नवादा: स्वच्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार भारत को स्वच्छ बनाने के लिए जद्दोजहद में लगी हुई है. लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी-पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से स्वच्छता को लेकर कई सारे प्रश्न खड़े हो रहे है.
अधिकारियों की लापरवाही
नगर परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए सभी वार्डों में सूखे और गीले कूड़े-कचरे के लिए 18 हजार परिवारों के बीच निःशुल्क डस्टबिन को बांटने का निर्णय लिया था. लेकिन इसमें अधिकारियों की लापरवाही दिखती नजर आ रही है. इनकी वजह से लाखों रुपए के खरीदे गए डस्टबिन नगर भवन में खुले आसमान के नीचे पड़े बर्बाद हो रहे है. सालभर बीतने के बाद भी आज तक इसे किसी भी वार्डों में वितरित नही किया गया है. मौजूदा हालत यह है कि,डस्टबिन कभी बारिश में धुलता है तो कभी धूप में सूखता है. साथ ही धीरे-धीरे डस्टबिन यहां से गायब भी होने लगे है.
बर्बादी के कगार पर प्रोजेक्ट
नगर परिषद के मोहम्मद रेहान का कहना है कि, यह डस्टबिन एक साल से यहां पड़ा हुआ है. इसे जनता में बांट देना चाहिए था. यह स्वच्छता की चीज है लोग जितना इसका इस्तेमाल करेगें उससे देश में साफ-सफाई बनी रहेगी. लेकिन यहां सब बर्बाद हो रहा है. वहीं, देवराज पासवान का कहना है कि, यहां हफ्ते में एक बार प्रशासन का कार्यक्रम होता है. आंख के सामने ऐसी हालत होने के बावजूद इसपे उनकी नज़र नही जाती है. यहां ना ही सुरक्षा की व्यवस्था है और ना ही रखने के लिए उचित स्थान है. इसे अगर गरीबों में बांट दिया जाए तो उनको पानी रखने में भी काम आएगा. प्रशासन की आंखों के सामने इतना बड़ा प्रोजेक्ट बर्बादी के कगार पर है.
संसाधन की कमी
वहीं नगर परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि यह बर्बाद नही हो रहा है. नीले और हरे कलर के डस्टबिन खरीदे गए थे. जिसका 18 हजार परिवारों के बीच वितरण किया जाना है. यहां पर संसाधन की कमी होने के कारण डस्टबिनों को साफ-सफ़ाई की गाड़ियों में लोड करके वितरण किया जाता है. इसलिए वितरण की गति धीमी चल रही है. एक- दो कर के सारे डस्टबिन बांट दिए जाएंगे.