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नवादा: नगर परिषद अधिकारियों की बड़ी लापरवाही, लाखों रुपए के डस्टबिन हो रहे बर्बाद - नवादा न्यूज

अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लाखों रुपए के खरीदे गए डस्टबिन नगर भवन में खुले आसमान के नीचे पड़े बर्बाद हो रहे है. सालभर बीतने के बाद भी आज तक इसे किसी भी वार्डों में वितरित नही किया गया है.

कूड़े-कचरे की समस्या
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Published : Aug 23, 2019, 2:03 PM IST

Updated : Aug 23, 2019, 2:25 PM IST

नवादा: स्वच्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार भारत को स्वच्छ बनाने के लिए जद्दोजहद में लगी हुई है. लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी-पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से स्वच्छता को लेकर कई सारे प्रश्न खड़े हो रहे है.

Waste problem
कचरों की समस्या

अधिकारियों की लापरवाही
नगर परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए सभी वार्डों में सूखे और गीले कूड़े-कचरे के लिए 18 हजार परिवारों के बीच निःशुल्क डस्टबिन को बांटने का निर्णय लिया था. लेकिन इसमें अधिकारियों की लापरवाही दिखती नजर आ रही है. इनकी वजह से लाखों रुपए के खरीदे गए डस्टबिन नगर भवन में खुले आसमान के नीचे पड़े बर्बाद हो रहे है. सालभर बीतने के बाद भी आज तक इसे किसी भी वार्डों में वितरित नही किया गया है. मौजूदा हालत यह है कि,डस्टबिन कभी बारिश में धुलता है तो कभी धूप में सूखता है. साथ ही धीरे-धीरे डस्टबिन यहां से गायब भी होने लगे है.

डस्टबिन वितरण ना होने के कारण कचरे की समस्या

बर्बादी के कगार पर प्रोजेक्ट
नगर परिषद के मोहम्मद रेहान का कहना है कि, यह डस्टबिन एक साल से यहां पड़ा हुआ है. इसे जनता में बांट देना चाहिए था. यह स्वच्छता की चीज है लोग जितना इसका इस्तेमाल करेगें उससे देश में साफ-सफाई बनी रहेगी. लेकिन यहां सब बर्बाद हो रहा है. वहीं, देवराज पासवान का कहना है कि, यहां हफ्ते में एक बार प्रशासन का कार्यक्रम होता है. आंख के सामने ऐसी हालत होने के बावजूद इसपे उनकी नज़र नही जाती है. यहां ना ही सुरक्षा की व्यवस्था है और ना ही रखने के लिए उचित स्थान है. इसे अगर गरीबों में बांट दिया जाए तो उनको पानी रखने में भी काम आएगा. प्रशासन की आंखों के सामने इतना बड़ा प्रोजेक्ट बर्बादी के कगार पर है.

Waste of dustbin
डस्टबिन की बर्बादी

संसाधन की कमी
वहीं नगर परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि यह बर्बाद नही हो रहा है. नीले और हरे कलर के डस्टबिन खरीदे गए थे. जिसका 18 हजार परिवारों के बीच वितरण किया जाना है. यहां पर संसाधन की कमी होने के कारण डस्टबिनों को साफ-सफ़ाई की गाड़ियों में लोड करके वितरण किया जाता है. इसलिए वितरण की गति धीमी चल रही है. एक- दो कर के सारे डस्टबिन बांट दिए जाएंगे.

Officer, Municipal Council
पदाधिकारी, नगर परीषद

नवादा: स्वच्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार भारत को स्वच्छ बनाने के लिए जद्दोजहद में लगी हुई है. लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी-पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से स्वच्छता को लेकर कई सारे प्रश्न खड़े हो रहे है.

Waste problem
कचरों की समस्या

अधिकारियों की लापरवाही
नगर परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए सभी वार्डों में सूखे और गीले कूड़े-कचरे के लिए 18 हजार परिवारों के बीच निःशुल्क डस्टबिन को बांटने का निर्णय लिया था. लेकिन इसमें अधिकारियों की लापरवाही दिखती नजर आ रही है. इनकी वजह से लाखों रुपए के खरीदे गए डस्टबिन नगर भवन में खुले आसमान के नीचे पड़े बर्बाद हो रहे है. सालभर बीतने के बाद भी आज तक इसे किसी भी वार्डों में वितरित नही किया गया है. मौजूदा हालत यह है कि,डस्टबिन कभी बारिश में धुलता है तो कभी धूप में सूखता है. साथ ही धीरे-धीरे डस्टबिन यहां से गायब भी होने लगे है.

