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...तो अर्जुन की मौत बाढ़ की चपेट में आने से नहीं हुई!

बिहार के मुजफ्फरपुर की एक तस्वीर की चर्चा पूरे देश में है. ग्राउंड पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने वायरल तस्वीर से जुड़ी सच्चाई का खुलासा किया है.

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Published : Jul 19, 2019, 8:50 AM IST

डिजाइन फोटो.

पटना/मुजफ्फरपुर: चार साल पहले तीन साल के एलेन की तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिला डाला था. ऐसी ही एक तस्वीर एक बार फिर सामने आई है बिहार के मुजफ्फरपुर से. 3 महीने के बच्चे की ये तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर से सबका दिल पसीज गया. दरअसल, ये तस्वीर है तीन महीने के अर्जुन की. जिसकी बॉडी मछुआरों के जाल में फंस गई. और जब बाहर निकली तो इसे देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए. जितनी भावुक करने वाली यह तस्वीर है. उससे कहीं दर्दनाक इसके पीछे की कहानी.

देखें वीडियो.


सच जान हैरान हो जाएंगे आप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर की सच्चाई जान आप हैरान हो जाएंगे. मां और उसकी ममता पर से आपका विश्वास उठ जाएगा. इस कहानी पर से पर्दा उठाते हुए मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष बताते हैं कि शितलपट्टी गांव में एक बच्चे की नहीं तीन की मौत हुई है. इसके पीछे उसकी मां रीना देवी का ही हाथ है. उन्होंने बताया कि पति से झगड़े के बाद बच्चों के साथ पत्नी नदी के पास आ गई. इसके बाद एक-एक कर चारों बच्चों को नदी में फेंक दिया. इस मां को 3 महीने के मासूम को भी फेंकने में ममता नहीं आई. फिर उसने खुद नदी में छलांग लगा ली. डीएम के मुताबिक स्थानीय गोताखोरों की मदद से मां और उसकी एक बच्ची को बचा लिया गया. लेकिन, तीन और मासूमों को नहीं बचाया जा सका. इन्हीं में एक तीन महीने का अर्जुन है. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

muzaffarpur
डीएम आलोक रंजन घोष.


क्या कह रही है मां
हालांकि, बच्चों की मां रीना देवी कुछ और मनगढंत कहानी बता रही है. उसने बताया कि नदी किनारे वो बच्चों के साथ गई थी. लेकिन, इसके बाद बच्चे कैसे नदी में चले गए. इस बारे में कुछ भी पता नहीं है.

muzaffarpur
बच्चों की मौं.


इनका क्या है कहना
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि रीना देवी अपने चार बच्चों के साथ बागमती की पुरानी धारा में स्नान करने गयी थी. नदी किनारे वह कपड़ा धोने लगीं. इसी बीच तीन महीने का सबसे छोटा बेटा नदी में गिर गया. बेटे को बचाने के लिए रीना गहरे पानी में उतर गईं और डूबने लगीं. मां को डूबते देख उसके बाकी तीन बच्चे नदी में उतर गए और सभी गहरे पानी में चले गए. नदी में स्नान करने आए लोगों ने सभी को डूबते देख शोर मचाया. आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने रीना और उसकी बेटी को पानी से बाहर निकाल लिया. बाकी तीन डूब गए.

muzaffarpur
बच्चों की दादी.


क्या झूठ बोल रहा है पति
स्थानीय, उधर डीएम ने स्पष्ट कह दिया है कि यह आपराधिक मामला है. इसमें किसी तरह के मुआवजे की बात नहीं है. आरोपी रीना देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. डीएम ने यह भी बताया कि रीना के पति से भी पूछताछ की जा रही है. उसे पिछले महीने चमकी बुखार हुआ था. इस वजह से उसका व्यवहार बदल गया है.

muzaffarpur
स्थानीय लोग.


मौत नहीं हत्या!
उधर, अर्जुन की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. लोग इसे शेयर कर रहे हैं और बाढ़ से जोड़ रहे हैं. इसकी तुलना चार साल पहले सोशल मीडिया पर आई एलेन कुर्दी की तस्वीर से की जा रही है. जो समंदर किनारे मृत पाया गया था. लेकिन, डीएम ने स्पष्ट कह दिया है कि इस मौत का बाढ़ से कोई लेना देना नहीं है. बच्चों की मौत नहीं हत्या हुई है.

