नालंदा: कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर वापस राज्य आ गए हैं. लेकिन इन मजदूरों के प्रति सरकार का नजरिया और पुलिस प्रशासन के रवैये को लेकर आरजेडी ने आंदोलन शुरू किया है. आरजेडी ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
बता दें कि अपर पुलिस महानिदेशक ने डीएम और एसपी को पत्र लिखकर कहा है कि कई लाख मजदूर बिहार आ चुके हैं. इनके आने के कारण विधि व्यवस्था बिगड़ने, लूट और हत्या की आशंका बढ़ गई है. इसी कारण से आजेडी ने इन मजदूरों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है. आरजेडी ने सरकार के ऊपर कई सवाल उठाए.
'तेजस्वी यादव के दबाव में झुकी सरकार'
आरजेडी के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार हिमांशु ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व के लोग प्रभावित हुए हैं. आर्थिक और सामाजिक परेशानी से लोग जूझ रहे हैं. वहीं, इस महामारी के कारण राज्य के मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हुए हैं. उन्होंने कहा कि बिहारी मजदूर और छात्र को लाने के लिए सरकार तैयार नहीं थी, लेकिन तेजस्वी यादव के दबाव में सरकार को झुकना पड़ा और मजबूर होकर लाना पड़ा. इसके पहले मजदूर जैसे-तैसे या फिर पैदल चलकर अपने घर आ रहे थे. कई मजदूरों ने तो रेलवे ट्रैक पर जान गवां दिया. जब मजदूर अपनी जान पर खेलकर अपने घर आए तो इस पर भी बिहार सरकार को चैन नहीं मिला. सरकार के अधिकारीयों ने इन मजदूरों को चोर, डाकू या अपराधी बता दिया.
गृह मंत्री अमित शाह की रैली पर निशाना
इसके अलावे अशोक कुमार हिमांशु ने गृह मंत्री की रैली को लेकर उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक तरफ लोग भूख प्यास से मर रहे हैं और देश के गृह मंत्री अमित शाह चुनावी वर्चुअल रैली कर रहे हैं. जिससे साफ है कि इन लोगों को बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं है. इन्हें सिर्फ सत्ता से मतलब है.