नालंदाः बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में 24 घंटे से भी कम समय रह गया है. दूसरे चरण में जिन 17 जिलों में चुनाव होने हैं उनमें नालंदा जिला भी शामिल है. बात करें अगर नालंदा की अस्थावां विधानसभा सीट की तो इस बार यहां 19 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतरे हुए हैं.
नालंदा की अस्थावां विधानसभा सीट पर सीधी टक्कर जेडीयू और आरजेडी में है. लगातार 4 साल से चुनाव जीतते आ रहे जदयू प्रत्याशी डॉ जितेंद्र कुमार पांचवी बार चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं. वहीं, इस बार उन्हें जेडीयू से बागी होकर राष्ट्रीय जनता दल से प्रत्याशी बने अनिल कुमार महाराज से कड़ी टक्कर मिल रही है.
कुल 289991 मतदाता करेंगे वोटिंग
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 289991 मतदाता हैं. कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. जिसमें 155107 पुरुष 134875 महिला और 9 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. इस विधानसभा से जेडीयू प्रत्याशी डॉ जितेंद्र कुमार लगातार पांचवी बार चुनावी अखाड़े में हैं. जबकि राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अनिल कुमार महाराज भी यहां से किस्मत अजमा रहे हैं. दोनों में कड़ी टक्कर मानी जा रही है.
अस्थावां विधानसभा से जदयू के डॉक्टर जितेंद्र कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के अनिल कुमार के अलावा 17 अन्य प्रत्याशी ये हैं.
- लोक जनशक्ति पार्टी से रमेश कुमार
- जनता दल सेकुलर से सुशील प्रसाद
- राष्ट्रवादी जनवादी पार्टी सोशलिस्ट से रघुनाथ राम
- भारतीय सब लोग पार्टी से राजीव रंजन
- भारतीय राष्ट्रीय दल से देवकी पासवान
- बहुजन मुक्ति पार्टी से गनौरी मोची
- शिवसेना से विनीता कुमारी
- राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी से सुजय कुमार
- द पलूरल्स पार्टी से पूनम कुमारी
- भारतीय पार्टी लोकतांत्रिक से सचिंदर कुमार
- भारतीय मोमिन फ्रंट से अनिल कुमार
वहीं, निर्दलीय के रूप में विपिन कुमार, अजीत कुमार, चंद्रमौली प्रसाद, उदय शंकर कुमार, बालमुकुंद पासवान, गौरी कुमार चुनावी अखाड़े में हैं.
पिछली बार जेडीयू ने लोजपा को हराया था
बता दें कि जेडीयू के जितेंद्र कुमार ने पिछले चुनाव में लोजपा प्रत्याशी छोटे लाल यादव को 10, 444 मतों से हराया था.
इस विधानसभा सीट से जदयू के उम्मीदवार जहां 15 साल में हुए विकास कार्यों को लेकर वोट मांग रहे है. वहीं, विपक्ष बेरोजगारी, मंहगाई, पलायन को मुद्दा बना कर सरकार को घेरने की कोशिश में लगी है.
कई क्षेत्रों में नहीं हुआ विकास का कार्य
अस्थावां में नीतीश सरकार में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण कराया गया है, इसके अलावे अन्य विकास कार्य किये गए हैं. लेकिन सिंचाई की सुविधा पर्याप्त नहीं हो पाई है. बाढ़ से ग्रसित इस क्षेत्र के लोगों को बरसात के दिनों में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. जिससे निजात नहीं मिल सकी है.
अब 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में जनता ने किसे अपने प्रतिनीधि के रूप में चुना है यह तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा. फिलहाल सभी पार्टी के नेता अपने-अपने तौर पर पूरी तरह से जनता को लुभाने में लगे हैं.