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नालंदा: बाजार समिति का बदलेगा लुक, सौंदर्यीकरण की हो रही है तैयारी - अनुमंडल कार्यालय

बिहारशरीफ में नरक में तब्दील बाजार समिति के सौंदर्यीकरण करने की तैयारी की जा रही है. बाजार समिति को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. जल्द ही इसके निर्माण का काम शुरु किया जाएगा.

सौदर्यीकरण की तैयारी
सौदर्यीकरण की तैयारी
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Published : Jun 6, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 7:51 PM IST

नालंदा: गंदगी और कीचड़ का पर्याय बन चुकी बिहारशरीफ बाजार समिति का अब कायाकल्प होने की उम्मीद जग गई है. इसे आधुनिक रूप देने के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. बिहारशरीफ बाजार समिति को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. स्मार्ट सिटी के तहत इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा और इसे एक अत्याधुनिक स्वरूप दिया जाएगा. बता दें कि किसानों के उनके उपजाए गए फसल का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए इसका निर्माण कराया गया था. करीब 39 एकड़ भू-भाग में फैले इस बाजार समिति के प्रांगण में 269 दुकानें हैं.

बिहारशरीफ बाजार समिति का होगा कायाकल्प
किसान अपने उपजाए गए फसल को बाजार समिति में लेकर आते हैं और यहां के महाजन को बेचने का काम करते हैं. बिहारशरीफ में आलू, प्याज, हरी सब्जी का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. किसानों को अपने उपजाये गए इन फसलों को बाजारों तक पहुंचाना होता है. ऐसे में बाजार समिति किसानों के लिए वरदान साबित होती है. लेकिन समय के साथ-साथ बाजार समिति की हालात दयनीय होती चली गई, जिस उद्देश्य से बाजार समिति का निर्माण कराया गया था वह उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा था. बाजार समिति में फैली गंदगी किसानों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
कृषि विभाग के अधीन बाजार समिति था लेकिन करीब 5 साल पहले इसे भंग कर दिया गया. जिसके कारण यहां के दुकानदारों से होने वाले किराया वसूली भी बंद है. अधिकृत किए गए अनुमंडल कार्यालय के कर्मियों की ओर से इन दुकानदारों से किराया वसूला भी जाता था.

स्मार्ट सिटी के तहत बजार को किया गया शामिल
स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्य में बाजार समिति को शामिल किया गया है. बाजार समिति को स्वरूप को बदलने के लिए 2 फेज में काम किया जाएगा. इसके लिए पहले फेज के लिए करीब 19 करोड रुपये निर्गत किया गया है. जिसमें बाजार समिति के चाहरदीवारी, सड़क, नाला, स्ट्रीट लाइट, कार्यालय, शौचालय का निर्माण शामिल है. वहीं, दूसरे पेज में करीब 62 करोड रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें बाजार समिति के सभी पुराने दुकानों को तोड़कर नया दुकान बनाया जाएगा. इसके अलावा बाजार समिति प्रांगण में फल, आलू प्याज एवं हरी सब्जी के लिए तीन अलग-अलग कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करने की योजना है. बजार समिति आने वाले किसान व्यापारी कोई परेशानी न हो इसके लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा. ट्रकों से आने वाले फल, सब्जियां, अनाज को उतारने और चढ़ाने के लिए यार्ड तैयार किया जाएगा.

nalanda
बिहारशरीफ बाजार समिति

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
अत्याधुनिक स्वरूप में बाजार समिति के बनने से किसानों के लिए बाजार उपलब्ध हो इसके लिए एक सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. व्यापार करने वाले लोगों को भी कोई असुविधा न हो इसकी सारी व्यवस्था की जाएगी. कोल्ड स्टोरेज के निर्माण होने से किसानों को औने पौने दाम में अपनी उपजाई गई फसल बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. बाजार समिति का स्मार्ट सिटी के तहत काम हो इसके लिए जल्द ही कृषि विभाग, स्मार्ट सिटी कंपनी एवं पुल निर्माण निगम के बीच करार होगा. करार होने के बाद पुल निर्माण निगम की ओर से इसके निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा.