डस्टबिन वितरण ना होने के कारण कचरे की समस्या

बर्बादी के कगार पर प्रोजेक्ट
नगर परिषद के मोहम्मद रेहान का कहना है कि, यह डस्टबिन एक साल से यहां पड़ा हुआ है. इसे जनता में बांट देना चाहिए था. यह स्वच्छता की चीज है लोग जितना इसका इस्तेमाल करेगें उससे देश में साफ-सफाई बनी रहेगी. लेकिन यहां सब बर्बाद हो रहा है. वहीं, देवराज पासवान का कहना है कि, यहां हफ्ते में एक बार प्रशासन का कार्यक्रम होता है. आंख के सामने ऐसी हालत होने के बावजूद इसपे उनकी नज़र नही जाती है. यहां ना ही सुरक्षा की व्यवस्था है और ना ही रखने के लिए उचित स्थान है. इसे अगर गरीबों में बांट दिया जाए तो उनको पानी रखने में भी काम आएगा. प्रशासन की आंखों के सामने इतना बड़ा प्रोजेक्ट बर्बादी के कगार पर है.

Waste of dustbin
डस्टबिन की बर्बादी

संसाधन की कमी
वहीं नगर परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि यह बर्बाद नही हो रहा है. नीले और हरे कलर के डस्टबिन खरीदे गए थे. जिसका 18 हजार परिवारों के बीच वितरण किया जाना है. यहां पर संसाधन की कमी होने के कारण डस्टबिनों को साफ-सफ़ाई की गाड़ियों में लोड करके वितरण किया जाता है. इसलिए वितरण की गति धीमी चल रही है. एक- दो कर के सारे डस्टबिन बांट दिए जाएंगे.

Officer, Municipal Council
पदाधिकारी, नगर परीषद
Intro:नवादा। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार भारत को स्वच्छ बनाने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी-पदाधिकारी के लापरवाही के वजह से स्वच्छता को लेकर कई सारे प्रश्न खड़े हो रहे हैं। दरअसल,नगर परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन मद्देनजर रखते हुए सभी वार्डों में सूखे और गीले कूड़े-कचड़े के लिए निःशुल्क डस्टविन बांटने का निर्णय लिया है लेकिन इनकी लापरवाही के वजह से का है लाखों रुपए के खरीदे गए डस्टविन नगर भवन परिसर में खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं। बर्बाद हो रहे हैं। साल होने को है लेकिन आज तक इसे सभी वार्डों में वितरण नहीं किया गया है। मौजूदा स्थिति यह है कि, डस्टविन कभी वारिश तो कभी धूप में धुलने की वजह से कमजोर पड़ गया है। और धीरे-धीरे यहां से डब्बे गायब भी होने लगे हैं।


Body: 18 परिवारों के बीच किया जाना है वितरण परिषद की ओर से सूखे और गीले कूड़े-कचड़े के लिए डस्टविन खरीदे गए हैं जिसे 18 हजार परिवारों के बीच वितरण होना है। लेकिन साल होने को हैं अभी तक सभी परिवारों तक यह नहीं पहुंच पाई है। हालांकि, कुछ वार्ड में वितरण किया गया था लेकिन एकबार फिर यह वितरण की प्रक्रिया ठप्प पड़ती दिखाई दे रही है। क्या कहते हैं नगर परिषद के लोग मोहम्मद रेहान का कहना है कि, यह डस्टविन एक साल से पड़ा हुआ है। इसे जनता में बांट देना चाहिए था। यह स्वच्छ भारत का चीज है। सब बर्बाद हो रहा है। वहीं, देवराज पासवान का कहना है, यहाँ हफ्ता में प्रशासन का कार्यक्रम होता है आंख के सामने इसकी ऐसी हालत होने के बावजूद इसपे उनका नज़र नहीं जाता। इसे अगर गरीब-गुरबा में बांट देता तो बेचारे को पानी रखने में भी काम आता। दुर्भाग्य कहा जाए यहां की प्रशासन का जिनके आंख के सामने आज इतनी बड़ी प्रोजेक्ट बर्बादी के कगार पर है। न यह सुरक्षा की व्यवस्था है और न रखने के लिए योग्य स्थान। क्या कहते हैं पदाधिकारी वहीं, नहीं यह बर्बाद नहीं हो रहा। यह खरीदी की गई थी। जिसे 18 हजार परिवारों के बीच वितरण की जानी थी। इसके लिए नीला और हरे कलर के डब्बे क्रय किए गये हैं चूंकि जो साफ-सफ़ाई की गाड़ियां है उसी में लोड करके वितरण किया जाता है। यहां पर संसाधन की कमी है इसलिए वितरण की गति धीमी चल रही है। एक- दो सारा डस्टविन बांट दी जाएगी।


Conclusion:
Last Updated : Aug 23, 2019, 2:25 PM IST
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