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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर पर भी खतरा मंडराया, जलस्तर हुआ नीचे - Tourist place

नालंदा में कम बारिश होने के कारण किसान तो परेशान थे ही अब पर्यटक स्थल राजगीर के गर्म कुंड के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. कुंड का जलस्तर नीचे चला गया है.वहीं, अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय ने सरकार से इस पर समुचित व्यवस्था करने की अपील किया है.

राजगीर के गर्म पानी के कुंड पर मानसून का खतरा
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Published : Jul 8, 2019, 11:30 AM IST

नालंदा: पूरे बिहार में उम्मीद से कम बारिश होने के कारण तालाब, पोखर सूखने के कगार पर है. इस मानसून से नालन्दा जिले में अब तक किसानों परेशान दिख रहे थे लेकिन अब कई पर्यटक स्थलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है. ऐसा ही कुछ हाल नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर का है. यहां कम बारिश होने की वजह से राजगीर का प्रसिद्ध जन्म कुंडली सूखने के कगार पर पहुंच गया है.

जानकारी देते अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय

गौरतलब है कि राजगिर स्थित गर्म कुंड, गर्म पानी को लेकर ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. क्योंकि इस गर्म कुंड के पानी में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो कई बीमारियों को ठीक करता है. इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में जाड़े के दिनों में भारत के साथ-साथ कई विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं लेकिन आजकल गर्म कुंड पर मानसून का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि राजगीर में कई ऐसे विकास का काम चल रहा है जिसके कारण गर्म कुंड के आसपास बोरिंग करवाया जा रहा है. इससे गर्म कुंड का वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया है और गर्म जल की धारा भी बंद हो गयी है.

कुंड के आस-पास के क्षेत्रों से बोरिंग को हटाकर समुचित व्यवस्था की मांग

बतातें चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा गर्म कुंड के पास ही पांडू पोखर का निर्माण कराया गया था. इससे उम्मीद थी की जल संचय कर जलस्तर बढ़ायी जायेगी. लेकिन आजकल यह पांडू पोखर भी सूखने के कगार पर है. अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अगर इस बार अच्छी बारिश नहीं होती है तो गर्म कुंड का जलस्तर और भी नीचे चला जायेगा और गर्म कुंड का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि कुंड के आस पास के क्षेत्रों में किए गये बोरिंग के लिए को समुचित व्यवस्था करे ताकि कुंड को बचाया जा सके.

नालंदा: पूरे बिहार में उम्मीद से कम बारिश होने के कारण तालाब, पोखर सूखने के कगार पर है. इस मानसून से नालन्दा जिले में अब तक किसानों परेशान दिख रहे थे लेकिन अब कई पर्यटक स्थलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है. ऐसा ही कुछ हाल नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर का है. यहां कम बारिश होने की वजह से राजगीर का प्रसिद्ध जन्म कुंडली सूखने के कगार पर पहुंच गया है.

जानकारी देते अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय

गौरतलब है कि राजगिर स्थित गर्म कुंड, गर्म पानी को लेकर ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. क्योंकि इस गर्म कुंड के पानी में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो कई बीमारियों को ठीक करता है. इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में जाड़े के दिनों में भारत के साथ-साथ कई विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं लेकिन आजकल गर्म कुंड पर मानसून का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि राजगीर में कई ऐसे विकास का काम चल रहा है जिसके कारण गर्म कुंड के आसपास बोरिंग करवाया जा रहा है. इससे गर्म कुंड का वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया है और गर्म जल की धारा भी बंद हो गयी है.

कुंड के आस-पास के क्षेत्रों से बोरिंग को हटाकर समुचित व्यवस्था की मांग

बतातें चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा गर्म कुंड के पास ही पांडू पोखर का निर्माण कराया गया था. इससे उम्मीद थी की जल संचय कर जलस्तर बढ़ायी जायेगी. लेकिन आजकल यह पांडू पोखर भी सूखने के कगार पर है. अखिल भारतीय तीर्थ महासभा के उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अगर इस बार अच्छी बारिश नहीं होती है तो गर्म कुंड का जलस्तर और भी नीचे चला जायेगा और गर्म कुंड का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि कुंड के आस पास के क्षेत्रों में किए गये बोरिंग के लिए को समुचित व्यवस्था करे ताकि कुंड को बचाया जा सके.

Intro:एंकर--पूरे बिहार में मॉनसून कमजोर होने के कारण उम्मीद के हिसाब से बारिश नहीं हो पाई है। जिससे नदी,तालाब, पोखर सूखने के कगार पर है। इस कमजोर मॉनसून से नालन्दा जिले में अब तक किसानों परेशान दिख रहे थे लेकिन अब इस खराब मॉनसून से कई पर्यटक स्थलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है। ऐसा ही कुछ हाल नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर की है जहां लगातार बारिश कम होने से राजगीर का प्रसिद्ध जन्म कुंडली सूखने के कगार पर पहुंच गया है।Body:गौरतलब है कि गर्म कुंड गर्म पानी के लेकर ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है,क्योंकि इससे गर्म कुंड के पानी में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो कई बीमारियों को ठीक करता है। इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में जाड़े के दिनों में भारत के साथ साथ कई विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं लेकिन आजकल गर्म कुंड पर मॉनसून का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो राजगीर में कई ऐसे विकास का काम है जिसमें जिसको लेकर गर्म कुंड के आसपास बोरिंग करवाया जा रहा है। जिससे गर्म कुंड का वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया है और जीतने भी गर्म जल का अमृत धारा भी बंद हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा गर्म कुंड के पास ही पांडू पोखर का निर्माण कराया गया था जिससे जल संचय कर जलस्तर बढ़ने की उम्मीद भविष्य में जताई गई थी लेकिन आजकल यह पांडू पोखर भी सूखने के कगार पर है। इस विकट स्थिति से जूझ रहे अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर के गर्म कुंड को सूखने से पांच तरीके से रोका जा सकता है। जिसके लिए राजगीर के आसपास भी के घने जंगल की भी अवैध तरीके से हो रहे अवैध कटाई को रोकना होगा। इस पर राज्य सरकार को अभिलंब रोक लगाने की जरूरत है। राजगीर गर्म कुंड के नजदीक कई ऐसे बोरिंग है जिसके अंदर पानी का बहाव बिना बजह होता रहता है। राजगीर कुंड के पास कई ऐसे तालाब है जिनमें खुदाई की जरूरत है।

बाइट--धीरेंद्र उपाध्याय स्थानीय निवासी




Conclusion:अगर इस बार अच्छी बारिश नही होती है तो गर्म कुंड का जल स्तर और भी नीचे चला जायेगा। अगर इन सभी कारणो का निराकरण नही किया जाता है तो हम अपने पुराने अस्तित्व जिसके लिए राजगीर जाना जाता है तो निश्चित रूप में गर्म कुंड का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।


राकेश संवाददाता
नालंदा
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