नालंदा (राजगीर): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा उद्भव प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतरने (Ganga water reached in Rajgir ) लगा है. इसके तहत गंगा का पानी पाइपलाइन के माध्यम से नवादा के नारदीगंज के बाद नालंदा के राजगीर तक पहुंच गया है. गुरुवार राजगीर में इसका ट्रायल किया गया जो पूरी तरह सफल (Trail of Ganga Udwah Project in Nalanda) रहा. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के मुताबिक, करीब 357.64 एकड़ में फैले, 9.915 MCM जल भंडारण क्षमता वाले विशाल राजगीर जलाशय के बांध की लंबाई 2.013 KM और ऊंचाई 17.07 M है. इसके योजना के माध्यम से नालंदा के राजगीर सहित गया और नवादा जिले के लगभग 12 लाख की आबादी को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जाएगा.
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''जल जीवन हरियाली योजना में एक योजना 'गंगा जल आपूर्ति योजना' जल संसाधन विभाग से जुड़ा हुआ था. इस योजना के तहत अब चार महीना जुलाई से लेकर अक्टूबर तक पानी स्टोर करना है. यह बिहार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि जो पानी समुद्र में चला जाता था. साउथ बिहार में टैंकर से पानी देते थे. अब राजगीर, गया, बोधगया और नवादा शहर में हर घर तक पीने का पानी पहुंच जाएगा. गंगा का पानी पहले हमलोग स्टोर करेंगे. फिर इसे पीने योग्य पानी बनाकर नल से सप्लाई करेंगे.'' - संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार
85 लाख से अधिक लोगों के घरों में पहुंचेगा गंगाजल : बता दें कि बिहार सरकार की ओर से 85 लाख से अधिक लोगों के घरों में गंगाजल पहुंचाने की योजना है. इस पर 500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होनी है. 190 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए गंगा नदी का पानी मोकामा के मराची से राजगीर होते हुए गया तक ले जाया जाएगा.
गंगाजल को ट्रीटमेंट कर पेयजल के लिए लोगों को पानी मुहैया कराया जाएगा. इससे गया शहर को 186 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा. वहीं नालंदा के गिरियक के लिए 24 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति संभव हो सकेगी. राजगीर के घोड़ा कटोरा में 354 एकड़ में पानी स्टोर किया जाएगा. 90 मिलियन क्यूसेक पानी पेयजल के लिए स्टोर किया जाएगा.