नालंदा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गंगाजल उद्वह परियोजना पर काम तेजी से किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत नालंदा जिले के राजगीर, नवादा और गया जिले में गंगाजल के पानी को आपूर्ति करना है. इसके लिए पटना के मोकामा के मरांची के पास से सरमेरा, रहुई, बिहारशरीफ होते हुए पाइप लाइन के माध्यम से गंगाजल को गिरियक के घोडा कटोरा में इकट्ठा किया जाएगा. इसके बाद उसे प्यूरीफाई कर राजगीर और नवादा में पीने का पानी की आपूर्ति की जाएगी.
गंगाजल उद्वह परियोजना में आयी तेजी
डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि गंगाजल उद्वह परियोजना पर तेजी से काम शुरू किया जा चुका है. भू-अर्जन का काम करीब-करीब पूरा किया जा चुका है और करीब 100 करोड़ रुपये जमीन मालिकों का भुगतान भी किया गया है. पाइप लाइन बिछाने के लिए जिले के बिंद और पावापुरी में कैंप लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को जून 2021 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
पेयजल की किल्लत दूर होगी
जिस गति से काम किया जा रहा है, उम्मीद की जा रही है कि काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा जलाशय निर्माण और वाटर ट्रीटमेंट का काम भी तेजी से किया जा रहा है. गंगाजल को इकट्ठा कर उसे प्यूरीफाई कर राजगीर, गया और नवादा पाइपलाइन के माध्यम से भेजा जाएगा. इन क्षेत्रों में इस परियोजना के पूरे होने से पेयजल की किल्लत दूर होगी.
सीएम कर सकते हैं निरीक्षण
सरकार की योजना के तहत जब गंगा नदी उफान पर होगी पानी अधिक होगा तब यानी जुलाई से अक्टूबर महीने तक के 4 महीने में पंप के माध्यम से गंगाजल निकालकर पाइप के जरिए डैम में पहुंचाया जाएगा. यहां गंगाजल संग्रहित कर सालोंभर संबंधित इलाकों में सप्लाई की जाएगी. इससे यहां के लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा. वहीं, स्थानीय स्तर पर भूगर्भ जल स्तर भी रिचार्ज होकर बढ़ेगा. गंगाजल उद्भव परियोजना का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं निरीक्षण कर सकते हैं.
संभावना जताई जा रही है कि आगामी 29 अगस्त को सीएम सड़क मार्ग से खुद निरीक्षण करेंगे. मोकामा से इस निरीक्षण कार्य की शुरुआत करेंगे. इसके बाद सरमेरा, बिंद, रहुई, बिहराशरीफ होते हुए गिरियक, नवादा और गया तक जा सकते है. इन मार्ग से ही पाइपलाइन गुजर रहा है और इस काम को गति देने के लियेसीएम लगातार प्रयासरत हैं.