नालंदा: कोरोना की दूसरी लहर का कहर बेशक कम होता जा रहा है. लेकिन, ब्लैक फंगस के कारण जिले में पहली मौत चिंता का विषय है. रहुई प्रखंड के सिहुली गांव निवासी 65 वर्षीय पोस्ट कोविड रोगी का सात दिनों से पटना एम्स में इलाज चल रहा था.
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जिले में ब्लैक फंगस से पहली मौत
मृतक बिजेंद्र पासवान की हालत खराब होने के बाद उन्हें इलाज के लिए कुछ दिन पहले बिहारशरीफ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से पटना एम्स ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. इसके बाद परिजन गुरुवार को रोगी को लेकर सिहुली गांव चले आए थे. वहां रात में उन्होंने दम तोड़ दिया. इसके बाद शुक्रवार को परिजनों ने मृतक का दाह संस्कार बख्तियारपुर घाट पर किया.
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ब्लैक फंगस से आंख की रोशनी खत्म
जिले में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है. मृतक बिजेंद्र पासवान का इलाज के दौरान ही मंगलवार को बायीं आंख की रोशनी ब्लैक फंगस के कारण खत्म हो गयी थी. भांजा अमृतेश कुमार और ग्रामीणों ने बताया कि मृतक कोविड-19 से 16 मई को ठीक होकर सिहुली गांव लौटे थे.
इसके बाद 19 मई को आंखों में दर्द होना शुरू हुआ था. आंखों में दर्द की शिकायत लेकर मृतक 22 मई को बिहारशरीफ के निजी क्लीनिक में इलाज के लिए गये. लेकिन, चिकित्सक ने मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) जांच के लिए पटना भेज था. बीते 23 मई को मृतक मरीज का एमआरआई जांच में आंख में ब्लैक फंगस पाया गया था. तब से मृतक का इलाज पटना एम्स में चल रहा था.