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'शराब से तौबा कर लें.. नहीं तो एक-एक कतरा निकाल लेंगे', नालंदा में शराबबंदी पर SHO की चेतावनी - prohibition of liquor in Nalanda

नालंदा में शराबबंदी (Liquor Ban in Nalanda) को सख्ती से लागू करने के लिए दीपनगर थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को संभलने की चेतावनी दी है. थानाध्यक्ष ने कहा है कि लोग अगर नहीं मानेंगे तो सुई से एक-एक बूंद निकाल लिया जाएगा. उनका ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

ग्रामीणों को समझाती पुलिस
ग्रामीणों को समझाती पुलिस
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Published : Sep 5, 2022, 5:10 PM IST

नालंदा: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून लागू है. इसके बावजूद शराब तस्करी और जहरीले शराब पीने से लोगों की मौत के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में नालंदा में शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस गांव-गांव जाकर जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को समझा रही है. इसी कड़ी में दीपनगर थाना क्षेत्र स्थित मघड़ा गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच शराब का निर्माण नहीं करने और शराब नहीं पीने को लेकर जागरूकता शिविर लगाया गया. जिसमें शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान दीपनगर थानाध्यक्ष ने लोगों को संभलने की सख्त चेतावनी (Deepnagar SHO warns people) दी.

ये भी पढ़ें-दूसरी पत्नी पिलाती थी शराब, पहली पत्नी की शिकायत पर शराबी पति गिरफ्तार

लोगों को जागरूक कर रही पुलिस: दीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव में पुलिस ने कैंप लगाकार लोगों को शराब न पीने लिए जागरूक किया. इसके साथ ही गांव के लोगों की एक कमिटी भी बनाया ताकि शराब बेचने और शराब पीने बालो की निगरानी की जा सके. साथ ही इसकी जानकारी थानाध्यक्ष को दें, जिससे पुलिस तत्काल उसपर कार्रवाई कर सके. इस मौके पर थानाध्यक्ष मो. मुश्ताक अहमद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पुलिस और जनता जाग जाए तो अपराध नहीं होगा.

शराबबंदी पर दीपनगर थाना प्रभारी की चेतावनी: दीपनगर थाना प्रभारी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि शराब के मामले में कोर्ट से बेल मिल गई तो वो आजाद हो गए हैं, ये उनकी भूल है. केस खुलने के बाद सजा तय है क्योंकि इसमें पुलिस या चौकीदार की गवाही होती है. वो मुकरेगा नहीं और अगर मुकर गया तो उसकी नौकरी चली जाएगी. कोई अपनी नौकरी गंवाना नहीं चाहेगा. इसलिए अभी भी मौका है लोग शराब से तौबा कर लें. साथ ही यह भी कहा कि अगर नहीं मानें तो एक-एक बूंद निकाल लिया जाएगा.

"आपको सजा मिलना ही मिलना है, क्योंकि इसमें गवाह सरकारी आदमी होता है. पुलिस सिपाही जो आता है चौकीदार वहीं गवाह रहता है और ये मुकरेगा वहां कोर्ट में तो इसी की नौकरी जाएगी. अपनी नौकरी कौन देगा. सब अपने बाल-बच्चे के लिए नौकरी करता है. तो ये भ्रम में नहीं रहो कि बेल हो गई और फिर आकर वहीं करें. अगर नहीं मानें तो एक-एक बूंद निकाल लिया जाएगा"- मो. मुश्ताक अहमद, थानाध्यक्ष, दीपनगर थाना

ये भी पढ़ें-किचन में बने तहखाने से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब बरामद, एक महिला समेत दो गिरफ्तार

नालंदा: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून लागू है. इसके बावजूद शराब तस्करी और जहरीले शराब पीने से लोगों की मौत के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में नालंदा में शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस गांव-गांव जाकर जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को समझा रही है. इसी कड़ी में दीपनगर थाना क्षेत्र स्थित मघड़ा गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच शराब का निर्माण नहीं करने और शराब नहीं पीने को लेकर जागरूकता शिविर लगाया गया. जिसमें शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान दीपनगर थानाध्यक्ष ने लोगों को संभलने की सख्त चेतावनी (Deepnagar SHO warns people) दी.

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लोगों को जागरूक कर रही पुलिस: दीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव में पुलिस ने कैंप लगाकार लोगों को शराब न पीने लिए जागरूक किया. इसके साथ ही गांव के लोगों की एक कमिटी भी बनाया ताकि शराब बेचने और शराब पीने बालो की निगरानी की जा सके. साथ ही इसकी जानकारी थानाध्यक्ष को दें, जिससे पुलिस तत्काल उसपर कार्रवाई कर सके. इस मौके पर थानाध्यक्ष मो. मुश्ताक अहमद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पुलिस और जनता जाग जाए तो अपराध नहीं होगा.

शराबबंदी पर दीपनगर थाना प्रभारी की चेतावनी: दीपनगर थाना प्रभारी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि शराब के मामले में कोर्ट से बेल मिल गई तो वो आजाद हो गए हैं, ये उनकी भूल है. केस खुलने के बाद सजा तय है क्योंकि इसमें पुलिस या चौकीदार की गवाही होती है. वो मुकरेगा नहीं और अगर मुकर गया तो उसकी नौकरी चली जाएगी. कोई अपनी नौकरी गंवाना नहीं चाहेगा. इसलिए अभी भी मौका है लोग शराब से तौबा कर लें. साथ ही यह भी कहा कि अगर नहीं मानें तो एक-एक बूंद निकाल लिया जाएगा.

"आपको सजा मिलना ही मिलना है, क्योंकि इसमें गवाह सरकारी आदमी होता है. पुलिस सिपाही जो आता है चौकीदार वहीं गवाह रहता है और ये मुकरेगा वहां कोर्ट में तो इसी की नौकरी जाएगी. अपनी नौकरी कौन देगा. सब अपने बाल-बच्चे के लिए नौकरी करता है. तो ये भ्रम में नहीं रहो कि बेल हो गई और फिर आकर वहीं करें. अगर नहीं मानें तो एक-एक बूंद निकाल लिया जाएगा"- मो. मुश्ताक अहमद, थानाध्यक्ष, दीपनगर थाना

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