नालंदा: बिहारशरीफ समाहरणालय स्थित हरदेव भवन सभागार में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक की गई. नालंदा जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बैठक के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में असंतोषजनक प्रगति पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन बंद करने का निर्देश दिया.
'अविलंब उपलब्ध कराएं गोल्डन कार्ड'
जिलाधिकारी की समीक्षा में हरनौत की स्थिति टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में संतोषजनक पाई गई. वहीं, आयुष्मान भारत की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में योजना के तहत 2 लाख 68 हजार 125 परिवार चिन्हित किए गए हैं. बावजूद इसके अब तक करीब 74 हजार लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है. इस आंकड़े पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने योजना नोडल पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन बंद करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने सभी चयनित परिवारों को अविलंब गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया.
'चलाए जाएं जागरुकता कार्यक्रम'
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी डिस्ट्रिक्ट कम्यूनिटी मोबिलाइजर और सभी ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर को प्रतिदिन फील्ड में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा और जागरुकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया. डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी मोबिलाइजर को प्रत्येक दिन 3 प्रखंडों के कम से कम 5 पंचायतों का भ्रमण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
जिलाधिकारी ने दिया निर्देश
साथ ही जिलाधिकारी ने बैठक में कालाजार के चयनित मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पहुंचाने, जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत लंबित बकाया भुगतान को अविलंब दिलाने, काम नहीं करने वाली आशा वर्करों को चिन्हित कर कार्रवाई करने और डेंगू-मलेरिया के संबंध में लोगों को जागरूक करने की बात कही.