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नालंदा: गजल सम्राट पंकज उधास ने गीतों से बांधा समा, कहा- बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत - gazal king pankaj udhas

गजल सम्राट पंकज उधास ने बताया कि वर्ष 1981 में वे पहली बार बिहार आए थे. जिसके बाद वे करीब 40 वर्षों बाद अब बिहार आए हैं. इस दौरान वे बिहार के कई जिलों में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे.

pankaj udhas performed in rajgir
नालंदा में गजल सम्राट पंकज उधास का कॉन्सर्ट
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Published : Nov 26, 2019, 10:11 AM IST

नालंदा: गजल सम्राट और पद्मश्री पंकज उधास के गीतों से राजगीर की वादियां गूंज उठी. अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सोमवार से शुरू हुए 3 दिवसीय राजगीर महोत्सव के पहले दिन बॉलीवुड में अपने सुरों के जलवा बिखेरने वाले गजल सम्राट पंकज उधास ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए. जिसे सुनकर श्रोता झूम उठे. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके मुरीद होते दिखें. कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

मुख्यमंत्री ने की 'चिट्ठी आई है' की फरमाइश
कार्यक्रम की शुरुआत पंकज उधास ने अपने पसंदीदा गाने 'दिल धड़कने का सबब याद आया' से की. जिसके बाद से गीतों का सिलसिला शुरू हो गया और देर रात तक चलता रहा. मुख्यमंत्री ने गजल सम्राट से 'चिट्ठी आई है' गीत की फरमाइश की. जिसके बाद उन्होंने इस गीत से कार्यक्रम में समा बांध दिया.

राजगीर महोत्सव में गजल सम्राट पंकज उधास ने दी गीतों की प्रस्तुति

'बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत'
पंकज उधास ने 'निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है' सहित अपने कई प्रसिद्ध गजल गाए. जिसे सुनकर माहौल झंकृत हो उठा. पंकज उधास ने बताया कि वर्ष 1981 में वे पहली बार बिहार आए थे. जिसके बाद वे करीब 40 वर्षों बाद अब बिहार आए हैं. इस दौरान वे बिहार के कई जिलों में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत अधिक है. ऐसे में यहां के लोग उनके लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

नालंदा: गजल सम्राट और पद्मश्री पंकज उधास के गीतों से राजगीर की वादियां गूंज उठी. अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सोमवार से शुरू हुए 3 दिवसीय राजगीर महोत्सव के पहले दिन बॉलीवुड में अपने सुरों के जलवा बिखेरने वाले गजल सम्राट पंकज उधास ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए. जिसे सुनकर श्रोता झूम उठे. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके मुरीद होते दिखें. कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

मुख्यमंत्री ने की 'चिट्ठी आई है' की फरमाइश
कार्यक्रम की शुरुआत पंकज उधास ने अपने पसंदीदा गाने 'दिल धड़कने का सबब याद आया' से की. जिसके बाद से गीतों का सिलसिला शुरू हो गया और देर रात तक चलता रहा. मुख्यमंत्री ने गजल सम्राट से 'चिट्ठी आई है' गीत की फरमाइश की. जिसके बाद उन्होंने इस गीत से कार्यक्रम में समा बांध दिया.

राजगीर महोत्सव में गजल सम्राट पंकज उधास ने दी गीतों की प्रस्तुति

'बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत'
पंकज उधास ने 'निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है' सहित अपने कई प्रसिद्ध गजल गाए. जिसे सुनकर माहौल झंकृत हो उठा. पंकज उधास ने बताया कि वर्ष 1981 में वे पहली बार बिहार आए थे. जिसके बाद वे करीब 40 वर्षों बाद अब बिहार आए हैं. इस दौरान वे बिहार के कई जिलों में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत अधिक है. ऐसे में यहां के लोग उनके लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

Intro:नालंदा। गजल सम्राट एवं पद्मश्री पंकज उधास के गीतों से राजगीर की वादियां गूंज उठी। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आज से शुरू हुए तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव के पहले दिन बॉलीवुड में अपने सुरों के जलवा बिखेरे गजल सम्राट पंकज उधास ने एक से बढ़कर एक गीतों को प्रस्तुत किया जिसे सुनकर राजगीर के श्रोता झूम उठे। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके मुरीद होते दिखे। पंकज उधास ने कार्यक्रम की शुरुआत अपने पसंदीदा गाने '' दिल धड़कने का सबब याद आया वो तेरी याद थी अब याद आया'' से की। इसके बाद से शुरू हुआ गीतों का सिलसिला जो कि देर रात तक चलता रहा।


Body:मुख्यमंत्री ने पंकज उधास है चिट्ठी आई है गीत की फरमाइश की। मुख्यमंत्री के फरमाइश पर पंकज उधास ने नाम फिल्म का गाना ''चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है " को गाया जिसे सुनकर कन्वेंशन सेंटर में मौजूद सभी लोगो की आंखे नम हो गयी। पंकज उधास ने इसके बाद " निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है" सहित कई ऐसे गाने गाए जिसे सुनकर पंच पहाड़ियों से घिरा राजगीर की वादियां झंकृत हो उठी। पंकज उधास ने बताया कि वर्ष 1981 में पहली बार बिहार आए थे । करीब 40 वर्षों में बिहार के कई जिलों में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति की। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में सांस्कृतिक समझ बहुत अधिक है और यहां के लोग और सांस्कृतिक प्रेमी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है।
बाइट। पंकज उधास, ग़ज़ल सम्राट


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