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Nalanda News: मैट्रिक फेल और डिप्लोमा चाय वाला के बाद अब ग्रेजुएट VIP फास्ट फूड स्टॉल, सुर्खियों में है नालंदा का ये लड़का - Graduate VIP Fast Food Stall In Nalanda

नालंदा में मैट्रिक फेल और डिप्लोमा चाय वाला के बाद ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड नाम से स्टॉल खोला गया है. जिले के ही रहने वाले सूरज कुमार नाम के युवक ने ये स्टॉल खोला है, जो इन दिनों सुर्खियों में है. पढ़ें पूरी खबर..

ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड वाले
ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड वाले
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 31, 2023, 8:34 AM IST

Updated : Aug 31, 2023, 10:59 AM IST

ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड वाले

नालंदा: बिहार के नालंदा के रहने वाले सूरज कुमार इन दिनों सुर्खियों में हैं. सूरज कुमार पार्ट टाइम जॉब के लिए फास्ट फूड का स्टॉल लगाया है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से उन्होंने फास्ट फूड का स्टॉल लगाने की सोची और ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड के नाम से स्टॉल खोल दिया, जो काफी सुर्खियों में है.

ये भी पढ़ें- Bhagalpur Crorepati Chaiwala: सूट बूट में चाय बेचते हैं दीपक, बोले- 'करोड़पति चायवाला सुनना अच्छा लगता है'

सुर्खियों में है ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड स्टॉल: सूरज कुमार नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड अंतर्गत कल्याण बीघा के टाडापर गांव के रहने वाले हैं. सूरज कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि अभी तीन दिन पहले इसकी शुरुआत किया है. पहले दिन डेढ़ सौ और दूसरे दिन तीन सौ रुपए की आमदनी हुई है. उन्होंने बताया कि यहां पर लगे अन्य स्टॉल से पांच रुपये कम की दर पर वो फास्ट फूड बेचते हैं.

"बिहारशरीफ मुख्यालय में किराए पर रूम लेकर परिवार के साथ रहकर पढ़ाई भी करता हूं. भाइयों के सहयोग से फास्ट फूड के स्टॉल की शुरुआत की है. जिसका प्रशिक्षण हमने अपने जीजा के साथ उनके स्टॉल पर रहकर लिया है. जिस प्रकार लोग पढ़ लिखकर नौकरी नहीं मिलने पर रोजगार के लिए पलायन कर जाते हैं और दूसरे के यहां नौकर बनकर रहते हैं, उससे बेहतर है कि घर पर ही कष्ट सहकर अपना रोजगार करें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी."- सूरज कुमार, फास्ट फूड दुकान संचालक

पार्ट टाइम रोजगार के लिए खोला स्टॉल: सूरज कुमार ने बताया कि स्टॉल के लिए हर माह हमें एक हजार रुपए किराया भी देना पड़ता है. ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड नाम लिखने का असल मकसद यह है कि हम जिस जगह पर स्टॉल लगाए हैं, यह वीआईपी लोगों का इलाका है और अंग्रेजी से स्नातक तक पढ़ाई किया हूं. एसएससी और बैंकिंग रेलवे की तैयारी भी करता हूं. शाम को 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक यह स्टॉल चलाते हैं, बाकी वक्त घर के कामों में और परिवार के साथ पढ़ाई कर गुजारते हैं. इसके साथ ही बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं.

"बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं. अभी शुरुआत किए हैं. जैसे-जैसे लोगों को इस दुकान पर नजर पड़ रही है. वैसे ही लोग वहां नाम पूछने और जानने के साथ खाते भी हैं."- सूरज कुमार, फास्ट फूड दुकान संचालक

पढ़ाई के साथ रोजगार का नया आइडिया: आपको बता दें कि बिहार में कई शिक्षित बेरोजगार इनदिनों अपनी शिक्षा से जोड़कर बेरोजगारी दूर करने में लगे हैं. उनमें से ही नालंदा में डिप्लोमा चाय वाला और मैट्रिक फेल चाय वाला के बाद ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड का स्टॉल खोल लिया है. हालांकि, जिस सोच के साथ इन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत किया है, उसे कब तक चलाएंगे ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड वाले

नालंदा: बिहार के नालंदा के रहने वाले सूरज कुमार इन दिनों सुर्खियों में हैं. सूरज कुमार पार्ट टाइम जॉब के लिए फास्ट फूड का स्टॉल लगाया है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से उन्होंने फास्ट फूड का स्टॉल लगाने की सोची और ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड के नाम से स्टॉल खोल दिया, जो काफी सुर्खियों में है.

ये भी पढ़ें- Bhagalpur Crorepati Chaiwala: सूट बूट में चाय बेचते हैं दीपक, बोले- 'करोड़पति चायवाला सुनना अच्छा लगता है'

सुर्खियों में है ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड स्टॉल: सूरज कुमार नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड अंतर्गत कल्याण बीघा के टाडापर गांव के रहने वाले हैं. सूरज कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि अभी तीन दिन पहले इसकी शुरुआत किया है. पहले दिन डेढ़ सौ और दूसरे दिन तीन सौ रुपए की आमदनी हुई है. उन्होंने बताया कि यहां पर लगे अन्य स्टॉल से पांच रुपये कम की दर पर वो फास्ट फूड बेचते हैं.

"बिहारशरीफ मुख्यालय में किराए पर रूम लेकर परिवार के साथ रहकर पढ़ाई भी करता हूं. भाइयों के सहयोग से फास्ट फूड के स्टॉल की शुरुआत की है. जिसका प्रशिक्षण हमने अपने जीजा के साथ उनके स्टॉल पर रहकर लिया है. जिस प्रकार लोग पढ़ लिखकर नौकरी नहीं मिलने पर रोजगार के लिए पलायन कर जाते हैं और दूसरे के यहां नौकर बनकर रहते हैं, उससे बेहतर है कि घर पर ही कष्ट सहकर अपना रोजगार करें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी."- सूरज कुमार, फास्ट फूड दुकान संचालक

पार्ट टाइम रोजगार के लिए खोला स्टॉल: सूरज कुमार ने बताया कि स्टॉल के लिए हर माह हमें एक हजार रुपए किराया भी देना पड़ता है. ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड नाम लिखने का असल मकसद यह है कि हम जिस जगह पर स्टॉल लगाए हैं, यह वीआईपी लोगों का इलाका है और अंग्रेजी से स्नातक तक पढ़ाई किया हूं. एसएससी और बैंकिंग रेलवे की तैयारी भी करता हूं. शाम को 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक यह स्टॉल चलाते हैं, बाकी वक्त घर के कामों में और परिवार के साथ पढ़ाई कर गुजारते हैं. इसके साथ ही बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं.

"बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते हैं. अभी शुरुआत किए हैं. जैसे-जैसे लोगों को इस दुकान पर नजर पड़ रही है. वैसे ही लोग वहां नाम पूछने और जानने के साथ खाते भी हैं."- सूरज कुमार, फास्ट फूड दुकान संचालक

पढ़ाई के साथ रोजगार का नया आइडिया: आपको बता दें कि बिहार में कई शिक्षित बेरोजगार इनदिनों अपनी शिक्षा से जोड़कर बेरोजगारी दूर करने में लगे हैं. उनमें से ही नालंदा में डिप्लोमा चाय वाला और मैट्रिक फेल चाय वाला के बाद ग्रेजुएट वीआईपी फास्ट फूड का स्टॉल खोल लिया है. हालांकि, जिस सोच के साथ इन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत किया है, उसे कब तक चलाएंगे ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

Last Updated : Aug 31, 2023, 10:59 AM IST
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