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नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गंगाजल उद्वह परियोजना पर काम शुरू

नालंदा में गंगाजल उद्वह परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है. पाइप लाइन बिछाई जा रही है. बता दें कि यह सीएम नीतीश कुमार के महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है.

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Published : Jul 19, 2020, 5:12 PM IST

नालंदा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल परियोजना पर काम शुरू हो गया है. मोकामा के मरांची के पास से सरमेरा, रहुई और बिहार शरीफ होते हुए पाइपलाइन के माध्यम से गंगाजल को नालंदा जिले के गिरियक प्रखंड के घोड़ा कटोरा तक लाने की परियोजना है. जहां घोड़ा कटोरा में एक डैम में गंगाजल को एकत्रित किया जाएगा. फिर यहीं से उसे प्यूरीफायर कर राजगीर और गया पाइप लाइन से भेजा जाएगा.

यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिस पर काम शुरू हो गया है. जिले के रहुई प्रखंड के भेंड़ा गांव के पास स्टेट हाई-वे 78 के किनारे पाइप लाइन का कार्य शुरू कर दिया गया है.

परियोजना का क्या है उद्देश्य?
बता दें कि गंगा जल परियोजना का मुख्य उद्देश्य है कि बरसात के मौसम में जब गंगा नदी पूरे उफान पर रहेगी. उन चार महीनों के दौरान गंगाजल के पानी को पाइप के सहारे गिरियक के घोड़ा कटोरा में एक जलाशय में एकत्रित किया जाएगा. उसके बाद गंगा के पानी को प्यूरीफायर कर नवादा और गया में भेजा जाएगा. वहीं, गिरियक से यह पाइप लाइन नवादा और राजगीर के लिए निकलेगी. इसके अलावा राजगीर के वाणगंगा होते हुए तपोबन, गहलोत घाटी होते हुए गया तक जाएगी.

372 एकड़ जमीन पर होगा काम
एक हो जहां पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं दूसरी और घोड़ा कटोरा में रिजर्वबायर निर्माण के कार्य के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. डैम में आने वाले जमीन का कुछ हिस्सा निजी भू-धारकों का है, जिनके भुगतान की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. वहीं, प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. कार्य एजेंसी से संबंधित विभागों से के साथ समीक्षा भी किया जा रहा है. बता दें कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं. करीब 372 एकड़ में जलाशय का निर्माण होना है. जिसमें अधिकांश जमीन सरकारी है. इस परियोजना की मॉनिटरिंग के लिए बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग भी लगा हुआ है.

पानी की किल्लत से दूर होगा राजगीर
मालूम हो कि राजगीर लंबे समय से पानी की किल्लत झेलता आ रहा है. ऐसे में गंगाजल के पहुंच जाने से राजगीर में पीने की पानी की समस्या भी दूर हो सकेगी. वहीं, आसपास के जिले के लोगों को भी पानी की आपूर्ति हो जाएगी. जिससे इन इलाकों में पीने के लिए गंगाजल मिल पाएगा. बताया जाता है कि साल 2021 के जून महीने से पहले फेज में राजगीर और आसपास के इलाकों में गंगा जल आपूर्ति को शुरू कर दी जाएगी. लक्ष्य है कि प्रति व्यक्ति 135 लीटर गंगाजल लोगों को मुहैया कराया जाएगा.

खर्च करने की अनुमानित लागत
बताया ये भी जाता है कि पेयजल के लिए 90 मिलियन क्यूसेक मीटर तक की स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी. जिसके निर्माण का काम 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार के अधिकारियों का एक दल विभिन्न राज्यों में जाकर वहां के पेयजल परियोजना का सर्वे किया और उसके बाद इस काम में गति प्रारंभ हुई. वहीं, गंगाजल उद्भव प्रोजेक्ट के लिए करीब 3600 करोड़ खर्च करने की अनुमानित लागत रखी गई है.

नालंदा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल परियोजना पर काम शुरू हो गया है. मोकामा के मरांची के पास से सरमेरा, रहुई और बिहार शरीफ होते हुए पाइपलाइन के माध्यम से गंगाजल को नालंदा जिले के गिरियक प्रखंड के घोड़ा कटोरा तक लाने की परियोजना है. जहां घोड़ा कटोरा में एक डैम में गंगाजल को एकत्रित किया जाएगा. फिर यहीं से उसे प्यूरीफायर कर राजगीर और गया पाइप लाइन से भेजा जाएगा.

यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिस पर काम शुरू हो गया है. जिले के रहुई प्रखंड के भेंड़ा गांव के पास स्टेट हाई-वे 78 के किनारे पाइप लाइन का कार्य शुरू कर दिया गया है.

परियोजना का क्या है उद्देश्य?
बता दें कि गंगा जल परियोजना का मुख्य उद्देश्य है कि बरसात के मौसम में जब गंगा नदी पूरे उफान पर रहेगी. उन चार महीनों के दौरान गंगाजल के पानी को पाइप के सहारे गिरियक के घोड़ा कटोरा में एक जलाशय में एकत्रित किया जाएगा. उसके बाद गंगा के पानी को प्यूरीफायर कर नवादा और गया में भेजा जाएगा. वहीं, गिरियक से यह पाइप लाइन नवादा और राजगीर के लिए निकलेगी. इसके अलावा राजगीर के वाणगंगा होते हुए तपोबन, गहलोत घाटी होते हुए गया तक जाएगी.

372 एकड़ जमीन पर होगा काम
एक हो जहां पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं दूसरी और घोड़ा कटोरा में रिजर्वबायर निर्माण के कार्य के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. डैम में आने वाले जमीन का कुछ हिस्सा निजी भू-धारकों का है, जिनके भुगतान की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. वहीं, प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. कार्य एजेंसी से संबंधित विभागों से के साथ समीक्षा भी किया जा रहा है. बता दें कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं. करीब 372 एकड़ में जलाशय का निर्माण होना है. जिसमें अधिकांश जमीन सरकारी है. इस परियोजना की मॉनिटरिंग के लिए बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग भी लगा हुआ है.

पानी की किल्लत से दूर होगा राजगीर
मालूम हो कि राजगीर लंबे समय से पानी की किल्लत झेलता आ रहा है. ऐसे में गंगाजल के पहुंच जाने से राजगीर में पीने की पानी की समस्या भी दूर हो सकेगी. वहीं, आसपास के जिले के लोगों को भी पानी की आपूर्ति हो जाएगी. जिससे इन इलाकों में पीने के लिए गंगाजल मिल पाएगा. बताया जाता है कि साल 2021 के जून महीने से पहले फेज में राजगीर और आसपास के इलाकों में गंगा जल आपूर्ति को शुरू कर दी जाएगी. लक्ष्य है कि प्रति व्यक्ति 135 लीटर गंगाजल लोगों को मुहैया कराया जाएगा.

खर्च करने की अनुमानित लागत
बताया ये भी जाता है कि पेयजल के लिए 90 मिलियन क्यूसेक मीटर तक की स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी. जिसके निर्माण का काम 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार के अधिकारियों का एक दल विभिन्न राज्यों में जाकर वहां के पेयजल परियोजना का सर्वे किया और उसके बाद इस काम में गति प्रारंभ हुई. वहीं, गंगाजल उद्भव प्रोजेक्ट के लिए करीब 3600 करोड़ खर्च करने की अनुमानित लागत रखी गई है.

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