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लोन का लुभावना ऑफर देकर जरूरतमंदों को ठगने वाले 2 साइबर ठग गिरफ्तार

नालंदा (Nalanda) में पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान दो साइबर ठगों (Cyber Thugs) को गिरफ्तार किया है. दोनों जरूरतमंद लोगों को लोन का ऑफर देकर ठगी किया करते थे. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Sep 1, 2021, 8:26 PM IST

नालंदा
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नालंदा: बिहार के नालंदा (Nalanda) में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो साइबर ठगों (Cyber Thugs) को गिरफ्तार किया है. दोनों ठग लोन देने के नाम पर देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों से लाखों की ठगी किया करते थे. इन दोनों साइबर ठगों को कतरीसराय पुलिस ने गिरियक पार्वती स्टेट हाईवे पर ठगी के समान के साथ रंगे हाथ पकड़ा है.

ये भी पढ़ें- Cyber Crime: बिहार में बढ़ रही साइबर ठगी, सावधानी हटी तो हो जाएगा खाता खाली

थानाध्यक्ष शरद कुमार रंजन ने बताया कि बुधवार को कतरीसराय मोड़ के समीप वाहन चेकिंग की जा रही थी. चेकिंग के दौरान शेखपुरा जिले के शेखोपुर थाने के पॉची गांव निवासी उपेन्द्र प्रसाद के पुत्र रोहित कुमार और भोली प्रसाद के पुत्र सौरव कुमार को ठगी में उपयोग किये जाने वाले 5 मोबाइल, 20 पन्नों में ग्राहकों का नाम पता लिखा ऑडरशीट और मोटरसाइकिल के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

''ठग वैसे लोगों को अपने ठगी के जाल में फंसाते हैं, जो निजी फाइनेंस कंपनी में लोन के लिये आवेदन देते हैं. फिर वैसे लोगों से व्हाट्सप पर उनके आईडी कार्ड मंगवाये जाते हैं और सत्यापन के नाम पर ठग गिरोह के सदस्य एक घंटे तक इंतजार करने के लिये कहते हैं. इसके बाद लोन स्वीकृति की चिट्ठी बनाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लाखों की ठगी करते हैं.''- शरद कुमार रंजन, थानाध्यक्ष

ये भी पढ़ें- साइबर ठगों का नया हथियार बना रिमोट एक्सेस ऐप, ऐसे बचें

बता दें कि इन दिनों जरूरतमंद लोगों को पर्सनल लोन का ऑफर देकर ठगी करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. ऐसे ठगों के द्वारा कुछ ही घंटों में लोन पास करने का दावा किया जाता है. जिसके लिए ई-मेल से डिटेल मंगाकर कागजात जांचने का ड्रामा किया जाता है. फिर उसमें कमी बताकर पेपर बनाने और प्रोसेस फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है. लोन बांटने के नाम पर बेरोजगारों और जरूरतमंदों को धोखे में रखकर ऐसा करना ठगी है, आईपीसी के तहत ऐसा करना अपराध है.

नालंदा: बिहार के नालंदा (Nalanda) में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो साइबर ठगों (Cyber Thugs) को गिरफ्तार किया है. दोनों ठग लोन देने के नाम पर देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों से लाखों की ठगी किया करते थे. इन दोनों साइबर ठगों को कतरीसराय पुलिस ने गिरियक पार्वती स्टेट हाईवे पर ठगी के समान के साथ रंगे हाथ पकड़ा है.

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थानाध्यक्ष शरद कुमार रंजन ने बताया कि बुधवार को कतरीसराय मोड़ के समीप वाहन चेकिंग की जा रही थी. चेकिंग के दौरान शेखपुरा जिले के शेखोपुर थाने के पॉची गांव निवासी उपेन्द्र प्रसाद के पुत्र रोहित कुमार और भोली प्रसाद के पुत्र सौरव कुमार को ठगी में उपयोग किये जाने वाले 5 मोबाइल, 20 पन्नों में ग्राहकों का नाम पता लिखा ऑडरशीट और मोटरसाइकिल के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

''ठग वैसे लोगों को अपने ठगी के जाल में फंसाते हैं, जो निजी फाइनेंस कंपनी में लोन के लिये आवेदन देते हैं. फिर वैसे लोगों से व्हाट्सप पर उनके आईडी कार्ड मंगवाये जाते हैं और सत्यापन के नाम पर ठग गिरोह के सदस्य एक घंटे तक इंतजार करने के लिये कहते हैं. इसके बाद लोन स्वीकृति की चिट्ठी बनाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लाखों की ठगी करते हैं.''- शरद कुमार रंजन, थानाध्यक्ष

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बता दें कि इन दिनों जरूरतमंद लोगों को पर्सनल लोन का ऑफर देकर ठगी करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. ऐसे ठगों के द्वारा कुछ ही घंटों में लोन पास करने का दावा किया जाता है. जिसके लिए ई-मेल से डिटेल मंगाकर कागजात जांचने का ड्रामा किया जाता है. फिर उसमें कमी बताकर पेपर बनाने और प्रोसेस फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है. लोन बांटने के नाम पर बेरोजगारों और जरूरतमंदों को धोखे में रखकर ऐसा करना ठगी है, आईपीसी के तहत ऐसा करना अपराध है.

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