नालंदा: अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के कन्वेंशन सेंटर में नालंदा विश्वविद्यालय के द्वारा दो दिवसीय पांचवा धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय युवा और खेल राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने किया. इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस प्रकार के आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना की.
हमारे देश का प्रतीक है नालंदा विश्वविद्यालय
किरण रिजिजू ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय हमारे देश का प्रतीक है. इस प्रकार का सम्मेलन भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए अच्छा रहेगा. खासकर बौद्ध और हिंदू विचारक को अपनी बातों को रखने का एक अच्छा मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की दो धाराओं हिंदू और बौद्ध के बीच बुनियादी समानता को रेखांकित करने का यह अच्छा प्रयास है. यद्यपि हिंदू और बौद्ध, यह दोनों अलग-अलग सिद्धांत और पद्धति है. बावजूद इसके दोनों परंपराओं के ग्रंथों को पढ़ते हैं तो अत्यधिक समानता पाई जाएगी.
तीन तलाक के मुद्दे पर बोलने से बचते दिखे किरण रिजीजू
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान जो भी बातें उभर कर आएगी और जो सार निकलेंगे, उन सभी को एक पुस्तक में छपवा कर इसके माध्यम से प्रचारित और प्रसारित किया जाए. हालांकि इस दौरान सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने तीन तलाक के मुद्दे पर बोलने से परहेज किया. इस मौके पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, भूटान के गृह एवं सांस्कृतिक मंत्री लीयोंपो शेरब, श्रीलंका के मंत्री व्यम्बा विकास, जैमिनी जया विक्रमा परेरा ने भी शिरकत की.
जनता दल (यू) से कोई भी मंत्री नहीं हुआ शामिल
वहीं, सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह द्वारा एकेडमी के संबंध में जानकारी दी गई. हालांकि इस पूरे सम्मेलन में जनता दल (यू) से किसी भी मंत्री या विधायक ने शिरकत नहीं की. बता दें यह सम्मेलन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा आयोजित किया गया था.