नालंदा: मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी शुक्रवार को विश्व धरोहर नालंदा खंडहर का अवलोकन करने पहुंचे. इस दौरान सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. उन्होंने प्राचीन नालंदा विश्व विद्यालय के खंडहर को देखा और इसके बारे में जानकारी ली. माकपा महासचिव राजगीर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने के बाद नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर देखने पहुंचे थे.
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"नया विश्व विद्यालय के पुनर्गठन करने के लिए कानून बनाना था, जिसपर बहस हुई थी और इसके बाद बहुत सारी बाते सामने आई थी. जिसमें बताया गया था कि ह्वेनसांग चीन के थे जो यहां से पढ़ाई करके यहीं के अध्यापक बने थे. उनके आधार बहुत कुछ जानकारी मिली थी. अभी भी बहुत जानकारी खोजने की जरूरत है, अरकोलॉजिकल सर्वे इसके बारे में और जानकारी इकट्ठा करें."- सीताराम येचुरी, महासचिव, CPIM
नालंदा आकर अच्छा लगाः सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा. उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को प्राचीन विरासत बताया. उन्होंने कहा कि यहां अभी भी बहुत कुछ काम हो सकता है. इसके माध्यम से देश की साझा विरासत को समझ सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो काम रुका पड़ा है उसे आर्कियोलॉजिकल विभाग को पुनः शुरू करना चाहिए.
सांसद चुनेंगे पीएमः बताते चलें कि राजगीर में तीन दिवसीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी राजगीर पहुंचे थे. इंडिया गठबंधन के पीएम उम्मीदवार को लेकर उन्होंने कहा था कि पहले चुनाव होगा उसके बाद जो सांसद बनेंगे वही पीएम का चुनाव करेंगे. इसके अलावा कुछ राज्य में यह गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा था कि हर राज्य में हर पार्टी से गठबंधन नहीं होगा.