नालंदा: राजगीर थाना इलाके के गिरियक चौक के पास शनिवार की शाम को बदमाशों ने सड़क पर चल रहे आधा दर्जन से अधिक राहगीरों को लाठी-डंडे से जमकर पीटा. इस हादसे में कई लोगों के सिर फट गये. रविवार को इस घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आगजनी कर जमकर प्रदर्शन किया. बता दें इस दौरान महिलाओं के साथ भी बदसलूकी की गई. लोगों को पिटता देख ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मी अपराधियों से डर कर फरार हो गये.
पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने देर रात आगजनी कर विरोध-प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अपराधी हथियार से लैस होकर आए थे. कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुबह से लोग सड़क पर उतर कर दुकान बंद करा रहे हैं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्से का इजहार करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं.
अफरा-तफरी का माहौल
घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी सोमनाथ प्रसाद और थानाध्यक्ष संतोष कुमार अस्पताल पहुंच कर घायलों से जानकारी ले रहे हैं. लोगों ने बताया कि अचानक दर्जन भर बदमाश आये और बिना किसी कारण के वहां पर टहल रहे या सब्जी खरीद रहे लोगों को पीटने लगे. इससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया.
अस्पताल में भर्ती
लाठी और डंडे से मारपीट करने के बाद बदमाश भाग निकले. घायलों में बंगाली पाड़ा के दीपेश कुमार, जितेन्द्र कुमार, झालर का मोहम्मद आलम, रोहित कुमार, कुंड पर का धर्मेन्द्र कुमार, तुलसी गली का विक्की कुमार, सुधीर कुमार सहित अन्य शामिल हैं. इसमें जितेन्द्र कुमार की हालत गंभीर है. सभी को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इसमें से जितेन्द्र को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. इस घटना से लोग हैरान हैं और पुलिस को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है कि पुलिस की नाकामी से बदमाशों का हौसला बढ़ गया है. पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही बदमाश भाग निकले थे.
पुलिस का खौफ खत्म
बता दें जिले में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है. जिससे अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. सरकार ने कल ही बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सभी जिले के एसपी और डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपराध पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. उसके बावजूद उनके गृह जिले में ही अपराधियों ने आतंक मचा रखा है.
लोगों में दहशत का माहौल
इस तरह की घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधियों को पुलिस का कितना खौफ है. घटना के बाद से लोग दहशत में हैं. ये इसलिए भी क्योंकि राजगीर एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है और ठंड के मौसम में सैलानियों से गुलजार रहता है. अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद पुलिस कितनी मुस्तैद होती है और अपराधियों की गिरफ्तारी में कितना वक्त लगता है और प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करती है.