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नालंदा: छोटी पहाड़ी इलाके में अतिक्रमणवाद शुरू किए जाने के विरोध में प्रदर्शन, निकाला गया जुलूस

छोटी पहाड़ी के ग्रामीणों ने अतिक्रमणवाद के विरोध में जुलूस निकाला है. जहां ग्रामीणों को समझाने पहुंचे सदर एसडीओ ने बताया कि किसी का मकान नहीं टूटेगा, किसी के बहकावे में न आए. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

अतिक्रमणवाद
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Published : Jan 29, 2022, 2:32 PM IST

नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में बीते 15 जनवरी को जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत (Nalanda Poisonous Liquor death Case) हो गई थी. इसके बाद अवैध रूप से रह रहे पहाड़ी क्षेत्र पर लोगों के घर के बाहर जिला प्रशासन ने जमीन मकान संबंधित कागजात पेश करने का अल्टीमेटम दिया था. पहाड़ी क्षेत्र पर रह रहे 1200 लोगों के घर के बाहर नोटिस देकर 02 फरवरी तक उन्हें जमीन मकान संबंधित कागजात अंचलाधिकारी के कार्यालय में दिखाने की बात कही गई है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने जुलूस निकाला है.

इसे भी पढ़ें: सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा, अनुमंडल अधिकारी ने दिये जांच के आदेश

नालंदा जिले में तीन सालों के बाद इतना बड़ा प्रोटेस्ट देखा जा रहा है. हजारों की संख्या में भाकपा-माले कार्यकर्ता मोहल्लेवासियों के साथ छोटी पहाड़ी से भीड़ लेकर माले के बैनर तले पैदल मार्च करते हुए जिला समाहरणालय पहुंचे. जहां जिला प्रशासन और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा उन लोगों का दमन और उत्पीड़न किया जा रहा है.

इस मामले में सदर एसडीओ कुमार अनुराग ने रैली में आए लोगों को संबोधन करते हुए बताया कि यह नोटिस सिर्फ इसलिए चिपकाया गया है, ताकि जो लोग अवैध कार्यों में लिप्त हैं, उनकी पहचान उजागर हो सके. उन्होंने कहा कि किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा. अगर कोई बहला-फुसलाकर यह बात बता रहा है तो उस पर जरा भी ध्यान नहीं देना है.

ये भी पढ़ें: नरकटियागंज में अतिक्रमण मुक्त अभियान के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

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नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में बीते 15 जनवरी को जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत (Nalanda Poisonous Liquor death Case) हो गई थी. इसके बाद अवैध रूप से रह रहे पहाड़ी क्षेत्र पर लोगों के घर के बाहर जिला प्रशासन ने जमीन मकान संबंधित कागजात पेश करने का अल्टीमेटम दिया था. पहाड़ी क्षेत्र पर रह रहे 1200 लोगों के घर के बाहर नोटिस देकर 02 फरवरी तक उन्हें जमीन मकान संबंधित कागजात अंचलाधिकारी के कार्यालय में दिखाने की बात कही गई है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने जुलूस निकाला है.

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नालंदा जिले में तीन सालों के बाद इतना बड़ा प्रोटेस्ट देखा जा रहा है. हजारों की संख्या में भाकपा-माले कार्यकर्ता मोहल्लेवासियों के साथ छोटी पहाड़ी से भीड़ लेकर माले के बैनर तले पैदल मार्च करते हुए जिला समाहरणालय पहुंचे. जहां जिला प्रशासन और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा उन लोगों का दमन और उत्पीड़न किया जा रहा है.

इस मामले में सदर एसडीओ कुमार अनुराग ने रैली में आए लोगों को संबोधन करते हुए बताया कि यह नोटिस सिर्फ इसलिए चिपकाया गया है, ताकि जो लोग अवैध कार्यों में लिप्त हैं, उनकी पहचान उजागर हो सके. उन्होंने कहा कि किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा. अगर कोई बहला-फुसलाकर यह बात बता रहा है तो उस पर जरा भी ध्यान नहीं देना है.

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