नालंदा: बिहार के राजगीर में दारोगा का पासिंग आउट परेड का समापन हुआ. पुलिस अकादमी ने सूबे की सेवा करने के लिए 1978 जांबाज दारोगा को सौंप दिया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि डीजीपी आरएस भट्टी ने सभी पास आउट दारोगा को कहा कि आप सभी लोग पूरी कर्त्तव्य निष्ठा से राज्य की सेवा करेंगे. सभी लोग जमीन से जुड़कर काम करें. तभी आपलोग पूरे तरीके से परिपक्व हो सकेंगे. इस पासिंग आउट परेड में शामिल 1978 अवर निरीक्षक (दारोगा) में 2019 बैच के 731 महिला और 1247 पुरुष दारोगा मिले हैं.
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दारोगा का नया बैच पास आउट: राजगीर पुलिस अकादमी में इन लोगों की ट्रेनिंग पिछले साल 4 मार्च 2022 को शुरू हो गई थी. इस आयोजन के दौरान राजगीर पुलिस अकादमी के उपनिदेशक मोहम्मद अब्दुल्लाह खान ने बताया कि नए बैच के पास आउट होने से बिहार में महिला अधिकारियों के अनुपात में वृद्धि हो जाएगी. पुलिस अकादमी के लिए इस बार दूसरा मौका है कि एक ही संस्थान में पुलिस अधिकारियों को पूरी ट्रेनिंग दी गई. इसके दो साल पहले तक दूसरे राज्यों में भेजकर इनलोगों की ट्रेनिंग पूरी करवाई जाती थी. हालांकि अभी पूरी तरह से स्थिति बदल गई है.
कई तरीके से दक्ष्य हुए अधिकारी: उपनिदेशक ने बताया कि 2019 बैच के दारोगा को योग, परेड, पीटी, ध्यान, ड्रिल, फायरिंग, विपन ट्रेनिंग के साथ स्विमिंग आदि में प्रशिक्षित किया गया है. इनलोगों को पूरे तरीके से भीड़ भाड़ से निपटने, साइबर क्राइम, घुड़सवारी के साथ ही तैरने की ट्रेनिंग दी गई है. ये सभी अधिकारी श्वान दस्ता का पूरी तरीके से संचालन करने में दक्ष हैं. सभी अवर निरीक्षकों को संबोधित करते हुए डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि न्याय का पहला स्तम्भ पुलिस है. इसीलिए हम चाहते हैं कि आपलोग सीधे आमजनों की समस्या को पूरे धैर्य से सुनें.
डीजीपी ने दिए मंत्र: उसके बाद उसपर कार्रवाई करने के बारे में सोचें. उन्होंने कहा कि पुलिस वीक में "जन -जन की ओर बढ़ते कदम" अभियान की शुरुआत हुई थी. उसी समय से सिर्फ यहीं उद्देश्य रखा गया था कि पुलिस आमजनों से सम्बंध को कैसे मजबूत कर सके. उन्होंने कहा कि जब भी फील्ड में जाए , तब लोगों की बात सुने. आप अपने आप को उनलोगों की जगह पर रखकर देखें तभी निर्णय लेने में आसानी होगी. जमीन से जुड़कर रहने पर सच्चाई निकलती है.
"पुलिस से लोगों के संबंध को सरल बनाने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. उसी समय से सभी को निर्देश था कि पुलिस और आमजनों के बीच सम्बंध को मजबूत करें. आपलोग जब भी फील्ड में जाए , तब लोगों की बात सुने. आप अपने आप को उनके जगह पर रखकर देखें. उसके बाद निर्णय ले तब जाकर आसानी होगी": आरएस भट्टी, डीजीपी, बिहार