नालंदा: नालंदा में छठ महापर्व की महिमा जानने के लिए स्पेन से 12 सदस्यीय टीम मोरा तालाब छठ घाट (spanish understood glory of Chhath in Nalanda) पहुंची. जहां छठव्रती महिलाओं को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देते देख काफी आनंदित हुए. टीम के सदस्य रीच, पोलार्क, जोसफ ने बताया कि वे यूट्यूब पर छठ पर्व के महिमा को देखा करते थे. आज जब वे गया और राजगीर घूमने के लिए आ रहे थे तो मोरा तालाब पहुंचे.
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भगवान सूर्य की आराधना: यहां लोगों को छठ करते देख मन में भक्तिभाव उमड़ पड़ा. उन्होंने बताया कि सचमुच में छठ महापर्व को मनाता देख मन श्रद्धा से भर गया. छठव्रती 36 घंटे का उपवास रखकर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं, जो अपने आप ही काफी बड़ी बात है. भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा ही उन्हें यह करवाती है. सचमुच में छठ महापर्व की बहुत बड़ी मान्यता है. अपने देश लौटने पर अन्य लोगों को भी इस महापर्व की चर्चा करेंगे. जिसका वह आज साक्षी बने हैं.
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विदेशी मेहमान के साथ सेल्फी की होड़ः टीम के सदस्य लोगों को छठ व्रत करता देख झूमने लगे. वही छठ घाट पर पहुंचे विदेशी मेहमान के साथ सेल्फी लेने के लोगों में होड़ दिखी. मोरा तालाब छठ घाट बुद्ध कालीन मानी जाती है. यहां सात घोड़ों पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित है. सावन माह में भी काफी संख्या में कांवरिया यहां आते हैं.
"यूट्यूब पर छठ पर्व की महिमा को देखा करते थे. आज जब राजगीर घूमने के लिए आ रहे थे तो मोरा तालाब आए. सचमुच में छठ महापर्व की बहुत बड़ी मान्यता है. अपने देश लौटने पर अन्य लोगों को भी इस महापर्व की चर्चा करेंगे"-पोलार्क, विदेशी मेहमान