नालंदा: मणिपुर में मई महीने में शुरू हुई जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हिंसे में अब तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है. शनिवार को हुए मुठभेड़ में नालंदा का एक असम राइफल्स में तैनात जवान की मौत हो गई. जिसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी कर शहीद जवान वीरेंद्र यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव इस्लामपुर प्रखंड के दीनदयालगंज गांव पहुंचा.
शहीद का शव पहुंचते ही अमर रहे का गूंजा नारा: हिंसा में शहीद हुए जवान वीरेंद्र यादव की मौत की खबर मिलते ही परिवार वालों और गांव वालों की दिवाली की खुशीयां मातम में बदल गई. जवान का शव गांव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम पसर गया. ग्रामीणों द्वारा वीरेंद्र यादव अमर रहे के नारे से पूरा गांव गूंज उठा. शहीद की एक झलक पाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
2004 में असम राइफल्स में हुआ था भर्ती: बिहार पुलिस से सेवानिवृत्त नालंदा के कैलाश यादव का पुत्र वीरेंद्र कुमार यादव साल 2004 में असम राइफल्स में भर्ती हुआ था. मृतक तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, इस्लामपुर के पूर्व विधायक राकेश रौशन के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.
गार्ड ऑफ ऑनर देकर दी गई विदाई: गांव में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व पुलिस कर्मी मौजूद हुए. शहीद को विदाई देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ लग गई. सभी लोग वीरेंद्र यादव अमर रहे के नारे लगा रहे थे. इस दौरान शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
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