। जिसका नतीजा यह हुआ है कि जिले में पिछले कुछ वर्षों में घरों में आग लगने की घटना में काफी कमी आई है।

अप्रैल में महज 16 दिन में हो चुकी है 35 घटनाएं

जिले में अगलगी की घटनाएं को उक्त आंकड़ों से समझा जा सकता है कि यह किस प्रकार बढ़ता जा रहा है। दमकलकर्मियों की ओर से आग बुझाने की भरसक प्रयास किया जा रहा है। उनके सूझबूझ से इस माह में लाखों की संपत्ति को बचाया जा चुका है। अगर एक नज़र आंकड़ो की ओर देखे तो पिछले साल 2018 में जनवरी से मार्च तक कुल 55 घटनाएं हो चुकी थी जिसमे करीब 61 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था और एक करोड़ से 5 लाख की संपत्ति को बचाया गया था। जबकि 2019 में इन तीन महीने 16 दिन में कुल 72 घटनाएं हो चुकी है जिसमें, जनवरी में 8, फरवरी 13, मार्च में 15 और अप्रैल के 16 दिन में 35 घटनाएं हो चुकी है जिसमें रजौली अनुमंडल के आंकड़े अभी शामिल नहीं है। इन घटनाओं में अभी तक 20 लाख से ऊपर की संपत्ति की क्षति हुई है और 40-45 लाख रुपए की संपत्ति को बचाया गया है।

एक ही अग्निशमन वाहन से हो रही है जिला मुख्यालय की सुरक्षा

जिला मुख्यालय में तीन दमकल में से एक खराब है तो दूसरा को ईवीएम के सुरक्षा में लगा दिया गया है। जो 23 मई तक वहीं रहेगी। बांकी बचे एक वाहन पर ही अब आम लोगों लोगों को सुरक्षा दी जायेगी। काशीचक और पकरीबरावां को भी यहीं से सेवा दी जा रही है जो शहर से 20-30 किमी दूरी पर है।

क्या कहते हैं अधिकारी

अगलगी की घटना से निपटने के लिए हमारी टीम तैयार है। हमलोग इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे हैं। ये बात सच है कि पिछले कुछ दिनों में अगलगी की घटना में इज़ाफ़ा हुआ है लेकिन जितनी संसाधन हमारे पास हैं उससे सेवा देने के लिए तत्पर हैं। समय पर पहुंच जाते हैं लेकिन अगर प्रखंड स्तर पर भी अग्निशमन वाहन की व्यवस्था हो जाता तो और बेहतर होता।







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Conclusion:सूबे की सरकार आम लोगों की सुरक्षा की बात तो करते हैं लेकिन उनकी सुरक्षा में लगे अग्निशमन विभाग को अनदेखी कर देते हैं। अगर सरकार इस ओर ध्यान देती है तो न सिर्फ लोग घर से बेघर होने से बचेंगें बल्कि अपनी लाखों की संपत्ति को भी सुरक्षित बचा पाएंगें।
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