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RCP सिंह के पैतृक गांव मुस्तफापुर में मायूसी, बोले ग्रामीण- 'आगे बढ़ाकर पैर खींच लेना सीएम नीतीश की पुरानी आदत'

जनता दल (यूनाइटेड) ने RCP सिंह का पत्ता काट दिया है और झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को टिकट दिया है. इसपर आरसीपी सिंह के पैतृक गांव मुस्तफापुर में मायूसी (Disappointment in Mustafapur village) छायी हुई है. क्या कहना है ग्रामीणों का आगे पढ़ें...

Disappointment in Mustafapur village
Disappointment in Mustafapur village
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Published : May 30, 2022, 6:38 PM IST

नालंदा: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर होने वाले चुनाव ( Rajya Sabha Elections 2022) को लेकर सियासी उठापटक के बीच जदयू के दूसरे उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते ही अंतर्कलह बढ़ गई. इस अंतर्कलह का मुख्य कारण आरसीपी सिंह ( JDU Cuts Ticket Of RCP Singh For Rajya Sabha ) को उम्मीदवारी की लिस्ट से बाहर रखना है. इस मामले को लेकर उनके गृह क्षेत्र नालंदा के मुस्तफापुर गांव के लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है. लोग एक सुर में कह रहे हैं कि सिंह के साथ गलत हुआ है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर दिया साफ..आरसीपी सिंह को लेकर ये है प्लान

RCP सिंह के पैतृक गांव मुस्तफापुर में मायूसी

आरसीपी सिंह के गांव में मायूसी: स्थानीय लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) हमेशा आपस में मिल बैठकर फैसला करते थे, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि दोनों के बीच कि आरसीपी बाबू को उन्होंने दरकिनार कर दिया. हमलोगों ने सोचा भी नहीं था कि सीएम इस तरह से आरसीपी सिंह को झटका देंगे. हम लोग मांग करते हैं कि उन्हें एक और मौका देना चाहिए. ऐसे नीतीश कुमार की आगे बढ़ाकर पैर खींच लेने की पुरानी आदत रही है.

"दुख तो है ही. उनमें सहनशीलता थी. नीतीश कुमार ने उनको चढ़ाकर पीछे पैर खींच लिया. हमारी अपील है कि वो जिस पद पर थे उन्हें उसी पद पर रखा जाए."- सुरेश, ग्रामीण

"उनको टिकट देना चाहिए था. मंत्री रहते हुए तो उन्होंने काम किया है. काम के अनुसार उनके साथ गलत हुआ है. हमारी मांग है कि उनको सदस्य बने रहने दिया जाए."- मुनेश्वर चौधरी, ग्रामीण

अब क्या करेंगे आरसीपी? जेडीयू ने आरसीपी सिंह का पत्ता काटकर इस बार खीरू महतो को राज्यसभा का टिकट दिया है. जेडीयू के इस फैसले के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अब पार्टी को आरसीपी सिंह पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. ऐसे में सवाल है कि आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह किस भूमिका में नजर आएंगे. क्या केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे? ये मसला उलझ गया है. लेकिन सीएम नीतीश ने इस मुद्दे को बहुत कुछ सुलझा लिया है.

ललन सिंह ने क्या कहा? : आरसीपी सिंह के बदले खीरू महतो को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यह निर्णय दल के नेता सीएम नीतीश कुमार ने लिया है. पार्टी का निर्णय सभी को स्वीकार करना चाहिए. आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने से नाराजगी के सवाल को ललन सिंह ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि हम कभी भी नाराज नहीं रहे. केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह जेडीयू के प्रतिनिधि थे. आरसीपी सिंह दो बार राज्यसभा भेजे जा चुके हैं, इस बार पार्टी ने पुराने कर्मठ कार्यकर्ता को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है.

सीएम नीतीश ने कही ये बात: वहीं आरसीपी सिंह को टिकट नहीं देने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा है कि 'अभी चुनाव समय से पहले हो रहा है. जब तक उनका टेन्योर है तब तक आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे. उसके बाद भी पूरा समय मिलता है. आरसीपी को तुरंत इस्तीफा देने की क्या जरूरत है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. इसमें दिक्कत क्या है.

