नवादा: कोविड-19 के बाद देश का पहला बजट 2021-22 पेश किया गया है. जिसमें दलित व आदिवासी के लिए क्या कुछ दिया गया है, उस पर चर्चा करते हुए बजट का विश्लेषण किया गया.
बजट पर विश्लेषण
राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान ने बताया कि बेरोजगारी का उच्च स्तर, स्वास्थ्य संकट, विकास दर में गिरावट, किसान विरोध प्रदर्शन, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर बढ़ते संकट सहित अन्य मुद्दों को लेकर देश में उथल-पुथल है. केंद्रीय बजट का उद्देश्य उनकी आवश्यकताओं और अधिकारों को मुख्यधारा में लाना है.
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बजट से क्या मिला
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 659.02 करोड़ रुपये की तुलना में असंगठित श्रमिकों के लिए 341.42 करोड़ आवंटित किए गए हैं. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के लिए बढ़कर AWSC के तहत 3415.62 करोड़ दिया गया है. योजना में केंद्र सरकार के 60% हिस्से के अगले 6 वर्षो के लिए एससी-एसटी छात्रों के लिए 35,219 करोड़ दिया गया है.