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यहां 10 भुजा में विराजमान हैं मां, दरबार से अनसुनी नहीं होती कोई पुकार - Devotees in temple

मुजफ्फरपुर में मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ (Maa Baglamukhi Pitambari Siddhipith) मंदिर हिंदुस्तान का इकलौता मंदिर है. जहां माता दस भुजा में विराजमान है. नवरात्रि (Navratri) में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

मुजफ्फरपुर
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Published : Oct 7, 2021, 3:18 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर (Maa Baglamukhi Pitambari Siddhipeeth) परिसर में भी श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है. श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करा कर माता के दर्शन करवाए जा रहे हैं. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर की विशेष मान्यता है.

ये भी पढ़ें- नवरात्रि: संकल्प का नाम है व्रत, इन चीजों का सेवन करने से सफल हाेगी आराधना

मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य कवि पाठक ने बताया कि इस मंदिर की विशेष मान्यता है. यहां माता बगलामुखी दस महा विद्या जो तंत्र रूप में आती है. दस भुजा में विराजमान है, जो अपने आप में अलौकिक और दिव्य है. ये इकलौता स्थान है, जहां हरिद्रा गणपति के साथ माता विराजमान रहती हैं. नवरात्रा में नौ दिन अखंड हवन चलता है. माता को गुरुवार को दही और हल्दी चढ़ाना चाहिए. यहां सहस्त्र दल यंत्र स्थापित हैं, जो भक्तों की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण करती है.

देखें वीडियो

''इस मंदिर में मां बगलामुखी 10 महाविद्या जो तंत्र रूप में आती हैं. 10 महाविद्या 10 भुजा में विराजमान हैं. जो अपने आप में आलौकिक है. यहां माता हरिद्रा गणपति के साथ विराजमान रहती हैं. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर में नवरात्र में 9 दिन अखंड हवन चलता है.''- कवि पाठक, आचार्य, मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर

ये भी पढ़ें- Navratri 2021: पहले दिन मां तारा चंडी शक्तिपीठ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानें क्या है महिमा

हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है. नवरात्रि का नाम सुनते ही लोगों में भक्ति की लहर दौड़ जाती है. भक्त इन नौ दिनों को लेकर अति उत्साहित रहते हैं. मुख्यतः ये नौ दिन शक्ति की आराधना के दिन होते हैं. सामान्यजन के लिए प्रत्येक वर्ष छह माह के अंतराल पर दो बार नवरात्रि आती है. अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर (Maa Baglamukhi Pitambari Siddhipeeth) परिसर में भी श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है. श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करा कर माता के दर्शन करवाए जा रहे हैं. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर की विशेष मान्यता है.

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मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य कवि पाठक ने बताया कि इस मंदिर की विशेष मान्यता है. यहां माता बगलामुखी दस महा विद्या जो तंत्र रूप में आती है. दस भुजा में विराजमान है, जो अपने आप में अलौकिक और दिव्य है. ये इकलौता स्थान है, जहां हरिद्रा गणपति के साथ माता विराजमान रहती हैं. नवरात्रा में नौ दिन अखंड हवन चलता है. माता को गुरुवार को दही और हल्दी चढ़ाना चाहिए. यहां सहस्त्र दल यंत्र स्थापित हैं, जो भक्तों की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण करती है.

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''इस मंदिर में मां बगलामुखी 10 महाविद्या जो तंत्र रूप में आती हैं. 10 महाविद्या 10 भुजा में विराजमान हैं. जो अपने आप में आलौकिक है. यहां माता हरिद्रा गणपति के साथ विराजमान रहती हैं. मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर में नवरात्र में 9 दिन अखंड हवन चलता है.''- कवि पाठक, आचार्य, मां बगलामुखी पीताम्बरी सिद्धपीठ मंदिर

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हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है. नवरात्रि का नाम सुनते ही लोगों में भक्ति की लहर दौड़ जाती है. भक्त इन नौ दिनों को लेकर अति उत्साहित रहते हैं. मुख्यतः ये नौ दिन शक्ति की आराधना के दिन होते हैं. सामान्यजन के लिए प्रत्येक वर्ष छह माह के अंतराल पर दो बार नवरात्रि आती है. अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है.

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