नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया है. इस महामारी पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार ने सूबे को लॉक डाउन करने का आदेश भी जारी कर दिया है. बता दे कि लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी. इस वायरस के संक्रमण के फैलाव को लेकर बिहार शरीफ के सदर अस्पताल में बाहर के प्रदेशों से बिहार लौटने वाले लोग सुबह से लेकर शाम तक अपना जांच करवा रहे हैं. हालांकि, जिले में अब तक एक भी कोरोना मरीज की पुष्टि नहीं हुई है.
'दिल्ली और हरियाणा से वापस आए हैं मजदूर'
इसको लेकर सदर अस्पताल बिहार शरीफ के चिकित्सक ने बताया कि बाहर के प्रदेशों से आने वाले लोग प्रतिदिन जांच के लिए अस्पताल में आ रहे हैं. रविवार को लगभग 100 मरीजों की जांच की गई. ये सभी मजदूर हरियाणा, दिल्ली, कोलकात और राजस्थान से बिहार वापस लौटे है. सभी लोग जांच के लिए हरनौत के कल्यान बीघा पीएसी में जांच के लिए आए हुए थे. सुरक्षा के मद्देनजर कई लोगों को जांच के लिए जिला सदर अस्पताल रेफर किया गया. हालांकि अभी तक नालंदा जिले में एक भी कोरोना मरीज की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन संदिग्ध मरीज नजर आए है. जिनकी जांच की जा रही है.
सदर अस्पताल में बनाया गया है आइसोलेशन वार्ड
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही पूरे बिहार को हाई अलर्ट पर रखा है. कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना और उपचार को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट रहते हुए सतर्कता के साथ-साथ एहतियात बरतने पर जोर दे रही है. इससे निपटने की मुकम्मल व्यवस्था भी की जा रही है. कोरोना के संदिग्ध की पहचान होने पर उसे सतत निगरानी में रखने को लेकर पूरे प्रदेश के सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. फिर भी जिलेवासियों को इससे प्रभावित होने से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहने की जरूरत है. बता दें कि नालंदा जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए जिला सदर अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया है.