नालंदाः वैश्विक महामारी बन चुकी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन सजग और सतर्क है. जिले में लॉक डाउन के बाद से देश-विदेश से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. संदिग्ध लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर सैंपल जांच कराई जा रही है. इसके बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में अब तक करीब 5 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. वहीं लॉक डाउन का भी नालंदा में सख्ती से पालन कराया जा रहा है.
कोरोना को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट
जिला प्रशासन की ओर से करीब 200 क्षमता वाले चार आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. जिसमें बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में 40, पावापुरी वर्धमान मेडिकल कॉलेज में 100, राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल में 30 और हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. इसके अलावा जिले में 7 क्वारेंटाइन केंद्र भी बनाए गए हैं, जिसमें 600 लोगों के रखने के क्षमता है. जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय राजगीर में 50, अजंता होटल बिहारशरीफ में 50, इंजीनियरिंग कॉलेज चंडी में 50, हेरिटेज स्कूल नालंदा में 200, बीड़ी अस्पताल बिहारशरीफ में 50, जेपी इंस्टिट्यूट बियाबानी में 50 और आईटीआई कल्यानबीघा में डेढ़ सौ लोगों के रखने की क्षमता है.
200 क्षमता वाले चार आइसोलेशन वार्ड का निर्माण
सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि जिले के 2 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया था. जिसमें पटना के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले वार्ड बॉय में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से वार्ड बॉय से ग्रसित हो गया था. जिसके बाद उसका इलाज पटना में चला. राहत की बात है कि उस मरीज की दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई. वहीं, आबू धाबी से आए सिलाव के रहने वाले युवक में कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उसकी दूसरी जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है.