मुजफ्फरपुरः ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ चक्का जाम कर जमकर नारेबाजी की. सरकार के 14 चक्का और उससे अधिक चक्के की गाड़ियों पर बालू गिट्टी के परिवहन पर रोक को एसोसिएशन ने काला कानून बताया है. बिहार सरकार ने 16 दिसम्बर को एक कानून लागू किया है. इसके तहत बिहार के अंदर 14 चक्के और उससे अधिक चक्के की ट्रकों से बालू-गिट्टी की ढ़ुलाई नहीं की जाएगी.
'अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजी शासन नहीं गई'
बिहार सरकार ने अधिक चक्के की गाड़ियों पर बालू गिट्टी के परिवहन पर रोक सड़कों की सुरक्षा और उसके लंबे अवधि तक टिके रहने को लेकर किया है. इसके विरोध में ट्रक मालिक सड़कों पर उतर आए हैं. ट्रक मालिकों ने धरना प्रदर्शन करते हुए इस कानून को वापस लेने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजी शासन नहीं गई.
बालू का खनन
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नीतीश सरकार हर साल कुछ महीने के लिए बालू का खनन बंद करवा देती है. हम यदि अपने गाड़ियों की बॉडी कटवा कर उसे छोटा कर देंगे तो हमारी गाड़ियां उन दिनों में बैठ जाएंगी. उन्होंने कहा कि उस अवधि में गाड़ियों का किश्त कैसे जामा होगी जबकि सरकार हमसे रोड टैक्स, प्रदूषण का पैसा पहले ले लेती है.
'बेरोजगार करना चाहती है सरकार'
ट्रक मालिक नंदन कुमार ने सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार 19 लाख लोगों को रोजगार देने की बात करती है और हमें सड़क पर लाने को उतारू है. उन्होंने कहा कि 14, 16 या 22 चक्के की दूसरे राज्य की गाड़ियां जब गांधी सेतु , दीघा या भागलपुर के पुल से गुजरती है तो पुल डैमेज नहीं होता है. लेकिन बिहार की निबंधित गाड़ियों के गुजरने से पुल खराब हो जाएगा.