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गड्ढे में सिर, सड़क पर पैर.. VIDEO में देखें नीतीश के नालंदा में पियक्कड़ों का हाल

नालंदा में आए दिन शराबियों का अलग अंदाज देखने को मिल रहा है. कहीं कोई सड़क किनारे पड़ा मिल रहा है, तो कोई सदर अस्पताल में नौटंकी (Drunken ruckus in Sadar Hospital Bihar Sharif ) करता नजर आता है. पुलिस हर दिन किसी न किसी शराबी को पकड़कर अस्पताल में भर्ती कराती है और यहां इनकी ड्रामेबाजी से कर्मी परेशान होते हैं.

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Published : Nov 11, 2022, 12:59 PM IST

नालंदाः बिहार के नालंदा में शराबबंदी जमकर धज्जी उड़ती नजर आ रही है. यहां शराबियों का हंगामा बढ़ (Ruckus of alcoholics increasing in Nalanda) रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश के गृह जिले में कहीं शराब के नशे में कोई सड़क किनारे गिरा नजर आया, तो कहीं शराबी नशे में हाथ पैर जोड़ता नौटंकी करता दिखा. पहला मामला सोहसराय थाना क्षेत्र 17 नंबर वार्ड का है. यहां शराब के नशे में सड़क किनारे एक व्यक्ति गिरा हुआ था. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद शराबी को पुलिस अपने साथ ले गई. वहीं दूसरी घटना बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का है. यहां रहुई थाना पुलिस ने एक युवक को शराब के नशे में जांच के लिए लाया था.

ये भी पढ़ेंः नालंदा के सदर अस्पताल में शराबियों की ड्रामेबाजी से कर्मी परेशान, रोज-रोज पहुंच रहे शराबी

सदर अस्पताल में पुलिस के सामने नौटंकी करता रहा शराबीः बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जांच के दौरान शराबी अस्पताल में ही हाई वोल्टेज ड्रामा करने लगा. शराबी काफी देर तक दरोगा के सामने कभी हाथ जोड़ रहा है था, तो कभी पैर पकड़ रहा था. इस नजारा को देखने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में शराब बंदी कानून कितना सफल है. इसे आप इस तस्वीर को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं.

112 नंबर की आपात सेवा शराबियों को पहुंचा जाती है अस्पतालः यहां आए दिन पुलिस शराब के नशे में गिरे हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा जाते है. कोई ऐसा दिन नहीं है जब 112 नंबर की आपात सेवा वाहन शराब के नशे में धुत व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल न पहुंचाती हो. ताजा मामला बिहार शरीफ सदर अस्पताल का है. बताया जाता है कि इस नशेड़ी को भी पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल लाया था. यहां इलाज करने के दौरान शराबी ने कर्मियों के साथ खूब नौटंकी की.

अस्पताल में शराबी कर्मियों के साथ करते हैं गाली-गलौजः अस्पताल के कर्मियों की माने तो नशे में धुत व्यक्ति को पुलिस ने यहां पहुंचा तो देती है. मगर उसके इलाज करने में यहां के कर्मियों को काफी परेशानी होती है. क्योंकि शराबी कर्मियों को भी गाली देता है और पुलिस शराबी को अस्पताल पहुंचाकर निकल जाती है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में शराबबंदी का कितना असरदार है.

नालंदाः बिहार के नालंदा में शराबबंदी जमकर धज्जी उड़ती नजर आ रही है. यहां शराबियों का हंगामा बढ़ (Ruckus of alcoholics increasing in Nalanda) रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश के गृह जिले में कहीं शराब के नशे में कोई सड़क किनारे गिरा नजर आया, तो कहीं शराबी नशे में हाथ पैर जोड़ता नौटंकी करता दिखा. पहला मामला सोहसराय थाना क्षेत्र 17 नंबर वार्ड का है. यहां शराब के नशे में सड़क किनारे एक व्यक्ति गिरा हुआ था. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद शराबी को पुलिस अपने साथ ले गई. वहीं दूसरी घटना बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का है. यहां रहुई थाना पुलिस ने एक युवक को शराब के नशे में जांच के लिए लाया था.

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सदर अस्पताल में पुलिस के सामने नौटंकी करता रहा शराबीः बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जांच के दौरान शराबी अस्पताल में ही हाई वोल्टेज ड्रामा करने लगा. शराबी काफी देर तक दरोगा के सामने कभी हाथ जोड़ रहा है था, तो कभी पैर पकड़ रहा था. इस नजारा को देखने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में शराब बंदी कानून कितना सफल है. इसे आप इस तस्वीर को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं.

112 नंबर की आपात सेवा शराबियों को पहुंचा जाती है अस्पतालः यहां आए दिन पुलिस शराब के नशे में गिरे हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा जाते है. कोई ऐसा दिन नहीं है जब 112 नंबर की आपात सेवा वाहन शराब के नशे में धुत व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल न पहुंचाती हो. ताजा मामला बिहार शरीफ सदर अस्पताल का है. बताया जाता है कि इस नशेड़ी को भी पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल लाया था. यहां इलाज करने के दौरान शराबी ने कर्मियों के साथ खूब नौटंकी की.

अस्पताल में शराबी कर्मियों के साथ करते हैं गाली-गलौजः अस्पताल के कर्मियों की माने तो नशे में धुत व्यक्ति को पुलिस ने यहां पहुंचा तो देती है. मगर उसके इलाज करने में यहां के कर्मियों को काफी परेशानी होती है. क्योंकि शराबी कर्मियों को भी गाली देता है और पुलिस शराबी को अस्पताल पहुंचाकर निकल जाती है. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में शराबबंदी का कितना असरदार है.

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