नालंदा: बिहार शरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है लेकिन अब तक शहर को स्मार्ट बनाने की दिशा में कोई काम नहीं हो सका है. नगर निगम के वार्ड संख्या 21 का देवीसराय मोहल्ला आज भी पुराने जमाने की याद ताजा कर रहा है. साल के ज्यादातर समय जलजमाव के कारण इस मोहल्ले के लोग आज भी चचरी पुल का सहारा ले रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि बरसात के समय तो परेशानी होती ही है, साल भर में 8 महीने तक ऐसी स्थिती बनी रहती है. वहीं गर्मी के दिनों में पानी सूखता है लेकिन लोग चचरी पुल के लिये बांस-बल्ली लगाकर छोड़ देते हैं, ताकि जलजमाव के बाद तत्काल आने जाने की व्यवस्था कर सकें.
दरअसल, देवीसराय मोहल्ले में तेजी से मकानों का निर्माण हुआ. फिलहाल इस मोहल्ले में करीब 300 मकान हैं, लेकिन पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी. इस कारण बरसात के मौसम में बारिश का पानी जमा हो जाता है. इसके अलावा घरों से निकलने वाला पानी भी मोहल्ले में ही जमा रहता है. नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिंग्स तेजी से बनीं लेकिन जलनिकासी का कोई खयाल नहीं रखा गया. जिस कारण सालों भर लोग इस समस्या से जूझने को मजबूर हैं.
नहीं है स्थायी समाधान
स्थानीय लोग बताते हैं कि काफी साल पहले जब यहां मकानों की संख्या कम थी, तब यहां से पानी का निकासी आसानी से हो जाता था. लेकिन नये घरों के बनने के साथ इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालात ऐसे हैं कि सालों भर चचरी पुल को तैयार रखना पड़ता है. गर्मी के दिनों में तो पानी सूख जाता है, लेकिन बारिश के दस्तक के साथ ही लोगों के माथे पर शिकन आ जाती है. चचरी पुल के लिये बांस बल्ली लगाने में लोगों के काफी पैसा खर्च हो जाते हैं. इस बारे में लोगों ने कई बार नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला.
इस बार भी नहीं हो सकेगा नाले का निर्माण
वार्ड पार्षद संतोष कुमार ने बताया कि वार्ड 21 में नगर निगम की तरफ से नाला निर्माण की योजना है, लेकिन योजना की स्वीकृति क्रम से होती है. ऐसे में नाला का योजना क्रमांक 32 होने के कारण फिलहाल इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है. यहां नाला निर्माण का काम इस बार भी शुरू नहीं हो पाया, जिस कारण इस साल भी देवीसराय के लोगों को बरसात में जलजमाव की समस्या से जूझना पड़ेगा. इसे देखते हुये लोगों ने बरसात पूर्व ही बांस बल्ली लगाकर चचरी पुल बनाना शुरू कर दिया है.