नालंदा: राजधानी पटना में गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने के कारण एक युवती को अपना एक हाथ गंवाना पड़ा था. इसके बावजूद लगातार अस्पतालों से लापरवाही बरतने के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला नालंदा के सदर अस्पताल ( Nalanda Sadar Hospital ) से सामने आया है. यहां दवा के ओवर डोज देने के कारण दो साल के मासूम की मौत ( Child Dies Due To Drug Overdose In Nalanda) हो गई.
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दवा के ओवरडोज से मासूम की मौत: घटना के बाद अस्पताल से बच्चे को रेफर करने का ड्रामा किया जाने लगा. बच्चे के शव को एंबुलेंस पर लोड करा दिया गया. फिर एंबुलेंस चालक ने अस्पताल परिसर में ही अपने एंबुलेंस से बच्चे के शव को उतार कर शव वाहन में लोड कर दिया. हद तो तब हो गई जब स्वास्थकर्मी द्वारा मृत बालक के हाथ में लगा इंट्रा कैट भी नहीं खोला गया और सलाइन की बोतल भी लटकी हुई थी.
बोली बच्चे की दादी- 'नर्स ने दी थी दवा': मृतक की पहचान बिंद थाना क्षेत्र के कथराई गांव निवासी सोने लाल पासवान के दो वर्षीय पुत्र धर्मपाल पासवान के रूप में हुई है. बच्चे को उल्टी की शिकायत पर इलाज के लिए उसकी मां चिंता देवी और दादी रामपति देवी सदर अस्पताल लेकर लाई थी, जहां इलाज के दौरान बच्चा ठीक था. मगर एक दवाई पिलाने के दौरान बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत बेड पर ही हो गयी. मृतक की दादी ने बताया कि एक नर्स ने बच्चे को दवाई दी थी और उसे दवा पिलाने को कहा था. दवाई कितना पिलाना था उसे मालूम नहीं था. दादी ने पोते को पूरी दवाई पिला दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
"बच्चे को उल्टी और मोशन हो रहा था. अस्पताल लेकर आए थे. इलाज के बाद बाबू बिल्कुल ठीक था. नर्स ने दवाई दी लेकिन कितना पिलाना है नहीं बताया. दवा पिलाते ही बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई."- रामपति देवी, बच्चे की दादी
अस्पताल उपाधीक्षक ने जांच के दिए आदेश: वहीं इस मामले पर जब ईटीवी संवाददाता ने सदर अस्पताल की डीएस (अस्पताल उपाधीक्षक) डॉक्टर कुमकुम प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है. अभी आपके जरिए मामले का पता चला है. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
"हमें आपके मार्फत मामले की जानकारी मिली है. पूरी घटना की जांच करायी जाएगी. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी."- डॉक्टर कुमकुम प्रसाद, डीएस, सदर अस्पताल