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नालंदा में शिक्षक नियोजन इकाई का कारनामा, नियुक्ति पत्र देने से 24 घंटे पहले 172 अभ्यर्थियों को ब्लैक लिस्ट में डाला

बिहार में छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Primary Teacher Recruitment In Bihar) के तहत चयनित अभ्यर्थियों को 23 तारीख यानी बुधवार से नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो जाएगा. लेकिन नालंदा में नियुक्ति पत्र देने से 24 घंटे पहले 172 चयनित अभ्यर्थियों को संदेहास्पद सूची में डाल दिया गया. पढ़ें पूरी खबर...

शिक्षक अभ्यर्थियों को संदेहास्पद सूची में डाला
शिक्षक अभ्यर्थियों को संदेहास्पद सूची में डाला
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Published : Feb 22, 2022, 8:38 PM IST

नालंदाः बिहार के नालंदा में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र (Primary Teachers Appointment Letter) देने से 24 घंटे पूर्व 172 चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को संदेहास्पद सूची (172 Primary Teacher Candidate Blacklisted In Nalanda) में डाल दिया गया. जबकि इसकी कोई अधिकारिक सुचना नहीं है. अभ्यर्थियों के वाह्यसएप पर इसकी सूचना कहीं से आई, जिसके बाद आक्रोशित अभ्यर्थी डीईओ कार्यालय बिहारशरीफ पहुंचे, जहां इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. अब अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा या नहीं.

ये भी पढ़ेंः 23 से मिलेगा प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र, अभी तक 562 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट फर्जी

अभ्यर्थियों ने बताया कि इस रद्द सूची के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी एनआईसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है. बिना किसी कारण बताओ नोटिस के सूची जारी कर दी गई, इस मामले को लेकर जब आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कुछ भी कहे बिना गाड़ी पर बैठकर वहां से निकल गए.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा मंत्री पर RJD का हमला, पूछा- 'शिक्षक नियोजन को लेकर पहले झूठ बोल रहे थे या अब झूठ बोल रहे हैं'

मौके पर मौजूद अभ्यर्थियों ने बताया कि 24 घंटे नियुक्ति के बचे हैं और ऐसे में इस तरह की लापरवाही हम सब की जिंदगी खराब कर सकती है. बिना किसी कारण बताओ नोटिस के हमारे आवेदन को रद्द किया जा रहा है, तो शिक्षा विभाग इसकी वजह भी बताए. अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर हम लोग गलत हैं, तो हम लोग को अभी के अभी जेल भेज दिया जाए.


बता दें कि शिक्षा विभाग ने 23 फरवरी से शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की घोषणा की है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा एलान किया है कि यह नियुक्ति पत्र सभी नियोजन इकाइयां देंगी और नियुक्ति पत्र मिलते ही शिक्षक योगदान दे सकते हैं. जिन शिक्षक अभ्यर्थियों के सीटेट या बीटेट सर्टिफिकेट की जांच पूरी हो चुकी है, सिर्फ उन्हें ही योगदान की तिथि से वेतन मिलेगा. लेकिन नालंदा में शिक्षक नियोजन इकाई के इस अजब कारनामें से अभ्यर्थियों में निराशा छा गई है, जिनको संदेहास्पद सूची में डाल दिया गया है और उन्हें नियुक्ति पत्र 23 फरवरी को नहीं मिल पाएगा. अब ये लोग संबंधित अधिकारी के जवाब के इंतजार में हैं कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों किया गया.

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नालंदाः बिहार के नालंदा में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र (Primary Teachers Appointment Letter) देने से 24 घंटे पूर्व 172 चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को संदेहास्पद सूची (172 Primary Teacher Candidate Blacklisted In Nalanda) में डाल दिया गया. जबकि इसकी कोई अधिकारिक सुचना नहीं है. अभ्यर्थियों के वाह्यसएप पर इसकी सूचना कहीं से आई, जिसके बाद आक्रोशित अभ्यर्थी डीईओ कार्यालय बिहारशरीफ पहुंचे, जहां इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. अब अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा या नहीं.

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अभ्यर्थियों ने बताया कि इस रद्द सूची के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी एनआईसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है. बिना किसी कारण बताओ नोटिस के सूची जारी कर दी गई, इस मामले को लेकर जब आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कुछ भी कहे बिना गाड़ी पर बैठकर वहां से निकल गए.

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मौके पर मौजूद अभ्यर्थियों ने बताया कि 24 घंटे नियुक्ति के बचे हैं और ऐसे में इस तरह की लापरवाही हम सब की जिंदगी खराब कर सकती है. बिना किसी कारण बताओ नोटिस के हमारे आवेदन को रद्द किया जा रहा है, तो शिक्षा विभाग इसकी वजह भी बताए. अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर हम लोग गलत हैं, तो हम लोग को अभी के अभी जेल भेज दिया जाए.


बता दें कि शिक्षा विभाग ने 23 फरवरी से शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की घोषणा की है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा एलान किया है कि यह नियुक्ति पत्र सभी नियोजन इकाइयां देंगी और नियुक्ति पत्र मिलते ही शिक्षक योगदान दे सकते हैं. जिन शिक्षक अभ्यर्थियों के सीटेट या बीटेट सर्टिफिकेट की जांच पूरी हो चुकी है, सिर्फ उन्हें ही योगदान की तिथि से वेतन मिलेगा. लेकिन नालंदा में शिक्षक नियोजन इकाई के इस अजब कारनामें से अभ्यर्थियों में निराशा छा गई है, जिनको संदेहास्पद सूची में डाल दिया गया है और उन्हें नियुक्ति पत्र 23 फरवरी को नहीं मिल पाएगा. अब ये लोग संबंधित अधिकारी के जवाब के इंतजार में हैं कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों किया गया.

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