ललन सिंह के करीबी है खीरू महतो: जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी खीरू महतो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के काफी खास हैं. बीते साल उन्हें झारखंड जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. खीरू महतो झारखंड के प्रभारी श्रवण कुमार के भी चहेते हैं. दूसरी ओर आरसीपी सिंह का टिकट काटकर खीरू महतो को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद अब जेडीयू में भीतरघात की आशंका जतायी जा रही है.


नालंदा: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों पर होने वाले चुनाव ( Rajya Sabha Elections 2022) को लेकर सियासी उठापटक के बीच जदयू के दूसरे उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते ही अंतर्कलह बढ़ गई. इस अंतर्कलह का मुख्य कारण आरसीपी सिंह ( JDU Cuts Ticket Of RCP Singh For Rajya Sabha ) को उम्मीदवारी की लिस्ट से बाहर रखना है. इस मामले को लेकर उनके गृह क्षेत्र नालंदा के मुस्तफापुर गांव के लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है. लोग एक सुर में कह रहे हैं कि सिंह के साथ गलत हुआ है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर दिया साफ..आरसीपी सिंह को लेकर ये है प्लान

RCP सिंह के पैतृक गांव मुस्तफापुर में मायूसी

आरसीपी सिंह के गांव में मायूसी: स्थानीय लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) हमेशा आपस में मिल बैठकर फैसला करते थे, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि दोनों के बीच कि आरसीपी बाबू को उन्होंने दरकिनार कर दिया. हमलोगों ने सोचा भी नहीं था कि सीएम इस तरह से आरसीपी सिंह को झटका देंगे. हम लोग मांग करते हैं कि उन्हें एक और मौका देना चाहिए. ऐसे नीतीश कुमार की आगे बढ़ाकर पैर खींच लेने की पुरानी आदत रही है.

"दुख तो है ही. उनमें सहनशीलता थी. नीतीश कुमार ने उनको चढ़ाकर पीछे पैर खींच लिया. हमारी अपील है कि वो जिस पद पर थे उन्हें उसी पद पर रखा जाए."- सुरेश, ग्रामीण

"उनको टिकट देना चाहिए था. मंत्री रहते हुए तो उन्होंने काम किया है. काम के अनुसार उनके साथ गलत हुआ है. हमारी मांग है कि उनको सदस्य बने रहने दिया जाए."- मुनेश्वर चौधरी, ग्रामीण

अब क्या करेंगे आरसीपी? जेडीयू ने आरसीपी सिंह का पत्ता काटकर इस बार खीरू महतो को राज्यसभा का टिकट दिया है. जेडीयू के इस फैसले के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अब पार्टी को आरसीपी सिंह पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. ऐसे में सवाल है कि आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह किस भूमिका में नजर आएंगे. क्या केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे? ये मसला उलझ गया है. लेकिन सीएम नीतीश ने इस मुद्दे को बहुत कुछ सुलझा लिया है.

ललन सिंह ने क्या कहा? : आरसीपी सिंह के बदले खीरू महतो को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यह निर्णय दल के नेता सीएम नीतीश कुमार ने लिया है. पार्टी का निर्णय सभी को स्वीकार करना चाहिए. आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने से नाराजगी के सवाल को ललन सिंह ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि हम कभी भी नाराज नहीं रहे. केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह जेडीयू के प्रतिनिधि थे. आरसीपी सिंह दो बार राज्यसभा भेजे जा चुके हैं, इस बार पार्टी ने पुराने कर्मठ कार्यकर्ता को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है.

सीएम नीतीश ने कही ये बात: वहीं आरसीपी सिंह को टिकट नहीं देने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा है कि 'अभी चुनाव समय से पहले हो रहा है. जब तक उनका टेन्योर है तब तक आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे. उसके बाद भी पूरा समय मिलता है. आरसीपी को तुरंत इस्तीफा देने की क्या जरूरत है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. इसमें दिक्कत क्या है.

ललन सिंह के करीबी है खीरू महतो: जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी खीरू महतो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के काफी खास हैं. बीते साल उन्हें झारखंड जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. खीरू महतो झारखंड के प्रभारी श्रवण कुमार के भी चहेते हैं. दूसरी ओर आरसीपी सिंह का टिकट काटकर खीरू महतो को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद अब जेडीयू में भीतरघात की आशंका जतायी जा रही है.


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