नालंदा: वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. इस बीमारी के कारण गरीबों को 2 जून की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही थी. ऐसे में सरकार की तरफ से चलाए गए कम्युनिटी किचन इन गरीबों का एकमात्र सहारा साबित हुआ. बिहारशरीफ नगर निगम क्षेत्र में चल रहे कम्युनिटी किचन बिहारी मजदूरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. मजदूर इस कम्युनिटी किचन का लाभ उठा रहे हैं और सरकार की तरफ से चलाये गए इस योजना से काफी खुश भी हैं.
मजदूरों ने की सराहना
ठेला चला कर अपना और अपने परिवार का जीविकोपार्जन करने वाले सिद्धेश्वर पासवान ने बताया कि कोरोना के कारण उनका काम बंद हो गया था. जिसके कारण घर में खाना बनाना मुश्किल हो रहा था. सरकार की तरफ से चलाए गए कम्युनिटी किचन के माध्यम से वे प्रतिदिन वहां पहुंचकर इसका लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे 2 माह से लगातार यहां आकर खाना खा रहे हैं और खाना मिलने से काफी संतुष्ट भी हैं. वहीं, बादल कुमार ने बताया कि उनके पिता मजदूरी का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया. इसके बाद घर में खाने की किल्लत हो गई. आज इस कम्युनिटी किचन से काफी राहत मिली है.
6 से 7 हजार मजदूर खाते हैं खाना
वहीं, नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया कि बिहार शरीफ नगर निगम क्षेत्र में कुल 22 आपदा राहत केंद्र संचालित किए जा रहे. जिसमें 6 से 7 हजार दिहाड़ी मजदूर इन राहत केंद्रों पर आकर प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं. इन्हें मेंन्यू के अनुसार खाना दिया जाता है. इन लोगों के लिए सामुदायिक रसोईया के माध्यम से खाना बनवाया जाता है, जो पूरी तरह से हाइजेनिक होता है.
इन जगहों पर संचालित हैं राहत केंद्र
बिहारशरीफ में बालिका उच्च विद्यालय सोहसराय, रामचंद्रपुर बस स्टैंड रैन बसेरा, मध्य विद्यालय बैगनाबाद, छोटी पहाड़ी मध्य विद्यालय, सकुनत मध्य विद्यालय, देवी स्थान के निकट, महल पर रेन बसेरा, कारगिल बस स्टैंड रैन बसेरा, पुरानी अस्पताल कटरा पर, नेशनल स्कूल शेखाना, प्राथमिक विद्यालय अंबेर संगत, मध्य विद्यालय कल्याणपुर, मध्य विद्यालय बड़ी पहाड़ी, धनेश्वर घाट लाइब्रेरी, उर्दू प्राथमिक विद्यालय गगन दीवान, उर्दू मध्य विद्यालय, बड़ी दरगाह आदि पर राहत केंद्र संचालित किए जा रहे हैं.