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नवादा में 11 राइफलों की सलामी से आर्मी जवान को दी अंतिम विदाई, गूंजा 'भारत माता की जय' के नारे

Nawada News बिहार के नवादा में आर्मी जवान की कैंसर से मौत हो गई. वह लखनऊ अस्पताल में भर्ती था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई. जवान का शव नवादा पहुंचते ही घर में मातमी सन्नाटा पसर गया. साथ में आए जवानों ने 11 राइफलों की सलामी देकर अंतिम विदाई दी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 10, 2022, 3:16 PM IST

नवादा में आर्मी जवान को अंतिम विदाई देते जवान
नवादा में आर्मी जवान को अंतिम विदाई देते जवान

नवादा : बिहार के नवादा में कैंसर से पीड़ित जवान की मौत (Army jawan died In Nawada) इलाज के दौरान हो गई. जवान का इलाज लखनऊ के अस्पताल में चल रहा था. शनिवार को जवान का शव गांव पहुंचते ही मातमी सन्नाटा पसर गया. जवानों ने 11 राइफलों की सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई. पार्थिव शरीर को देखने के लिए आस-पास के गांवों से भी लोगों की भीड़ अंतिम विदाई में शामिल होने उमड़ पड़ी.

यह भी पढ़ेंः बेगूसराय: ट्रक ने बाइक में मारी टक्कर, होमगार्ड जवान की मौत, पत्नी गंभीर

कानपुर में पदस्थापित थाः आर्मी जवान मदन कुमार (35) रोह प्रखंड के जागीर गांव का रहने वाला था. जो कानपुर में पदस्थापित था. दो साल से कैंसर से जूझ रहा था. लखनऊ में इलाज के दौराम मौत हो गई. शनिवार को जवान का शव सेना की गाड़ी से तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा. शव आते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. मौके पर आस-पास के गांवों से भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हालः जवान की अंतिम विदाई के दौरान 'भारत माता की जय' नारा लगाया गया. लखनऊ से साथ आए सेना के जवानों ने शव को अपने कंधों पर उठा कर मृतक के घर तक पहुंचाया. इस दृश्य को देखकर हर किसी की आंखे नम थीं. मृतक जवान की पत्नी नूतन, बेटे हिमांशु और पियांसु कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था, जि‍न्‍हें सभी सांत्वना दे रहे थे.

बड़े बेटे ने मुखाग्नि दीः जवान का अंतिम संस्कार गांव के ही पोखरा घाट स्थित श्‍मशान घाट पर किया गया. मृतक के बड़े बेटे हिमांशु ने जवान को मुखाग्नि दी. मौके पर उपस्थित आर्मी के जवानों ने ग्यारह राइफलों से सलामी देकर मृतक जवान को अंतिम विदाई दी. मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे.

नवादा : बिहार के नवादा में कैंसर से पीड़ित जवान की मौत (Army jawan died In Nawada) इलाज के दौरान हो गई. जवान का इलाज लखनऊ के अस्पताल में चल रहा था. शनिवार को जवान का शव गांव पहुंचते ही मातमी सन्नाटा पसर गया. जवानों ने 11 राइफलों की सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई. पार्थिव शरीर को देखने के लिए आस-पास के गांवों से भी लोगों की भीड़ अंतिम विदाई में शामिल होने उमड़ पड़ी.

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कानपुर में पदस्थापित थाः आर्मी जवान मदन कुमार (35) रोह प्रखंड के जागीर गांव का रहने वाला था. जो कानपुर में पदस्थापित था. दो साल से कैंसर से जूझ रहा था. लखनऊ में इलाज के दौराम मौत हो गई. शनिवार को जवान का शव सेना की गाड़ी से तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा. शव आते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. मौके पर आस-पास के गांवों से भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हालः जवान की अंतिम विदाई के दौरान 'भारत माता की जय' नारा लगाया गया. लखनऊ से साथ आए सेना के जवानों ने शव को अपने कंधों पर उठा कर मृतक के घर तक पहुंचाया. इस दृश्य को देखकर हर किसी की आंखे नम थीं. मृतक जवान की पत्नी नूतन, बेटे हिमांशु और पियांसु कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था, जि‍न्‍हें सभी सांत्वना दे रहे थे.

बड़े बेटे ने मुखाग्नि दीः जवान का अंतिम संस्कार गांव के ही पोखरा घाट स्थित श्‍मशान घाट पर किया गया. मृतक के बड़े बेटे हिमांशु ने जवान को मुखाग्नि दी. मौके पर उपस्थित आर्मी के जवानों ने ग्यारह राइफलों से सलामी देकर मृतक जवान को अंतिम विदाई दी. मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे.

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