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Nalanda Flood: बांध टूटने से घरों में घुसा पानी, लोगों ने छत को बनाया ठिकाना - बाढ़ के कारण छत पर रह रहे लोग

रहुई प्रखंड में लगभग 100 फीट की दूरी तक तटबंध टूट गया. कई गांवों में पंचाने नदी का पानी फैल गया है. इससे फसलें भी तबाह होने लगी हैं. वहीं घर में पानी घुसने की वजह से लोग छत पर रहने को मजबूर हो गए हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

छत पर आशियाना
छत पर आशियाना
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Published : Jun 22, 2021, 10:40 PM IST

नालंदा: रहुई प्रखंड के पास पंचाने नदी (Panchane River) का जलस्तर बढ़ने से तटबंध टूट गया. माई पंचायत के पहियारा खंधा के पास लगभग 100 फीट की दूरी तक तटबंध टूट गया है. इससे सैकड़ों बीघे में पानी फैल गया है. तटबंध के कटाव से पूरी नदी का बहाव इस ओर मुड़ने लगा है. किसानों को अपने फसल की बर्बादी की चिंता सता रही है. माई गांव के दर्जनों किसानों ने बताया कि कई लोगों की मूंग की फसल बर्बाद हो गयी. पानी का जल्द निकास ना हुआ तो धान का बिचड़ा भी बर्बाद हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- मोतिहारी: सुगौली में सिकरहना नदी का तांडव, लालपरसा में रिंगबांध ध्वस्त

'पांच सौ रुपये में खरीद कर धान का बिचड़ा लगाए थे. तटबंध टूटने से सभी फसल नष्ट हो गया. इस तटबंध के टूटने से माई, फरीदा, मथुरापुर, सैदी, सैदल्ली, इंदवास, लोहरम चक, रामपुर, हरिहर पुर, अब्दुलीचल, मथुरापुर, मल्लिचक हवनपुरा, दुलचन्दपुर, गांव में नदी के पानी से खेती प्रभावित होने की संभावना है. जल्द यदि पानी की रफ्तार कम नहीं हुई या फिर तटबंध की मजबूती के साथ मरम्मत नहीं की गई तो हजारों बीघे में फैले खेत में फसल लगाना मुश्किल हो जाएगा.' -कौशलेंद्र कुमार, फरीदा गांव निवासी

देखें वीडियो

कमजोर है तटबंध
लोगों ने कहा, ऊपर से मजबूत दिखने वाला यह तटबंध अंदर से कमजोर है. रविवार को इस तटबंध के अंदर से नदी का पानी खेतों की ओर बहने लगा था. बांध के टूटते ही लोगों ने इसकी मरम्मती में जुट गए हैं. आसपास के ग्रामीणों का सहयोग भी मिल रहा है.

छत पर लोगों ने बनाया आशियाना
छत पर लोगों ने बनाया आशियाना

लोगों ने छतों को बनाया आशियाना
तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी फैल गया. लोग घर की छत पर रहने को मजबूर हो गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पानी बढ़ता रहा, तो कई मिट्टी के मकान ध्वस्त भी हो सकते हैं.

पानी का नहीं है निकास
रहुई गांव के गौढ़ा खंधा और अहरा खंधा में नदी से पानी लगातार खेतों में बह रहा है. अहरा खंधा से गौढ़ा खंधा में पुलिया के रास्ते पानी जमा हो रहा है. चिंता की बात यह कि इस गौड़ा खंधा के पानी का निकास नहीं है. हर साल ज्यादा पानी रहने से इस फसलें बर्बाद हो जाती है.

इसके समाधान के लिए प्रशासन गंभीर नहीं दिखा रहा है. बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के बावजूद अभी तक रहुई प्रखंड में नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. सारी व्यवस्था हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ आने के बाद ही की जाएगी.

विभाग करवा रही है काम
जल संसाधन विभाग नालंदा के अधिकारी सुदेश राम के अनुसार पंचाने का जलस्तर बढ़ने की वजह से तटबंध टूटा है. विभाग मुस्तैदी के साथ तटबंध की मरम्मती का काम करवा रही है.

यह भी पढ़ें- Munger Flood: गंगा का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी दहशत, नाव के सहारे लोग पलायन को मजबूर

नालंदा: रहुई प्रखंड के पास पंचाने नदी (Panchane River) का जलस्तर बढ़ने से तटबंध टूट गया. माई पंचायत के पहियारा खंधा के पास लगभग 100 फीट की दूरी तक तटबंध टूट गया है. इससे सैकड़ों बीघे में पानी फैल गया है. तटबंध के कटाव से पूरी नदी का बहाव इस ओर मुड़ने लगा है. किसानों को अपने फसल की बर्बादी की चिंता सता रही है. माई गांव के दर्जनों किसानों ने बताया कि कई लोगों की मूंग की फसल बर्बाद हो गयी. पानी का जल्द निकास ना हुआ तो धान का बिचड़ा भी बर्बाद हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- मोतिहारी: सुगौली में सिकरहना नदी का तांडव, लालपरसा में रिंगबांध ध्वस्त

'पांच सौ रुपये में खरीद कर धान का बिचड़ा लगाए थे. तटबंध टूटने से सभी फसल नष्ट हो गया. इस तटबंध के टूटने से माई, फरीदा, मथुरापुर, सैदी, सैदल्ली, इंदवास, लोहरम चक, रामपुर, हरिहर पुर, अब्दुलीचल, मथुरापुर, मल्लिचक हवनपुरा, दुलचन्दपुर, गांव में नदी के पानी से खेती प्रभावित होने की संभावना है. जल्द यदि पानी की रफ्तार कम नहीं हुई या फिर तटबंध की मजबूती के साथ मरम्मत नहीं की गई तो हजारों बीघे में फैले खेत में फसल लगाना मुश्किल हो जाएगा.' -कौशलेंद्र कुमार, फरीदा गांव निवासी

देखें वीडियो

कमजोर है तटबंध
लोगों ने कहा, ऊपर से मजबूत दिखने वाला यह तटबंध अंदर से कमजोर है. रविवार को इस तटबंध के अंदर से नदी का पानी खेतों की ओर बहने लगा था. बांध के टूटते ही लोगों ने इसकी मरम्मती में जुट गए हैं. आसपास के ग्रामीणों का सहयोग भी मिल रहा है.

छत पर लोगों ने बनाया आशियाना
छत पर लोगों ने बनाया आशियाना

लोगों ने छतों को बनाया आशियाना
तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी फैल गया. लोग घर की छत पर रहने को मजबूर हो गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पानी बढ़ता रहा, तो कई मिट्टी के मकान ध्वस्त भी हो सकते हैं.

पानी का नहीं है निकास
रहुई गांव के गौढ़ा खंधा और अहरा खंधा में नदी से पानी लगातार खेतों में बह रहा है. अहरा खंधा से गौढ़ा खंधा में पुलिया के रास्ते पानी जमा हो रहा है. चिंता की बात यह कि इस गौड़ा खंधा के पानी का निकास नहीं है. हर साल ज्यादा पानी रहने से इस फसलें बर्बाद हो जाती है.

इसके समाधान के लिए प्रशासन गंभीर नहीं दिखा रहा है. बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के बावजूद अभी तक रहुई प्रखंड में नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है. सारी व्यवस्था हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ आने के बाद ही की जाएगी.

विभाग करवा रही है काम
जल संसाधन विभाग नालंदा के अधिकारी सुदेश राम के अनुसार पंचाने का जलस्तर बढ़ने की वजह से तटबंध टूटा है. विभाग मुस्तैदी के साथ तटबंध की मरम्मती का काम करवा रही है.

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