नालंदा: गंदगी और कीचड़ का पर्याय बन चुकी बिहारशरीफ बाजार समिति का अब कायाकल्प होने की उम्मीद जग गई है. इसे आधुनिक रूप देने के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. बिहारशरीफ बाजार समिति को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. स्मार्ट सिटी के तहत इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा और इसे एक अत्याधुनिक स्वरूप दिया जाएगा. बता दें कि किसानों के उनके उपजाए गए फसल का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए इसका निर्माण कराया गया था. करीब 39 एकड़ भू-भाग में फैले इस बाजार समिति के प्रांगण में 269 दुकानें हैं.

बिहारशरीफ बाजार समिति का होगा कायाकल्प
किसान अपने उपजाए गए फसल को बाजार समिति में लेकर आते हैं और यहां के महाजन को बेचने का काम करते हैं. बिहारशरीफ में आलू, प्याज, हरी सब्जी का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. किसानों को अपने उपजाये गए इन फसलों को बाजारों तक पहुंचाना होता है. ऐसे में बाजार समिति किसानों के लिए वरदान साबित होती है. लेकिन समय के साथ-साथ बाजार समिति की हालात दयनीय होती चली गई, जिस उद्देश्य से बाजार समिति का निर्माण कराया गया था वह उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा था. बाजार समिति में फैली गंदगी किसानों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
कृषि विभाग के अधीन बाजार समिति था लेकिन करीब 5 साल पहले इसे भंग कर दिया गया. जिसके कारण यहां के दुकानदारों से होने वाले किराया वसूली भी बंद है. अधिकृत किए गए अनुमंडल कार्यालय के कर्मियों की ओर से इन दुकानदारों से किराया वसूला भी जाता था.

स्मार्ट सिटी के तहत बजार को किया गया शामिल
स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्य में बाजार समिति को शामिल किया गया है. बाजार समिति को स्वरूप को बदलने के लिए 2 फेज में काम किया जाएगा. इसके लिए पहले फेज के लिए करीब 19 करोड रुपये निर्गत किया गया है. जिसमें बाजार समिति के चाहरदीवारी, सड़क, नाला, स्ट्रीट लाइट, कार्यालय, शौचालय का निर्माण शामिल है. वहीं, दूसरे पेज में करीब 62 करोड रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें बाजार समिति के सभी पुराने दुकानों को तोड़कर नया दुकान बनाया जाएगा. इसके अलावा बाजार समिति प्रांगण में फल, आलू प्याज एवं हरी सब्जी के लिए तीन अलग-अलग कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करने की योजना है. बजार समिति आने वाले किसान व्यापारी कोई परेशानी न हो इसके लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा. ट्रकों से आने वाले फल, सब्जियां, अनाज को उतारने और चढ़ाने के लिए यार्ड तैयार किया जाएगा.

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बिहारशरीफ बाजार समिति

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
अत्याधुनिक स्वरूप में बाजार समिति के बनने से किसानों के लिए बाजार उपलब्ध हो इसके लिए एक सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. व्यापार करने वाले लोगों को भी कोई असुविधा न हो इसकी सारी व्यवस्था की जाएगी. कोल्ड स्टोरेज के निर्माण होने से किसानों को औने पौने दाम में अपनी उपजाई गई फसल बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. बाजार समिति का स्मार्ट सिटी के तहत काम हो इसके लिए जल्द ही कृषि विभाग, स्मार्ट सिटी कंपनी एवं पुल निर्माण निगम के बीच करार होगा. करार होने के बाद पुल निर्माण निगम की ओर से इसके निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा.

Last Updated : Jun 7, 2020, 7:51 PM IST
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