नालंदा: जिले में विधानसभा चुनाव की तिथि का ऐलान होने से सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी पूरी ताकत चुनाव जीतने की होड़ में लगा दिया है. लेकिन इस होड़ में किसी भी जनप्रतिनिधियों ने किसानों की समस्या के बारे में नहीं सोचा जो हर साल बाढ़ में पूरी तरह से तबाह हो जाते हैं.
शासन-प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीण परेशान
ग्रामीण गया प्रसाद ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी अच्छे तरीके से पता है कि रहुई प्रखंड पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. इसके बावजूद भी इस बाढ़ जैसी त्रासदी से निपटने के लिए स्थानीय विधायक बीजेपी डॉ सुनील की तरफ से कोई पहल नहीं की गयी है. इसे लेकर ग्रामीणों में प्रशासन और स्थानीय विधायक के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. पिछले कई सालों से ग्रामीण इस समस्या को झेलते आ रहे हैं. वहीं बाढ़ से बचने के लिए दर्जनों घरों के लोगों ने घरों की छतों पर शरण ले लिया है. यदि समय रहते इन्हें सुरक्षित जगह पर नही पहुचाया गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है.
पंचाने नदी का बढ़ा जलस्तर
ग्रामीण धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार 3 दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश से पंचाने नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि गोबरिया दुल्चन्दपुर गांव समेत कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दुलचंदपुर गांव में तो कई जगह तटबंध भी टूट चुके हैं. इसे स्थानीय ग्रामीणों ने ही मरम्मत किया है. ग्रामीणों ने बताया कि हर साल उन्हें बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है और स्थानीय विधायक और प्रशासन सिर्फ मुआयना करके ही छोड़ देते हैं.
धान हुआ नष्ट
जिले में लगातार 3 दिनों से मूसलाधार बारिश होने के कारण पंचाने नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इसके कारण तटबंध भी टूटने लगा है. इसके कारण ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर संवेदक को भी खदेड़ दिया और खुद ही तटबंध बनाने में जुट गए. बाढ़ के कारण इलाके के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों खौफ भी देखा जा रहा है. इस बाढ़ के पानी में लाखो रुपये का धान डूबकर नष्ट हो चुका है.