मुजफ्फरपुर: गुरुवार को नवरात्रि (Sharad Navaratri) के आखिरी दिन महानवमी (Mahanavami) के मौके पर देवी के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की उपासना की जा रही है. देवी के इस रूप को देवी का पूर्ण स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि केवल इस दिन मां की उपासना करने से सम्पूर्ण नवरात्रि की उपासना का फल मिल सकता है. महानवमी पर शक्ति पूजा भी की जाती है. मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में महानवमी के दिन सबसे अधिक रौनक मां बगलामुखी (Maa Baglamukhi) के दरबार में नजर आई.
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मान्यता है कि मां बगलामुखी शत्रुओं का विनाश करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के ठीक नीचे सर्व मनोकामना सिद्ध 'सहस्त्र दल महायंत्र' स्थापित है जो हर व्यक्ति की मुरादें पूरी करती हैं। नवरात्र में यहां देशभर से दर्जनों अघोर तांत्रिक साधना के लिए जुटते हैं। यहां दश महाविद्या में मां का आठवां स्वरूप है। ऐसी मान्यता है कि यहां 21 दिन नियमित दर्शन करने आने पर मां भगवती भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.
यहां दस महाविद्या में मां का आठवां स्वरूप है. यही कारण है कि महानवमी को होने वाली विशेष पूजा में शामिल होने के लिए यहां सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में आ रहे हैं. यह सिलसिला संध्या आरती तक जारी है.
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वहीं, मंदिर के महंत अजित कुमार ने बताया कि नवरात्र में माता बगलामुखी के पूजन से भक्तों की सभी मनोरथ पूर्ण हो जाता है. जो भक्त सच्चे मन से माता को दही-हल्दी और दूभ चढ़ाते हैं, उनको मन वांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही शत्रुओं का विनाश भी होता है. नवमी के दिन माता की विशेष पूजा की जा जाती है.
शहर के कच्ची सराय रोड स्थित प्रसिद्ध मां पीतांबरी बगलामुखी सिद्धपीठ में वैसे तो सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन दुर्गा पूजा के समय यहां की रौनक ही अलग होती है. मंदिर में स्थापित माता की अष्टधातु की प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.