नालंदा: नालंदा सिविल कोर्ट के षष्ठम एडीजे सह पाक्सो विशेष न्यायाधीश आशुतोष कुमार (Justice Ashutosh Kumar) ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में फैसला सुनाया (civil court verdict on POCSO case). दोषी को 20 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा मिली है. वहीं जुर्माने की राशि नहीं भरने की स्थिति में दोषी को दो साल अतिरिक्त जेल में रहना होगा. साथ ही पीड़िता के साथ मारपीट करने वाले दोषियों को तीन महीने की कारावास की सजा मिली है.
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पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 7 लाख रुपये मिलेंगे: कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 7 लाख रुपये सहायता राशि देने का निर्देश दिया है. मामले की सुनाई के दौरान कुल दस लोगों की गवाही कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से पॉक्सो विशेष पीपी जगत नारायण सिन्हा ने बहस की. कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई है. वहीं मामले में आरोपी बनाए गए मनोज चौहान, रंजीत चौहान, अजीत चौहान, सतीश चौहान और इंदू देवी को प्रोवेशन के तहत छोड़ने के आदेश मिला है.
क्या है मामला: थाने में केस नहीं दर्ज करने पर 15 जुलाई 2019 को न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया गया था. मामले का अनुसंधान महिला थाना एएसआई सीमा कुमारी को सौंपा गया. जिसके मुताबिक गिरियक निवासी अमूल्य चौहान (30) पर एक किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा. पीड़िता 22 मार्च 2019 को सात बजे शाम में शौच के लिए जा रही थी. तभी आरोपी ने उसे गेंहू के खेत में जबरन ले जाकर दुष्कर्म को अंजाम दिया.
पीड़िता ने घटना की जानकारी माता पिता को दी. गांव के पंचायत में मामले की सुनवाई हुई. जिसमें मामले को रफा दफा कर दिया गया. जिसके बाद आरोपी ने दोबारा पीड़िता को बरगला कर छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने का प्रयास किया. लेकिन पीड़िता के शोर मचाने पर स्थानीय लोग जुट गए.
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