पटना/मुजफ्फरपुर: चार साल पहले तीन साल के एलेन की तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिला डाला था. ऐसी ही एक तस्वीर एक बार फिर सामने आई है बिहार के मुजफ्फरपुर से. 3 महीने के बच्चे की ये तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर से सबका दिल पसीज गया. दरअसल, ये तस्वीर है तीन महीने के अर्जुन की. जिसकी बॉडी मछुआरों के जाल में फंस गई. और जब बाहर निकली तो इसे देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए. जितनी भावुक करने वाली यह तस्वीर है. उससे कहीं दर्दनाक इसके पीछे की कहानी.

देखें वीडियो.


सच जान हैरान हो जाएंगे आप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर की सच्चाई जान आप हैरान हो जाएंगे. मां और उसकी ममता पर से आपका विश्वास उठ जाएगा. इस कहानी पर से पर्दा उठाते हुए मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष बताते हैं कि शितलपट्टी गांव में एक बच्चे की नहीं तीन की मौत हुई है. इसके पीछे उसकी मां रीना देवी का ही हाथ है. उन्होंने बताया कि पति से झगड़े के बाद बच्चों के साथ पत्नी नदी के पास आ गई. इसके बाद एक-एक कर चारों बच्चों को नदी में फेंक दिया. इस मां को 3 महीने के मासूम को भी फेंकने में ममता नहीं आई. फिर उसने खुद नदी में छलांग लगा ली. डीएम के मुताबिक स्थानीय गोताखोरों की मदद से मां और उसकी एक बच्ची को बचा लिया गया. लेकिन, तीन और मासूमों को नहीं बचाया जा सका. इन्हीं में एक तीन महीने का अर्जुन है. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

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डीएम आलोक रंजन घोष.


क्या कह रही है मां
हालांकि, बच्चों की मां रीना देवी कुछ और मनगढंत कहानी बता रही है. उसने बताया कि नदी किनारे वो बच्चों के साथ गई थी. लेकिन, इसके बाद बच्चे कैसे नदी में चले गए. इस बारे में कुछ भी पता नहीं है.

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बच्चों की मौं.


इनका क्या है कहना
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि रीना देवी अपने चार बच्चों के साथ बागमती की पुरानी धारा में स्नान करने गयी थी. नदी किनारे वह कपड़ा धोने लगीं. इसी बीच तीन महीने का सबसे छोटा बेटा नदी में गिर गया. बेटे को बचाने के लिए रीना गहरे पानी में उतर गईं और डूबने लगीं. मां को डूबते देख उसके बाकी तीन बच्चे नदी में उतर गए और सभी गहरे पानी में चले गए. नदी में स्नान करने आए लोगों ने सभी को डूबते देख शोर मचाया. आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने रीना और उसकी बेटी को पानी से बाहर निकाल लिया. बाकी तीन डूब गए.

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बच्चों की दादी.


क्या झूठ बोल रहा है पति
स्थानीय, उधर डीएम ने स्पष्ट कह दिया है कि यह आपराधिक मामला है. इसमें किसी तरह के मुआवजे की बात नहीं है. आरोपी रीना देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. डीएम ने यह भी बताया कि रीना के पति से भी पूछताछ की जा रही है. उसे पिछले महीने चमकी बुखार हुआ था. इस वजह से उसका व्यवहार बदल गया है.

muzaffarpur
स्थानीय लोग.


मौत नहीं हत्या!
उधर, अर्जुन की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. लोग इसे शेयर कर रहे हैं और बाढ़ से जोड़ रहे हैं. इसकी तुलना चार साल पहले सोशल मीडिया पर आई एलेन कुर्दी की तस्वीर से की जा रही है. जो समंदर किनारे मृत पाया गया था. लेकिन, डीएम ने स्पष्ट कह दिया है कि इस मौत का बाढ़ से कोई लेना देना नहीं है. बच्चों की मौत नहीं हत्या हुई है.

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