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नालंदा: कोरोना को लेकर अलर्ट पर प्रशासन, सिविल सर्जन लगातार कर रहे मॉनिटरिंग - नालंदा सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया. साथ ही होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का भौतिक सत्यापन करने को भी कहा गया.

नालंदा सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह
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Published : Sep 9, 2020, 12:37 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 7:56 PM IST

नालंदा: जिले में भले ही कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आई है. लेकिन कोरोना संक्रमण को खत्म करने के उद्देश्य से लगातार कोशिशें चल रही हैं. नालंदा के सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को गाइडलाइन जारी किया गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के आसपास के चार-पांच घरों का जांच करें, ताकि फैलाव को रोका जा सके.

नालंदा सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन को लेकर भी सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. ताकि इससे यह पता चल सके कि होम आइसोलेशन कोरोना संक्रमित मरीज के रहने लायक है या नहीं. होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के यहां सुविधा की कमी हो सकती है, जिसके कारण कोरोना संक्रमण का फैलाव हो सकता है. अगर जिनके यहां सुविधा की कमी पाई जाएगी, वैसे मरीजों को इंस्टिट्यूशनल आइसोलेशन में रखने का काम किया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट.

आशाकर्मियों को दिए गए जांच के निर्देश
बता दें कि आशा कर्मियों की ओर से 50 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोग के एसपीओ 2 जांच करने को कहा गया है. जिसमें ऑक्सीजन लेवल का पता चल सके. अगर ऑक्सीजन की मात्रा 95 से नीचे पाया जाता है तो वैसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. उन लोगों का आक्सीजन बढ़ाने के लिए अस्पताल ले जाया जा सके.

नालंदा: जिले में भले ही कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आई है. लेकिन कोरोना संक्रमण को खत्म करने के उद्देश्य से लगातार कोशिशें चल रही हैं. नालंदा के सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को गाइडलाइन जारी किया गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के आसपास के चार-पांच घरों का जांच करें, ताकि फैलाव को रोका जा सके.

नालंदा सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन को लेकर भी सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. ताकि इससे यह पता चल सके कि होम आइसोलेशन कोरोना संक्रमित मरीज के रहने लायक है या नहीं. होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के यहां सुविधा की कमी हो सकती है, जिसके कारण कोरोना संक्रमण का फैलाव हो सकता है. अगर जिनके यहां सुविधा की कमी पाई जाएगी, वैसे मरीजों को इंस्टिट्यूशनल आइसोलेशन में रखने का काम किया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट.

आशाकर्मियों को दिए गए जांच के निर्देश
बता दें कि आशा कर्मियों की ओर से 50 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोग के एसपीओ 2 जांच करने को कहा गया है. जिसमें ऑक्सीजन लेवल का पता चल सके. अगर ऑक्सीजन की मात्रा 95 से नीचे पाया जाता है तो वैसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. उन लोगों का आक्सीजन बढ़ाने के लिए अस्पताल ले जाया जा सके.

Last Updated : Sep 9, 2020, 7:56 PM IST
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