नालंदा: पूरे बिहार में उम्मीद से कम बारिश होने के कारण तालाब, पोखर सूखने के कगार पर है. इस मानसून से नालन्दा जिले में अब तक किसानों परेशान दिख रहे थे लेकिन अब कई पर्यटक स्थलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है. ऐसा ही कुछ हाल नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर का है. यहां कम बारिश होने की वजह से राजगीर का प्रसिद्ध जन्म कुंडली सूखने के कगार पर पहुंच गया है.
गौरतलब है कि राजगिर स्थित गर्म कुंड, गर्म पानी को लेकर ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. क्योंकि इस गर्म कुंड के पानी में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो कई बीमारियों को ठीक करता है. इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में जाड़े के दिनों में भारत के साथ-साथ कई विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं लेकिन आजकल गर्म कुंड पर मानसून का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि राजगीर में कई ऐसे विकास का काम चल रहा है जिसके कारण गर्म कुंड के आसपास बोरिंग करवाया जा रहा है. इससे गर्म कुंड का वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया है और गर्म जल की धारा भी बंद हो गयी है.
कुंड के आस-पास के क्षेत्रों से बोरिंग को हटाकर समुचित व्यवस्था की मांग
बतातें चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा गर्म कुंड के पास ही पांडू पोखर का निर्माण कराया गया था. इससे उम्मीद थी की जल संचय कर जलस्तर बढ़ायी जायेगी. लेकिन आजकल यह पांडू पोखर भी सूखने के कगार पर है. अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अगर इस बार अच्छी बारिश नहीं होती है तो गर्म कुंड का जलस्तर और भी नीचे चला जायेगा और गर्म कुंड का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि कुंड के आस पास के क्षेत्रों में किए गये बोरिंग के लिए को समुचित व्यवस्था करे ताकि कुंड को बचाया जा सके.