नालंदा: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 100 से अधिक बच्चों की मौत के बाद इसका असर दूसरे जिलों में भी देखने को मिल रहा है. राज्य सरकार सभी जिले के सरकारी अस्पतालों में चमकी बुखार और लू से निपटने का दावा कर रही है. लेकिन इन सारे दावों की पोल तब खुल गयी जब बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज कराने आये मरीज के परिजन को अपने मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस तक नहीं मिली. परिजन बच्चे के शव को मजबूरी में कंधे पर उठाकर घर ले गए.
बता दें कि परवलपुर थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव निवासी वीरेंद्र यादव के 8 वर्षीय पुत्र सागर कुमार को अचानक बुखार और पेट में दर्द की शिकायत हुई. जिसे इलाज के लिए वीरेंद्र यादव ने बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
अस्पताल का लगाया चक्कर
अपने बेटे के मृत होने की बात को सुनकर पिता बेसुध हो गया. शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस खोजना शुरू कर दिया. लेकिन मृतक के परिजनों को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिली. जिसके बाद वीरेंद्र यादव अपने मृतक पुत्र के शव को कांधे पर रखकर ही पूरा सदर अस्पताल का चक्कर लगाया. बाद में बेटे के मृत शरीर को मोटरसाइकिल पर घर ले जाने को मजबूर हो गया.
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
इस तरह की घटना सदर अस्पताल की कोई नई घटना नहीं है. पूर्व में भी इस तरह की घटना दो बार घट चुकी है. हालांकि इस खबर पर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने गम्भीरता दिखाते हुए मामले के जांच के आदेश दिए हैं. जिलाधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई करने की भी बात कही है.