नालंदा: जिले में इन दिनों तेजी से कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ता जा रहा है. वहीं सरकार के निर्देश के बाद कोरोना जांच के लिए सैंपल की संख्या भी बढ़ा दी गयी है, लेकिन रिपोर्ट आने में हो रही लेटलतीफी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका प्रबल हो गई है. हालात यही रहे तो जिले में काफी तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इस दौरान विभाग की भी लापरवाही देखने को मिल रही है.
सैंपल जांच में देरी
संक्रमित मरीजों के क्लोज कांटेक्ट वाले लोगों की सैंपल जांच में देरी से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. बता दें कि पूर्व में जांच रिपोर्ट सैंपल लेने के एक दिन बाद आ जाती थी, लेकिन अब जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन में आ रही है.
रिपोर्ट आने में लग रहा समय
कभी-कभी तो रिपोर्ट आने में एक सप्ताह तक का समय लग जा रहा है. जिसके कारण सैंपल देने वाले व्यक्ति भी पूरी तरह से लापरवाह दिखते हैं. अधिकारियों की मानें तो सैंपल देने वाले व्यक्ति को क्वॉरंटीन रहना होता है. लेकिन अधिकांश व्यक्ति सैंपल देने के बाद बेफिक्र होकर घूमते रहते हैं. जिसके कारण अगर वह व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो ऐसी परिस्थिति में उनके संपर्क में आए लोगों को कोरोना हो सकता है.
रिपोर्ट आने का इंतजार
इस तरह की लापरवाही से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और बड़ी संख्या में लोग कोरोना की जद में आ सकते है. इस प्रकार की लापरवाही पूरे जिले में देखने को मिल रही है. बता दें जिले में फिलहाल 800 लोगों के सैंपल कोरोना जांच के लिए लिये गये हैं. लेकिन रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है.