नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लॉक डाउन किया गया है. इसकी वजह से जहां आम लोग परेशान हैं. वहीं, जानवर भी इससे अछूते नहीं हैं. जानवरों के चारा-पानी को लेकर पशु पालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. पशु पालकों का कहना है कि चारा आने में भी काफी दिक्कत हो रही है. जिसकी वजह से उनके व्यवसाय को नुकसान हो रहा है. साथ ही पशु के लिए मिलने वाले चारा का दाम भी काफी अधिक हो गया है. जिसके कारण अधिक मूल्य पर चारा खरीदना पड़ रहा है.
चारा का इंतजाम करने में मुश्किल
जिले के पशुपालकों के सामने उचित दाम पर चारा नहीं मिलने से पशुओं को रखने में संकट उत्पन्न हो गया है. शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी पशुओं को खिलाने के लिए चारा का इंतजाम करने में पशुपालकों को काफी दिक्कत हो रही है. दुधारू पशुओं को रखने के लिए पशु आहार जैसे कट्टू और चोकर के दाम आसमान छू रहे हैं.
लॉक डाउन की वजह से वाहनों की आवाजाही बंद है. पशु आहार की दुकानें भी बंद है. ऐसे में पशुपालकों के लिए अपने परिवार के साथ-साथ पशुओं के भरण-पोषण में काफी दिक्कत पेश आ रही है.
पशु आहार में दाम में काफी बढ़ोतरी
पशु पालकों का कहना है कि जब उचित दाम पर आसानी से पशु आहार मिलेगा, तब जरूरतमंद लोगों के बीच दूध की आपूर्ति हो सकेगी. उन्होंने कहा कि पहले चोकर का दाम 900 था, उसकी कीमत आज 1400 हो गई है. 200 रुपये का कट्टू 600 रुपये में मिल रहा है. इसी प्रकार दर्रा और खली के दाम में भी काफी बढ़ोतरी हो गई है.
उनका कहना है कि पशुओं के लिए अनाज उन्हें आसानी से मिल जाते थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि उन्हें दो-तीन दिन इंतजार करना पड़ता है. तब जाकर उन्हें पशु आहार मिल पाता है. ऐसे में पशु भूखे रहने को मजबूर हो जाते हैं.