नालंदा: बिहार सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए भले ही विभिन्न योजनाएं चला रही हो, केके पाठक ने स्कूल की सूरत व सिरत बदलने की कोशिश में कई कड़े और बड़े निर्णय लिए. हर साल करोड़ों रुपए शिक्षा के लिए खर्च किए जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद स्कूलों की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है.
नालंदा में विरोध प्रदर्शन: मामला नालंदा के राजकीयकृत पंचायत प्लस टू सोनसा से सामने आया है, जहां नाराज छात्रों व उनके अभिभावकों को सड़कों पर उतरकर शिक्षा की बेहतरी के लिए इंसाफ का गुहार लगाना पड़ रहा है. इसी कड़ी में नालंदा जिले के रहुई प्रखंड अंतर्गत सोनसा हाई स्कूल के छात्र व उनके अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया.
"हमारे स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. मास्टर धूप सेंकता रहता है. ज्यादा से ज्यादा एक विषय की पढ़ाई होती है."- काजल कुमारी, छात्रा
टीचर पर लगाए गंभीर आरोप: कड़ाके की ठंड में सड़क जामकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ छात्र और अभिभावकों ने नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी छात्र व उनके अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में बच्चों से किसी काम के बहाने वहां के शिक्षक पैसा मांगते हैं. जबकि अभिभावक उस पैसे का रसीद मांगते हैं तो उन्हें डराया धमकाया जाता है.
"हमें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है. यही नहीं पढ़ाई भी सही से नहीं होती है और स्कूल में शौचालय के साथ शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है. इसके साथ ही शिक्षकों की भी कमी है. इसी को लेकर विरोध कर रहे हैं."- अभिभावक
भीषण ठंड बीच हंगामा: आपको बता दें कि बिहार इन दिनों भीषण ठंड की चपेट में है. ऐसे हालात में राज्य सरकार ने बच्चों की सेहत का ख्याल करते हुए एक से 8 वर्ग के बच्चों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र में आगामी 20 जनवरी तक छुट्टी कर दिया गया है. 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई हो रही है, जिसके समय सारणी में बदलाव किया गया है.
स्कूल की व्यवस्था पर हंगामा: इसके साथ ही स्कूल के अन्य कार्य के लिए शिक्षक का उपस्थित रहना अनिवार्य है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सूबे के अलावा नालंदा के कई स्कूलों का दौरा पहले भी कर चुके हैं. कई दिशा निर्देश जारी किया उसके बाद भी न तो शिक्षक बदले न ही स्कूल की व्यवस्था ही बदलती दिख रही है.
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